छत्तीसगढ़ कृषि शिक्षक सिलेबस 2023 | CG Vyapam Agriculture Teacher Syllabus

CG Vyapam Agriculture Teacher Syllabus

छत्तीसगढ़ कृषि शिक्षक सिलेबस | CG Agriculture Teacher Syllabus

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cg krishi teacher syllabus

छत्तीसगढ़ शिक्षक कृषि के पद हेतु परीक्षा योजना 

1. कृषि विज्ञान के तत्व एवं गणित (कृषि समूह) 35 अंक 
2. पशुपालन, दुग्ध प्रौद्योगिकी, मत्स्यपालन एवं कुक्कुट पालन35 अंक 
3. फसल उत्पादन एवं उद्यानशास्त्र30 अंक
4. सामान्य अंग्रेजी15 अंक 
5. सामान्य हिन्दी15 अंक 
6. कम्प्यूटर की सामान्य जानकारी10 अंक 
7. सामान्य ज्ञान 10 अंक 
कुल अंक – 150 

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कृषि विज्ञान के तत्व एवं गणित (कृषि समूह) 

1. कृषि भौतिक विज्ञान : 

(अ) कृषि मौसम विज्ञान– वायुमंडल का संघटन, मौसम के तत्व, मौसम और जलवायु में अन्तर, संघनन के स्वरूप, मौसम वैधशाला में प्रयुक्त उपकरण, मौसम पूर्वानुमान, फसल उत्पादन से जलवायु परिवर्तन का संबंध। 

(ब) पदार्थों के गुण-आर्कमिडीज का सिद्धान्त, प्लवन के नियम, घनत्व, आपेक्षित घनत्व, निकल्सन होइड्रोमीटर द्वारा आ घनत्व ज्ञात करना। वायुमंडलीय दाब, पृष्ठ तनाव, श्यानता । आंकिक प्रश्न। 

(स) घर्षण एवं गुरुत्वाकर्षण- घर्षण की परिभाषा, प्रकार, नियम, कृषि यंत्रों में घर्षण की उपयोगिता, स्नेहक के प्रकार एवं गुण, न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण के नियम, गुरुत्वीय बल की परिभाषा, सार्वजनिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक एवं गुरुत्वीय त्वरण में संबंध, सरल आर्वतगति-परिभाषा, विशेषतायें, सरल लोलक परिभाषा, एवं उसकी सहायता से ‘g’ का मान ज्ञात करना। 

(द) साधारण यंत्र- उत्तोलक, घिरनी, चक्र तथा धुरी, इनकी रचना एवं कार्य, यांत्रिक लाभ, वेगानुपात, मशीन की दक्षता एवं इनमें संबंध।

(ई) ऊष्मा एवं ऊर्जा- ताप मापक एवं मापन की प्रणालिया, गैर पारम्परिक ऊर्जा, परिभाषा, साधन, बायोगैस, पवन, सौर भूतापीय की कृषि में उपयोगिता। 

2. कृषि रसायन विज्ञान : 

(अ) आयनिक सिद्धान्त– आर्डीनियस का आयनिक सिद्धान्त, उसके गुण एवं दोष, धनायन विनियम शक्ति, ऋणायन विनियम शक्ति, प्रतिस्थापन एवं इनकी कृषि में उपयोगिता। 

(ब) कोलाइड रसायन– कोलाइड रसायन की परिभाषा, कोलाइडी अवस्थायें। कोलायडी विलयन का वर्गीकरण, मृदा कोलाइड के गुण-धर्म व उपयोगिता। 

(स) मृदा उर्वरता– परिभाषा- संघटन, मृदा में खनिज पदार्थ व सूक्ष्म पोषक तत्वों का संघटन, विभिन्न उर्वरकों की मृदा में क्रिया एवं फसलों में उपलब्धता, समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन। 

3. कृषि गणित : 

(अ) गणितीय श्रेणी-समान्तर, गुणोत्तर एवं हरात्मक श्रेणी- परिभाषा, श्रेणी के n पद ज्ञात करना, n पदों का योगफल ज्ञात करना, माध्य ज्ञात करना, श्रेणियों के गुण-दोष व उपयोगिता। 

(ब) त्रिकोणमिति-परिचय, 0°, 30°,45°,60°,90° के कोणों की त्रिकोणमितीय निस्पत्तियाँ। किसी भी परिभाषा एवं चिह्न के कोणों के त्रिकोणमितीय अनुपात ज्ञात करना। 

(स) द्विपद प्रमेय व लघुगणक-द्विपद प्रमेय एवं लघुगणक का अर्थ, परिभाषा एवं महत्व, धनात्मक पूर्णाक घात हेतु द्विपद प्रमेय। लघुगणक व प्रति लघुगणक ज्ञात करना। 

