CG Mahila Paryavekshak GK Notes in Hindi 2023 PDF Download

छत्तीसगढ़ महिला पर्यवेक्षक महत्वपूर्ण तथ्य GK 2023

chhattisgarh Mahila important questions and answers

आज की हमारी यह आर्टिकल CG Mahila Supervisor General Knowledge विषय से सन्बन्धित है, इस पोस्ट में हम आपको छत्तीसगढ़ महिला पर्यवेक्ष विषय से संबंधित सभी प्रकार की GK PDF को Download करने की LInk उपलब्ध कराऐंगे ! जिन पर क्लिक करके आप इनको Download कर पाएँगे ! जो कि आपको आने छत्तीसगढ़ महिला पर्यवेक्ष Exams में उपयोगी साबित होगी !

MOST IMP CG महिला पर्यवेक्षक मॉडल पेपर Part – 1 CLICK HERE

MOST IMP – CG पर्यवेक्षक मॉडल पेपर Part – 2 CLICK HERE

CG महिला पर्यवेक्षक मॉडल पेपर Part – 3 CLICK HERE

CG Paryavekshak OLD Question Paper

छत्तीसगढ़ में महिला पर्यवेक्षक परीक्षा 2009 + 2013 में हुआ था

त्तीसगढ़ महिला पर्यवेक्षक क्वेश्चन पेपर 2009 खुली सीधी भर्ती Click Here

छत्तीसगढ़ महिला पर्यवेक्षक क्वेश्चन पेपर 2009 परिसीमित सीधी भर्ती Click Here

छत्तीसगढ़ महिला पर्यवेक्षक क्वेश्चन पेपर 2013 खुली सीधी भर्ती  Click Here

छत्तीसगढ़ महिला पर्यवेक्षक क्वेश्चन पेपर 2013 परिसीमित सीधी भर्ती Click Here

छत्तीसगढ़ महिला पर्यवेक्षक Question Paper के लिए ज्वाइन करे whatsapp ग्रुप CLICK HERE

छत्तीसगढ़ का सम्पूर्ण व्याकरण अर्थ सहित Click here

महत्वपूर्ण दिवस/सप्ताह/वर्ष

  • 8 मार्च – अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
  •  7 अप्रैल विश्व स्वास्थ्य दिवस
  • 11 जुलाई विश्व जनसंख्या दिवस
  • 8 सितम्बर अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस
  •  16 अक्टूबर विश्व खाद्य दिवस
  • 21 अक्टूबर विश्व आयोडीन अल्पताजन्य रूग्णता निवारण दिवस.
  • 14 नवम्बर, विश्व बाल दिवस.
  • 1 दिसम्बर, विश्व एड्स दिवस.
  • 10 दिसम्बर, अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस
  • 1975 अंतर्राष्ट्रीय महिला वर्ष
  • 1979 अंतर्राष्ट्रीय बाल वर्ष
  • संयुक्त राष्ट्र संघ ने महिलाओं के सम्मान में 8 मार्च 1975-8 मार्च 1985 के दशक को महिला दशक घोषित किया।
  • 1 अगस्त से अगस्त नक प्रतिवर्ष विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है.

छत्तीसगढ़ महिला पर्यवेक्षक GK

छत्तीसगढ़ महिला पर्यवेक्षक Important Questions And Answers 2023 in Hindi PDF Download : छत्तीसगढ़  व्यावसायिक परीक्षा मंडल विभाग इस साल छत्तीसगढ़ महिला पर्यवेक्षक की 200 पदों पर भर्ती कर रहा है | हजारो विद्यार्थी आवेदन कर रहे है तथा परीक्षा की तैयारी करते है , इसके बावजूद सफलता नहीं मिल पाती है | इसलिए इस पोस्ट में आपको CG Mahila Paryavekshak GK नोट्स दे रहे है | CG Mahila Paryavekshak Sample Paper 2023 से आप यह जान सकते है कि छत्तीसगढ़ महिला पर्यवेक्षक का पेपर कैसे आता है तथा किस विषय के कितने प्रश्न आते है | इस वेबसाइट में आपको CG Mahila Supervisor GK नोट्स की जानकारी दी गयी है |

छत्तीसगढ़ महिला पर्यवेक्षक NOTES पहले मै 100 रुपये में देता था अब फ्री में नोट्स देता हु

NOTES के लिए WhatsApp ग्रुप ज्वाइनकरे में join click here

CG Mahila Paryavekshak GK NOTES फ्री में पाने के लिए ज्वाइन करे whatsapp ग्रुप CLICK HERE

छत्तीसगढ़ महिला पर्यवेक्षक GK PDF फ्री में पाने के लिए ज्वाइन करे Telegram ग्रुप CLICK HERE

CG Mahila Paryavekshak Syllabus PDF CLICK HERE

CG Mahila Paryavekshak 2009 Question Paper PDF CLICK HERE

CG Mahila Paryavekshak 2013 Question Paper PDF CLICK HERE

महिला पर्यवेक्षक GK

CG Mahila Supervisor GK Notes in Hindi

  1. छत्तीसगढ़ में 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों की संख्या लगभग 38 लाख है.
  2. मध्यप्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग 1908 एवं महिला बाल विकास संचालनालय 1986 में स्थापित किया गया.
  3. छ.ग. राज्य के सभी 146 विकासखण्डों में 152 ग्रामीण एवं 11 शहरी, कुल 183 समेकित बाल विकास सेवा परियोजना कार्यरत् है, जिनके माध्यम से 34937 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है.
  4. . समेकित बाल विकास सेवा योजना गांधी जी की 100वीं जयंती, 2 अक्टूबर 1975 से प्रारंभ की गई. यह केन्द्रीय क्षेत्रीय योजना है. इसे विश्व बैंक यूनिसेफ और भारत सरकार द्वारा सहायता प्रदान किया जा रहा है.
  5. . सर्वप्रथम यह योजना छत्तीसगढ़ के तोकापाल विकास खण्ड में प्रारंभ की गई.
  6.  समेकित बाल विकास सेवा परियोजना कार्यक्रम शत-प्रतिशत केन्द्र सरकार के वित्तीय सहयोग से चलाया जा रहा है, किन्तु
  7. इस पर पूर्ण प्रशासनिक नियंत्रण राज्य सरकार का है.
  8.  समेकित बाल विकास सेवा परियोजना कार्यक्रम का लक्षण बच्चों का सम्पूर्ण विकास तथा 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों एवं
  9. गर्भवती/शिशुवती माताओं को स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा जैसी आवश्यक आधारभूत सेवायें प्रदान करना है
  • राष्ट्रीय महिला आयोग – प्रथम अध्यक्ष श्रीमती जयंती पटनायक  वर्तमान अध्यक्ष अध्यक्ष रेखा शर्मा
  • राज्य महिला आयोग – प्रथम अध्यक्ष श्रीमती हेमवंत पोर्ते वर्तमान अध्यक्ष डॉ.किरणमयी नायक 
  • छ.ग. महिला एवं बाल विकास विभाग – प्रथम मंत्री श्रीमती गीतादेवी सिंह वर्तमान मंत्री श्रीमति अनिला भेड़िया

IMP GKमहिला एवं बाल विकास अधिनियम PDF click here

छत्तीसगढ़ व्यापम में पूछे गये प्रश्न 2000-2021 तक  click here

छत्तीसगढ़ महिला पर्यवेक्षक NOTES फ्री लेने के लिए WhatsApp करे 9109266750 में

समेकित बाल विकास परियोजना की सेवायें :

1. टीकाकरण – आंगनबाड़ी केन्द्र के परिक्षेत्र की समसत गर्भवती महिलायें, किशोरी बालिकाएं एवं 0-6 वर्ष तक के समस्त बच्चे.

2. स्वास्थ्य जांच – आंगनबाड़ी केन्द्र के परिक्षेत्र की समस्त गर्भवती महिलायें, धात्री माताएं,0-6 वर्ष तक के बच्चे तथा किशोरी बालिकायें

3. परामर्श (संदर्भ) सेवाएं – आंगनबाड़ी केन्द्र के परिक्षेत्र के 0-6 वर्ष तक के गम्भीर कुपोषित बच्चे, विकलांग बच्चे जोखिम वाले बच्चे, बीमार बच्चे, खतरे के लक्षण वाली गर्भवती महिलायें/शिशुवती माताएं.

4. पूरक पोषाहार– आंगनबाड़ी केन्द्र के परिक्षेत्र की समस्त गर्भवती महिलायें, शिशुवती माताये, 06 माह से 06 वर्ष तक के बच्चे.

5. स्वास्थ्य एवं पोषण शिक्षा – आंगनबाड़ी केन्द्र के परिक्षेत्र की समस्त 15-45 साल की महिलायें, गर्भवती महिलायें, धात्री मातायें एवं किशोरी बालिकायें.

6. शाला पूर्व अनौपचारिक शिक्षा– आंगनबाड़ी केन्द्र के परिक्षेत्र की समस्त, 03-06 वर्ष तक के समस्त बच्चे..

7. आंगनबाड़ी केन्द्र ग्राम/वार्ड में स्थापित एक सेवा स्थान है, जहां समेकित बाल विकास परियोजना की सेवायें,

8. वर्ष आयु तक के बच्चे, शिशुवती, गर्भवती माताएं एवं किशोरी बालिकाओं को प्रदान किया जाता है.

.9 आंगनबाड़ी केन्द्र स्थापित करने की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाती है. राज्य सरकार, भारत सरकार से प्राप्त स्वीकृति के आधार पर आंगनबाड़ी केन्द्र स्थापित करता है.

 10. ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में 400-800 जनसंख्या पर एक आंगनबाड़ी तथा जनजाति एवं दुर्गम क्षेत्रों में 300 से 800 पर एक आंगनबाड़ी केन्द्र खोलने का प्रावधान है.

 11. मिनी आंगनवाड़ी खोलने के लिए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में 150 से 400 तक जनसंख्या एक केन्द्र तथा जनजाति एवं दुर्गम क्षेत्रों के लिए 150 से 300 जनसंख्या तक एक केन्द्र खोलने का प्रावधान है.

12. आंगनबाडी केन्द्र अंतर्गत निवासरत् गरीब/कमजोर परिवार के निमालाखत सदस्य आंगनबाड़ी केन्द्र के हितग्राही होते है

  •  6 वर्ष आयु तक के बच्चे
  •  गर्भवती माता
  •  शिशुवती माता एवं
  • किशोरी बालिका (11 से 18 वर्ष)
  •  15 से 45 वर्ष की महिलायें

महिला एवं बाल विकास द्वारा प्रदान किये जाने वाले पुरस्कार

  • • राज्य वीरता पुरस्कार
  • • आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुरस्कार- 5000 रू. नगद 25000 रू. नगद
  • • राष्ट्रीय शौर्य पुरस्कार- 18 वर्ष से कम वर्ष 2008-09 में छत्तीसगढ़ राज्य के दो बच्चों कुमारी सीमा कंवर एवं स्वर्गीय कुमारी कविता कंवर को प्रदान किया गया है.
  • • नेशनल चाइल्ड अवार्ड फॉर एक्सेप्शनल एचीवमेंट, राजीव गांधी मानव सेवा अवार्ड फार सर्विस टू चिल्ड्रन
  • मिनी माता सम्मान- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक महिलाओं के उत्थान हेतु
  • उत्कृष्ठ कार्य करने वाली राज्य की किसी एवं महिला अथवा संस्था को मिनी माता सम्मान प्रदान किया जाता है. बालश्री सम्मान
  • डॉ. दुर्गा बाई देशमुख पुरस्कार- डॉ. दुर्गाबाई देशमुख केन्द्रीय समाज कल्याण बोर्ड की संस्थापक अध्यक्ष थी. उनकी
  • स्मृति में महिलाओं के कल्याण और सबलीकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली स्वैच्छिक संगठन को 5 लाख की राशि एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है.
  • राष्ट्रीय स्त्री शक्ति पुरस्कार – देवी अहिल्या बाई होल्कर पुरस्कार, कन्नगी पुरस्कार के नाम से दिया जाता है. रानी
  • रूद्रम्मा देवी पुरस्कार को सम्मिलित किया गया. पुरस्कार छ.ग. के शमशाद बेगम को वर्ष 2006-07 के लिए वर्ष 2008 में एवं श्रीमती सुनिता यादव को वर्ष 2002-03 के लिए वर्ष 2006 में प्रदान किया गया है..
  • पंचायती राज संस्थाओं में 50 प्रतिशत स्थान महिलाओं के लिए आरक्षित रखने का प्रावधान छत्तीसगढ़ में किया गया
  • भारत शासन ने पहली राष्ट्रीय बाल नीति 1974 में अपनाई.
  • महिला सशक्तिकरण नीति 2001– भारत शासन ने महिलाओं के कल्याण विकास एवं सशक्तिकरण हेतु एक बहु आया
  • महिला सशक्तिकरण नीति 2001 तैयार कर लागू की है.

छत्तीसगढ़ महिला पर्यवेक्षक NOTES FREE JOIN WhatsApp GROUP करे में

CG Hariram Patel Book Pdf 2021 फ्री डाउनलोड करें CLICK NOW 

महिला एवं बाल विकास GK

  •  आंगनबाड़ी केन्द्र का संचालन प्रतिदिन कम से कम 4-5 घण्टे किया जाना आवश्यक है.
  • आंगन बाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की नियुक्ति मान देय पर की जाती है. जिसके आयु 18 से 44 वर्ष होती है. इसमें कार्य करने की अधिकतम आयु सीमा 62 वर्ष है.
  •  महिला पर्यवेक्षक द्वारा माह में कम से कम 25 आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण आवश्यक है.
  • आंगन बाड़ी केन्द्र में बाल विकास परियोजना अधिकारी वर्ष में 7 दिन अवकाश घोषित कर सकता है.
  • ग्रामीण परियोजना के आंगन बाड़ी के लिए भवन किराया प्रति माह 200 रू. प्रावधानिक है. जबकि सारी क्षेत्रों के लिए 750 रू. प्रावधानित है.
  • समेकित बाल विकास सेवा परियोजना के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए 6 रोगों से बचाव के लिए टीकाकरण कराया जाता है
  • 1. तपेदिक
  • 2 गलघोंटू
  • 3 काली खांसी
  • 4. टिटनेस
  • 5. पोलियो
  • 6. खसरा

छत्तीसगढ़ महिला पर्यवेक्षक NOTES के लिए WhatsApp करे 9109266750 में free

आंगनबाड़ी केन्द्रों में सामान्यतः प्रत्येक मंगलवार अथवा पोषण दिवस के दिन टीकाकरण किया जाता है,

  • बी.सी.जी. – 12 माह से 9 माह तक
  • डी.पी.टी. -1 माह से 9 माह तक
  • पोलियो -13 माह से 9 माह तक 
  • खसरा -9 महीने से 12 महीने को उन तक
  • पोलियो – 16 से 24 माह
  •  बी.सी.जी. का टीका तपेदिक (टी.बी.) से बचाता है.
  • डी.पी.टी. का टीका गलघोंट, काली खांसी और टिटनेस से प्रतिरक्षण करता है.
  • . गर्भदती महिलाओं को अधिकतम दो टिटनेस टाल्साइड के टीके लगते हैं,
  •  खसर का टीका नौ माह के उम्र में लगाया जाता है, 
  • . बी.सी.जी. का टीका त्वचा में एवं टी.बी., डी.पी.टी. और खसरा का टीका मांसपेशी में लगाया जाता है.
  • तपेदिक, गलघोटू, काली खांसी, टिटेनस जीवाणु से होता है.
  •  बी.सी.जी. का टीका लगाने से दुखार आता है एवं टीके के स्थान पर फफोले व सफेद पानी आता है.
  • डी.पी.टी. खसरा एवं पोलियो की खुराक 10 माह के होने पर एक साथ दी जा सकती है.
  • . बच्चे को 9-12 माह विटामिन ‘ए’ की प्रथम खुराक एवं 18 माह में दूसरी खुराक दी जाती है एवं 5 वर्ष की आयु तक कुल 9 खुराक दी जाती है
  • अनौपचारिक शिक्षा समेकित बाल विकास सेवा परियोजना के उद्देश्यों को प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण अंग है, आंगनबाड़ी केन्द्र में कम से कम दो घंटे तक अनौपचारिक शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए. अनौपचारिक शिक्षा का उद्देश्य 3 से 06 वर्ष की उम्र के बच्चों की पूर्ण विकास को बढ़ावा देना है.
  •  आंगनबाड़ी केन्द्र में प्रत्येक मंगलवार या किसी अन्य दिवस को पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा का आयोजन किया जाता है.
  • संतुलित आहार से आशय जिस भोजन में सभी पोषक तत्व सही अनुपात में हो.
  •  एक साधारण कार्य करने वाली महिला को प्रतिदिन 1900 कैलोरी एवं 50 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है एवं भारी काम करने वाले महिला को 3000 कैलोरी एवं 50 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है.
  •  आंगनबाड़ी केन्द्र में दिये जाने वाले पूरक पोषण आहार- आंगनबाड़ी केन्द्र में दी जाने वाली आहार केवल “पूरक आहार” है न कि सम्पूर्ण आहार.
  • छ: महत्वपूर्ण रोवाओं में “पूरक पोषण आहार’ आंगनबाड़ी केन्द्र में पूरक पोषण आहार माह में 25 दिवस एवं वर्ष में 300 दिवस प्रदान किया जाना आवश्यक है.
  • आंगन बाड़ी केन्द्र 6 माह से 6 वर्ष आयु तक के सामान्य बच्चों को पूरक पोषण आहार में 300 कैलोरी एवं 8-10 ग्राम
  • प्रोटीन की मात्रा दर जाती है एवं गंभीर कुपोषित बच्चों को 600 कैलोरी एवं 16-20 ग्राम प्रोटीन की मात्रा दी जाती है,
  • 15 अगस्त, 20 जनवरी, 2 अक्टूबर आदि को भी आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यक्रमों का आयोजन कर पूरक पोषण आहार का वितरण किया जाता है.
  • आंगनबाड़ी केन्द्रों में सप्ताह में एक दिन सूखा राशन पूरक पोषण आहार वितरित किया जाता है.
  • शिशुवती माता, गर्भवती माता, 6 माह से 3 वर्ष तके बच्चे, किशोरी बालिकाये (जिन्हें शाला में मध्यान्ह भोजन नहीं मिलता)
  • सूखा राशन (पूरक पोषण आहार) प्राप्त करने वाले को माह में 25 दिवस पूरक पोषण आहार प्रदान किया जाता है.
  • शरीर के लिए आवश्यक तत्वों में आवश्यक पोषक तत्वों में विटामिन, खनिज लवण, अमीनो अम्ल, वसा अम्ल तथा ऊर्जा स्त्रोत स्वरूप कुछ कार्बोहाइड्रेट शामिल है. पोषण तत्वों को सामान्यतः दो भागों में विभाजित किया. 
  • वृहद् पोषक तत्व (मैक्रोन्यूट्रियन्ट) :- कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, खनिज लवण तथा जल वृहद् पोषक तत्व हैं.
  • सूक्ष्म पोषक तत्व (माइक्रोन्यूट्रियन्ट) :- सूक्ष्म पोषक तत्वों में विटामिन (जल विलय तथा वसा विलय) और आवश्यक
  • सूक्ष्म मात्रिक खनिज लवण भी शामिल है. इन पोषक तत्वों की पर्याप्त आपूर्ति अच्छे स्वास्थ्य, कार्यात्मक दक्षता तथा उत्पादकता बनाये रखने के लिए आवश्यक है.
  • संपूरक आहार प्रारम्भ करने का समय- शिशु को 6 माह पश्चात् संपूरक आहार देना हर हाल में प्रारम्भ कर देना चाहिए.
  • शिशु को स्तनपान से संपूरक आहार पर लाने की प्रक्रिया धीरे-धीरे किया जाना चाहिए.

कौशल्या मातृत्व योजना का उद्देश्य क्या है

  • पहली बालिका के जन्म पर माताओं को 4000 राशि प्रदान करना
  • तीसरी बालिका के जन्म पर माताओं को 6000 राशि प्रदान करना
  • चौथी बालिका के जन्म पर माताओं को 12000 राशि प्रदान करना
  • दूसरी बालिका के जन्म पर माताओं को प्रोत्साहन राशि 5000 प्रदान करना

छत्तीसगढ़ में कौशल्या मातृत्व योजना कब लागू की गई 

  • 1 मार्च 2021
  • 2 अक्टूबर 2020
  • 15 अगस्त 2021
  • 26 जनवरी 2021

छत्तीसगढ़ महतारी दुलारी योजना कब लागू की गई 

  • 13 मई 2021
  • 1 मार्च 2021 
  • 26 जनवरी 2021 
  • 2 अक्टूबर 2021

छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना का उद्देश्य क्या है कोविड से अनाथ हुए बच्चों के संरक्षण हेतु

  • बालिकाओं के जन्म पर प्रोत्साहन राशि प्रदान करना
  • माताओं को सस्ती दर पर दवा उपलब्ध कराना
  • मुक्ता ने बच्चों के लिए कपड़ा प्रदान करना

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत प्रति जिला कितनी राशि का प्रावधान केंद्र शासन द्वारा किया गया है

  •  प्रति जिला ₹50,00,000
  •  प्रति जिला ₹6,00,000
  •  प्रति जिला ₹70,00,000
  •  प्रति जिला ₹80,00,000

छत्तीसगढ़ राज्य में नोनी सुरक्षा योजना कब से लागू है 

  • 1 अप्रैल 2009 
  • 1 अप्रैल 2014 
  • 16 अप्रैल 2016 
  • 1 अप्रैल 2019

छत्तीसगढ़ की मितानिन तर्ज पर पूरे देश में संचालन होने वाले कार्यक्रम का नाम है 

  • आशा कार्यक्रम
  • मितानिन कार्यक्रम
  •  मित्र कार्यक्रम
  •  सुरक्षा कार्यक्रम

छत्तीसगढ़ में बाल भोज योजना का प्रारंभ किस जिले से हुआ था 

  • राजनागांव
  • खैरागढ़
  • बिलासपुर 
  • रायपुर 

घरेलू हिंसा महिला संरक्षण अधिनियम लागू किया गया था 

  • 26 अक्टूबर 2006 को
  • 26 जनवरी 2006 को
  • 15 अगस्त 2006 को
  • 2अक्टूबर 2006 को

छत्तीसगढ़ में कामकाजी महिलाओं के लिए दिसंबर 2023 तक कितने कामकाजी महिला हॉस्टल का संचालन हो रहा है 

  • 05
  • 06
  • 07
  • 08

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 1 जुलाई 2019 से मिनी आंगनबाड़ी सहायिका को दिए जा रहे कुल मानदेय में राज्य शासन का कितना है 

  • 1500 रुपए
  • 2000 रुपए
  • 2400 रुपए
  • 3000 रुपए

छत्तीसगढ़ राज्य शासन द्वारा 1 जुलाई 2019 से मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को कुल कितने मानदेय प्रदान किया जा रहा है 

  • ₹3000
  • ₹2000
  • ₹4000
  • ₹4500

छत्तीसगढ़ की किस जिले में दिसंबर 2021 की स्थिति में सबसे कम संचालित आंगनबाड़ी केंद्र हैं 

  • नारायणपुर
  • कवर्धा 
  • कोरिया 
  • सरगुजा 

छत्तीसगढ़ महिला कोष की स्वालंबन योजना के अंतर्गत कौशल प्रशिक्षण हेतु प्रत्येक जिले में कितनी महिलाओं का चयन किया जाता है 

  • 5 महिलाओं का
  • 10 महिलाओं का
  • 15 महिलाओं का
  • 20 महिलाओं का

टेक होम राशन की अंतर्गत पूरक पोषण आहार में क्या दिया जाता है

  • रेडी टू ईट फूड
  • दलिया
  • दूध
  • मल्टीविटामिन दवाई 

छत्तीसगढ़ में महतारी जतन योजना की शुरुआत किस जिले से की गई थी 

  • कोरिया जिले से
  • कवर्धा 
  • कोरिया 
  • सरगुजा 

सखी वन स्टॉप सेंटर योजना का शुभारंभ हुआ था 

  • जुलाई 2014 से
  • जुलाई 2015 से
  • जुलाई 2016 से
  • जुलाई 2017 से

सक्षम योजना के अंतर्गत पात्र महिला हितग्राही है 

  • विधवा महिला
  • तलाकशुदा महिला 
  • विधवा महिला व तलाकशुदा महिला 
  • Ans – विधवा महिला व तलाकशुदा महिला तथा 35 से 45 वर्ष की अविवाहित युवती 

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत सहयोग राशि कितने किस्तों में हितग्राही को प्रदान की जाती है दो किस्तों में

  • तीन किस्तों में
  • चार  किस्तों में
  • पाच किस्तों में

महतारी जतन योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को कितने ग्राम प्रोटीन की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाती है 

  • 16. 80 ग्राम
  • 17. 80 ग्राम
  • 20. 80 ग्राम
  • 25. 80 ग्राम

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सदस्यों का कार्यकाल होता है 

  • 3 वर्ष
  • 4 वर्ष
  • 5 वर्ष
  • 6 वर्ष

छत्तीसगढ़ बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2007 कब से प्रभाव सील है 

  • 26 जनवरी 2008 से
  • 9 जनवरी 2008 से
  • 9 जनवरी 2009 से
  • 9 जनवरी 2015 से

बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम 2005 कब से लागू किया गया 

  • 20 जनवरी 2006
  • 9 जनवरी 2008 से
  • 15 अगस्त 2005
  • 26 जनवरी 2009

छत्तीसगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग के प्रथम अध्यक्ष कौन हैं 

  • यशवंत जैन
  • डा रमन सिह
  • डा किरन
  • संजना तिवारी

कोलेस्ट्रोल क्या है 

बच्चे के जन्म के बाद 3 दिन तक माता के स्थान से आने वाला पीला गाड़ी दूध को कोलेस्ट्रोल कहते हैं

  • छत्तीसगढ़ की महिला सशक्तिकरण नीति लागू हैं 
  • 2001
  • 2002
  • 2003
  • 2004

यौन जनित रोग है 

  • सिफलिस
  • सैक्रायड
  • गनोरिया हार्पीज़
  • इनमे से सभी

जननी सुरक्षा योजना लागू किया गया है  

सुरक्षित प्रसव हेतु मातृत्व लाभ

अंजलि 27 साल की है उसे 1 दिन की खूनी दस्त है मितानिन उसे क्या सलाह देगी 

  • केवल कोट्रिक की गोली देगी
  • विटामिन ए टेबलेट देगी
  • मल्टीविटामिन टेबलेट देगी
  • 9 से 12 महीने की उम्र में शिशुओं को किस विटामिन की प्रथम खुराक दी जानी चाहिए 
  • विटामिन A
  • विटामिन B
  • विटामिन C
  • विटामिन D

गर्भवती महिलाओं को सामान्यता कमी हो जाया करती है 

  • आयरन एवं कैल्शियम की
  • विटामिन B12
  • विटामिन C
  • विटामिन D

बाल श्रमिक अधिनियम 1986 के अनुसार कितने वर्ष आयु के बच्चों को बाल श्रमिक माना गया है 

  • 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को
  • 15 वर्ष से कम आयु के बच्चों को
  • 17 वर्ष से कम आयु के बच्चों को
  • 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना छत्तीसगढ़ राज्य में कब से लागू की गई 

  • 22 जनवरी 2015
  • 26 जनवरी 2015
  • 15 AUGUST 2015
  • 22 जनवरी 2019

प्रसव पूर्व/प्रसव के समय/प्रसव उपरान्त माता एवं नवजात शिशु की देखभाल

  •  गर्भवती महिलाओं की पोषण एवं स्वास्थ्य संबंधी देखभाल में लापरवाही, शिशु एवं मातृ-मृत्यु का सबसे प्रमुख कारण है.
  •  गर्भावस्था के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां – गर्भवती महिला को प्रतिदिन 300 कैलोरी एवं 15 ग्राम प्रोटीन की अतिरिक्त मात्रा की आवश्यकता होती है, जिसकी पूर्ति आहार की अधिक मात्रा एवं अधिक आवृत्ति से हो सकती है..
  •  खून की कमी (एनीमिया) : गर्भावस्था के दौरान खून की कमी एक आम समस्या है. लाल कणिकाओं में पाया जाने वाला लाल रंग का पदार्थ जिसे हीमोग्लोबिन कहते हैं औसत 100 मि.ली. खून में 15 ग्राम हीमोग्लोबिन पाया जाता है. 
  • गर्भवती महिला को चौथे माह से आयरन फॉलिक एसिड की एक गोली प्रतिदिन, 100 दिवस तक तथा खून की कमी दाले गर्नवती
  • महिला को आई एफ ए की दो गोली प्रतिदिन 100 दिवस तक सेवन करने की सलाह.
  • खून की इस स्वाभाविक कमी को रोकने के लिए गर्भवती महिला को गर्भावस्था के चौथे माह से प्रतिदिन आयरन फोलिक एसिड की एक गोली के हिसाब से 100 दिवस तक गोली का सेवन करें,
  • पपीता जिसमें विटामिन ए की मात्रा पायी जाती है. प्रायः गर्भकाल में नहीं दिया जाता है, क्योंकि यह विश्वास किया जाता है कि गर्भपात हो जाएगा. यह एक गलत धारणा है.
  •  गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान प्रतिदिन 300 कैलोरी एवं 15 ग्राम प्रोटीन की अतिरिक्त आवश्यकता होती है.
  •  तीन वर्ष तक के बच्चों को 1240 कैलोरी, 22 ग्राम प्रोटीन, 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को 1700 कैलोरी एवं 30 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है.
  • शिशु को 7वें माह में संपूरक आहार देना प्रारंभ कर देना चाहिए एवं स्तन पान 24वें माह तक जारी रखना चाहिए.
  •  गर्भवती महिलाओं को गर्भकाल में 4,7 एवं 9वें माह में तीन जाँच की आवश्यकता होती है.
  • खून की कमी से बचने हेतु गर्भवती महिलाओं को चौथे माह से फालिक एसिड की 100 गोली देनी होती है.
  • गर्भवती महिला का गर्भावस्था के दौरान 10-12 कि.ग्रा. वजन बढ़ना चाहिए.
  • गर्भवती महिलाओं पर रक्तचाप 130/90 से कम होना चाहिए.
  • जन्म के समय एक सामान्य शिशु का वजन 2.5 कि.ग्रा. से अधिक होना चाहिए.
  •  6 माह तक की आयु की शिशु को प्रतिदिन 8-10 बार स्तन पान कराना चाहिए.
  • बच्चे के जन्म के तीन दिन बाद तक माता के स्तन से आने वाले पीला गाढ़ा दूध को कोलेस्ट्रान कहते हैं.
  • शिशु को ऊपरी आहार के रूप में का दूध दिया जाना उचित है.

छत्तीसगढ़ महिला पर्यवेक्षक NOTES मात्र 50 में लेने के लिए WhatsApp करे 9109266750 में

वृद्धि निगरानी

  • पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों की वृद्धि निगरानी की जाती है.
  • बच्चों की वृद्धि का सही और विश्वसनीय माप वजन में वृद्धि है.
  • बच्चों में वृद्धि- छ: माह तक 600-800 ग्राम प्रति माह, 7-12 माह तक 300-400 ग्राम प्रति माह एवं 3 वर्ष तक 150-200 ग्राम प्रतिमाह वजन बढ़ना चाहिए.
  • • वृद्धि रेखा में झुकाव नीचे की ओर का तात्पर्य बच्चों की उम्र बढ़ रही है किंतु वजन घट रहा है, वृद्धि रेखा सीधी में बच्चे का वजन स्थिर रहता है एवं वृद्धि रेखा ऊपर की ओर है तो उन में वृद्धि के साथ वजन भी बढ़ता है.
  • नवीन वृद्धि चार्ट में बच्चे को तीन वर्ग में रखा गया है. नवीन वृद्धि चार्ट में तीन पट्टियां (हरा, पीला और लाल) होती है.
  • • जो बच्चे हरी पट्टी में आते हैं सामान्य वर्ग के तथा जो बच्चे पीली पट्टी में आते हैं वे कुपोषित एवं लाल पट्टी वाले गंभीरकुपोषित होते हैं.
  • नवीन वृद्धि चार्ट में खड़ी रेखा बच्चे के वजन को दर्शाता है.

कुपोषण GK

  • तत्वों के आधार पर कुपोषण तीन प्रकार के होते हैं :
  1. . प्रोटीन की कमी से होने वाला कुपोषण जिसे क्याशियॉकर कहते हैं,
  2. प्रोटीन एवं पोषक तत्वों के मिली-जुली सूखा रोग (मरास्मरा)
  3. सूक्ष्म पोषक तत्वों विटामिन ए बी सी’ या खनिज तत्वों कैल्शियम, आयरन, आयोडिन, जिंक, मैग्नीशियम की कमी से होने वाला कुपोषण, 

बच्चों में होने वाली बीमारियां

1. एनीमिया- आयरन की कमी से

2. घा, बौनापन, मन्दबुद्धि – आयोडीन की कमी से

3. रतौंधी, बीटॉट– स्पॉट, रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होना, कुपोषण, खसरा, मारी श्वांस, संक्रमण, दस्त- विटामिन ए की कमी से

4. क्वाशियाकर जिसमें बच्चे की वृद्धि रूक जाती है- प्रोटीन, खनिज, लवण एवं विटामिन की कमी से

5: मरास्मस जिसमें हाथ-पैर कमजोर हो जाते हैं तथा बच्चे की आँखों में खुरदुरापन आ जाता है एवं बच्चा रिरियाता है – प्रोटीन एवं कैलोरी की कमी से

  • नशबंदी परिवार नियोजन का स्थायी साधन है,
  • सिफलिस, गनोरिया. हार्पिज, शैकायड यौन जनित रोग है. 

यौन जनित रोग

  • सिफलिस
  • शैक्रायड
  • गोनोरिया
  • हर्पीस- हर्पीस, जननांगो पर मस्से और जननांगों में मोलस्क संक्रमण ऐसे रोग हैं.

छत्तीसगढ़ महिला पर्यवेक्षक NOTES मात्र 50 में लेने के लिए WhatsApp करे 9109266750 में

विविध प्रावधान

स्व सहायता समूह

  • महिला स्वसहायता समूह की अवधारण के जनक बांग्लादेश के मोहम्मद युसूफ थे, जिन्हें 2006 का शांति के लिए नोबल पुरस्कार प्रदान किया गया.
  • स्व सहायता समूह में न्यूनतम 10 सदस्य हो सकते हैं.
  • • वर्तमान में प्रदेश में लगभग 70 हजार महिला स्व सहायता समूह का गठन किया गया है जिनके माध्यम से 8 लाख महिलाएं संगठित हुई है तथा बचत करके लगभग 40 करोड़ रू. जमा कर चुके हैं.
  • • महिला स्व सहायता समूह को छत्तीसगढ़ महिला कोष की ऋण योजना, नवा अंजोर, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम आदि से लामान्वित किया जा रहा है.
  • • महिला स्व सहायता समूह लोकतांत्रिक समानता और सर्वसम्मति के सिद्धांतों पर कार्य करती है.
  • पूरक पोषण आहार :- आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से एकीकृत बाल विकास सेवा परियोजना के हितग्राहियों को वितरित किये जाने वाले पूरक पोषण आहार के वितरण का दायित्व महिला स्व-सहायता समूहों को 1 अप्रैल 2007 से सौंपा गया है.
  • शोरी शक्ति योजना राज्य में 1.11.2000 से लागू है 11 से 18 आयु वर्ग की किशोरी बालिकाओं को किशोरावस्था होने वाले शारीरिक-मानसिक बदलावों के संबंध में जानकारी देना और इन परिवर्तनों के लिए उन्हें मानसिक तैयार करना योजनान्तर्गत संचालित सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों से किशोरी बालिकाओं का चयन करते हुए प्रति परियोजना 300 किशोर बालिकाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है.

आयुष्मति योजना – योजना अंतर्गत ग्रामीण, भूमिहीन महिलाओं एवं गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाले को ईलाज की विशेष सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. यह 1 नवम्बर 1991 से राज्य में संचालित है. पश्चात् वर्ष 11 जून 2002 में ग्रामीण भूमिहीन महिलाओं के साथ-साथ गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की महिलाओं को भी योजना के दायरे में लाया गया. 300 प्रति वर्ष तथा माध्यमिक शाला में पढ़ने वाली रू. 400 प्रतिवर्ष की सहायता जो कि नगद राशि के अलावा कपड़े, पुस्तक आदि के रूप में आयुष्मति योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए गरीबी रेखा अथद भूमिहीन होने का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होता है.

सामूहिक विवाह योजना 2 मई 2005 से प्रारम्म किया गया. इस योजना का नाम दिनांक 06 अगस्त 2008 को परिवर्तित कर मुख्यमंत्री कन्यादान योजना कर दिया गया.

आर्थिक सहायता सामग्री के रूप में 4000 रू. 2021- में सरकार द्वारा ₹25000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है

  • विवाह के सामग्री के रूप में – 1000
  • कुल सहायता – 5000

आर्थिक सहायता वर्तमान 2023 में 

  • 2021- विवाहित के खुशहाल जीवन तथा गृहस्थी की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अन्तर्गत प्रत्येक कन्या के विवाह हेतु अधिकतम 50,000 रूपये की राशि प्रदान की जाएगी।
  • 2023- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी के द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की 25,000 राशि को चालू वित्तीय वर्ष में बढ़ाकर अब 50,000 रुपए कर दिया गया है।

जननी सुरक्षा योजना – दिनांक 1.1.2006 से प्रारम्भ

  • उद्देश्य– सुरक्षित प्रसव एवं संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहन देना.
  • ग्रामीण इलाकों की महिला संस्थागत प्रसव कराती है तो उसे कुल राशि 1400 रू. दिये जायेंगे तथा मितानिन प्रोत्साहित करती है तो उन्हे 200 रू. की प्रोत्साहन राशि दी जाती है.
  • शहरी क्षेत्र की महिला को संस्थागत प्रसव कराने पर 1000रू. तथा मितानिन को 200रू. प्रोत्साहन राशि दी जाती है.

ये भी पढ़े : छत्तीसगढ़ का सम्पूर्ण व्याकरण अर्थ सहित Click Now

CG Mahila Supervisor GK

  • दत्तक पुत्री शिक्षा योजना के अंतर्गत सहायता नगद राशि एवं कपड़े. पुस्तक एवं पाठ्य सामग्री के रूप में दी जाती है.

कौशल उन्नयन प्रशिक्षण योजना, छत्तीसगढ़ महिला कोष द्वारा महिलाओं के क्षमता विकास के लिए चलाई जा रही है.

इंदिरा महिला कोष का गठन 22.2002 को किया गया. जिसका नाम बदलकर 2004 से छत्तीसगढ़ महिला कोध कर दिया गया.

छत्तीसगढ़ महिला कोष – 2 फरवरी 2002 गठन के समय कोष का नाम छत्तीसगढ़ महिला कोष था, जिसे परिवर्तित कर इंदिरा महिला कोष कर दिया.

• छत्तीसगढ़ महिला कोष द्वारा महिला स्व-सहायता समूहों को आसान शर्तो पर ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 15 अगस्त 2003 से ऋण योजना का संचालन किया जा रहा है. इसमें 5.5 प्रतिशत व्याज पर स्वैच्छिक संगठनों को तथा 6.5 प्रतिशत वार्षिक साधारण व्याज दर पर स्व-सहायता समूह को ऋण प्रदान किया जाता है.

छत्तीसगढ़ महिला कोष का पदेन अध्यक्ष महिला एवं बाल विकास विभाग का मंत्री होता है.

महिला स्वसहायता समूह को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए छत्तीसगढ़ महिला कोष द्वारा महिला स्व सहायता समूह ऋण योजना चलाई जा रही है.

राष्ट्रीय महिला आयोग- राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना दिनांक 31.1.1992 को सामाजिक विकास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. प्रथम अध्यक्ष श्रीमती जयंती पटनायक थी. वर्तमान में सुश्री गिरिजा व्यास हैं.

CG Tuteja GK Notes PDF फ्री डाउनलोड CLICK HERE

महिला एवं बाल विकास विभाग की विभागीय जानकारी

  • • प्रदेश में राज्य महिला आयोग का गठन दिनांक 24.03 2001 को किया गया. आयोग महिला आयोग अधिनियम 1995 के प्रावधानानुसार कार्य करती है, वर्तमान में राज्य महिला आयोग में 05 सदस्य है.
  • • छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के प्रथम अध्यक्ष श्रीमती हेमवंत पाते थी इसके उपरांत श्रीमती सुधा वर्मा एवं वर्तमान में श्रीमती विभा राय है,
  • • केन्द्रीय समाज कल्याण बोर्ड की स्थापना 1953 में किया गया. वर्तमान में केन्द्रीय समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्षा श्रीमती प्रेमा करियप्पा जी है. 
  • राज्य समाज कल्याण बोर्ड की प्रथम अध्यक्ष श्रीमती विनोदिनी मिश्रा एवं वर्तमान में श्रीमती हेमलता चन्द्राकर है.
  • • केन्द्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा)- केन्द्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण सभी दत्तक ग्रहण मामलों पर विचार करने के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का नोडल निकाय है.
  • • राष्ट्रीय जन सहयोग तथा बाल विकास संस्थान (निपसिड), नई दिल्ली- निपसिड एक स्वायत्शासी संगठन है. इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है. यह मानव संसाधन विकास मंत्रालय के महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्वाधान में कार्य करता है.
  • • नारी निकेतन- 16 वर्ष से अधिक आयु की अनाथ कन्याओ, विधया, निराश्रित, परित्यक्ता, अविवाहित माताओं, तिरस्कृत व बेसहारा, सामाज से प्रताड़ित महिलाओ को आश्रय द सहारा प्रदान रायपुर, अम्बिकापुर एवं दंतेवाड़ा में नारी निकेतन संचालित
  • • शासकीय बाल संरक्षण गृह – कुष्ठ रोगियों के 18 वर्ष आयु तक के स्वस्थ्य बच्चों को उनके माता-पिता से अलग रखकरउन्हें स्वस्थ वातावरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से संचालित इस संस्था में उन्हें आवास, शिक्षण, भोजन, वस्त्र तथा प्रशिक्षण की सुविधा दी जाती है. बिलासपुर एवं रायपुर में संचालित
  • • मातृ कुटीर- इस योजना का उद्देश्य अनाथ बच्चों व निराश्रित महिला को एक साथ परिवार के रूप में गठित करके पारिवारिक वातावरण निर्मित करना है. दुर्ग एवं जगदलपुर में मातृ-कुटीर स्थापित किया. 
  • योजना क्रियान्वयन अधिकारी
  • • समेकित बालविकास सेवा परियोजना के संचालन का दायित्व बाल विकास परियोजना अधिकारी का है,
  • • पर्यवेक्षक अपने सेक्टर अंतर्गत आने वाले समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों के निरीक्षण, पर्यवेक्षण के लिए उत्तरदायी होती है. प्रत्येक
  • पर्यवेक्षक को प्रतिमाह कम से कम 25 आंगनबाड़ी केन्द्र का निरीक्षण किया जाना आवश्यक है.
  • • समेकित बाल विकास परियोजना के कार्यक्रमों एवं विभागीय क्रियान्वयन के लिए गृह भेंट सबसे प्रभावी उपकरण है, आंगनबाड़ी
  • कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षक के दायित्व में गृह भेंट का समावेश किया गया है.
  • • प्रसूति अवकाश- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका को दो जीवित बच्चे तक 90 दिवस की प्रसूति अवकाश की पात्रता है.
  • • आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए बीमा योजना 01.04.2001 से प्रारंभ ये बीमा योजना 18 से 60 वर्ष की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताटों
  • पर लागू होती है. जिसके तहत 280 रू. वार्षिक प्रीमियम है.
  • • आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बीमा योजना अंतर्गत वार्षिक प्रीमियम में 100 रूपये भारत सरकार एवं 100 रूपये भारतीय जीवन बीमा
  • निगम और 80 रू. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का अंश दान है.
  • • 2007-08 एवं 2008-09 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से ली जाने वाली 80 रू. प्रीमियम पर छूट प्रदान की गई है. इसका नौडल
  • अधिकारी बाल विकास परियोजना अधिकारी होता है.
  • • इस बीना योजना में सामान्य मृत्यु होने पर 3000, दुर्घटना में मृत्यु होने पर 75000 एवं स्थायी अगिता पर 75000 तथा आंशिक
  • अपंगता पर 37500 रू., संकट पूर्ण रोग होने पर 20 हजार रू. दिया जाता है

ये भी पढ़े :

सर्वेक्षण

  • NFHS National Family Health Survey
  • SRS Sample Registration System
  • IMR Intant Mortality Rate शिशु मृत्यु दर (प्रति 1000 जीवित जन्म पर)
  • CMR Child Mortality Rate बाल मृत्यु दर (प्रति 1000 जीवित जन्म पर)
  • NMR Natal Mortality Rate नवजात मृत्यु दर (प्रति 1000 जीवित जन्म पर)
  • MMR Matemal Mortality Rate मातृ मृत्यु दर (प्रति 1 लाख जीवित जन्म पर)
  • • शिशु मृत्यु दर प्रति एक हजार जीवित जन्म लेने वाले बच्चों पर निकाला जाता है और मातृ मृत्यु दर एक लाख जीवित जन्म
  • लेने वाले बच्चों पर मरने वाली माताओं में निकाला जाता है.
  • • जन्म से एक वर्ष के भीतर शिशु की मृत्यु हो जाती है तो उसे शिशु मृत्यु दर कहते हैं.
  • • • एन.एफ.एच.एस. 3 सर्वे वर्ष 2005-06 के अनुसार शिशु मृत्यु दर भारत में 57 एवं छत्तीसगढ़ में 71 शिशु प्रति हजार है.
  • नवीनतम सर्वे के अनुसार शिशु मृत्यु दर भारत में 58 और छत्तीसगढ़ में 61 प्रति हजार है.
  • • यदि जन्म के 28 दिवस पूरे होने से पहले ही शिशु की मृत्यु हो जाये तो उसे नवजात शिशु मृत्यु कहते हैं. भारत में यह दर लगभग 43 शिशु प्रति हजार है.
  • यदि जन्म के 1 वर्ष के बाद एवं 5 वर्ष की आयु के पूर्व किसी बच्चे की मृत्यु हो जाये तो उसे बाल मृत्यु कहते हैं,
  • • मातृ मृत्यु दर निकालने के लिए प्रजनन आयु वर्ग (15-45) की महिलाओं को सम्मिलित किया जाता है.
  • 0-6 माह के 15.6 प्रतिशत, 12-23 माह के 63 प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं.
  • • 3 वर्ष से कम आयु वर्ग में लगभग 52%. बच्चे कुपोषण से ग्रस्त हैं, इनमें 14% बच्चे गंभीर कुपोषण से पीड़ित है.
  • • 5 वर्ष से कम आयु के बच्चे की मृत्यु के 80 प्रतिशत से अधिक मामले कुपोषण के कारण होती है.

Samagra Chhattisgarh Book Pdf Free Download DOWNLOD NOW