(द) कम्प्यूटर की आधारभूत जानकारी-कम्प्यूटर शब्दावली, विभिन्न भाग, विन्डों 98 तथा विन्डों 2000 की समान्य जानकारी, कृषि में कम्प्यूटर की उपयोगिता। 

4. कृषि वनस्पति विज्ञान : 

(अ) कोशिका-परिभाषा, प्रकार, जन्तु और वनस्पति कोशिका में अन्तर, कोशिका विभाजन-समसूत्री एवं अर्द्धसूत्री कोशिका विभाजन। 

(ब) अनुवांशिकी-परिभाषा, महत्व अनुवांशिकी शब्दावली- गुणसूत्री, जीन, एलील, शुद्ध बीज, संकर बीज, एक संकर व द्वि संकर क्रास , होमोजायगस, हेटरोजायगस, फीलोटाइप, जीनोटाइप, गैमेट, जायगोट, प्रभेद, संतति।। 

(स) पादप वर्गीकरण एवं कुलों का वर्णन-द्विनाम पद्धति अनुसार पादप वर्गीकरण । कुल- कम्पोजिटी, कुकर बिटेसी, रूटेसी एवं ग्रेमिनी का वर्णन एवं इनकी आर्थिक महत्व। 

(द) बीज की संरचना एवं अंकुरण-बीज की परिभाषा, प्रकार एवं संरचना, अंकुरण की परिभाषा, प्रकार एवं अंकुरण के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ। 

(इ) पादप अंगों का रुपान्तरण-जड़, तना,पत्ती के रुपान्तरों की सामान्य जानकारी। 

(ई) पादप कार्यिकी-रसाकर्षण-परिभाषा, एवं विभिन्न सिद्धांत। वाष्पोत्सर्जन-परिभाषा प्रभावित करने वाले कारक एवं महत्व। 

5. कृषि जन्तु विज्ञान एवं सूक्ष्मजीव विज्ञान-द्विनाम पद्धति अनुसार वर्गीकरण, कृषि महत्व के संघों (एनीलिडा,मोलस्का एवं आर्थोपोडा, वर्ग-एरेक्निडा, क्रस्टेशिया, मिरियापोडा एवं इंसेकटा) का वर्गीकरण, टिड्डा, तिलचट्टा एवं केंचुआ की शारीरिक व कार्यिकी। सूक्ष्मजीव विज्ञान-परिभाषा, महत्व, सूक्ष्मी जीवों का परिचय। सूक्ष्म जीव-शैवाल, कवक, जीवाणु एवं वाइरस का वर्गीरकण एवं कृषि में महत्व।

6. कृषि भौतिक विज्ञान- 

(i) प्रकाश-परिभाषा, गुण – परावर्तन एवं परावर्तन के नियम। लेंस व इसके प्रकार तथा उपयोग, छाया, उपछाया, ग्रहण, वर्ण-विच्छेपण, वर्णक्रम अपवर्तन एवं अपवर्तन के नियम, सरल एवं संयुक्त सूक्ष्मदर्शी-संरचना एवं आवर्धन क्षमता। 

(ii) ऊष्मागतिकी-परिभाषा, उपयोग, नियम। इंजन, प्रथम नियम एवं अनुप्रयोग, ऊष्मा इंजन, पेट्रोल एवं डीजल इंजन। प्रकार एवं तुलना, इंजन की दक्षता। 

(ii) विद्युत्-विद्युत् आवेश, प्रकार, मात्रक, कूलाम का व्युत्क्रम वर्ग का नियम, विद्युत् क्षेत्र एवं विद्युत् क्षेत्र की तीव्रता, ऊर्जा एवं विद्युत् शक्ति की खपत तथा विद्युत् मीटर की गणना से मूल्य ज्ञात करना, विद्युत् परिपथ, इलेक्ट्रिक वायरिंग का प्रारंभिक ज्ञान, विद्युत् से होने वाले खतरे एवं बचाव के उपाय। ओम का नियम। 

(iv) विद्युत् के उपकरण-मोटर स्टार्टर एवं प्रकाश विद्युत् सेल-संरचना व उपयोग, विद्युत् मीटर की सामान्य जानकारी। अन्य सामान्य विद्युत् उपकरणों का परिचय। 

2. कृषि रसायन विज्ञान

(i) कार्बनिक रसायन-परिभाषा, वर्गीकरण, नामकरण, संरचना सूत्र एवं समावयता, मूलानुपाती व आण्विक सूत्र ज्ञात करना, मूलक तथा क्रियात्मक समूह, सजातीय श्रेणी एवं इसके सामान्य गुण।

(ii) हाइड्रोकार्बन-परिभाषा, वर्गीकरण-संतृप्त व असंतृप्त हाइड्रोकार्बन । मीथेन, एथेन, एथीलीन- बनाने की विधियाँ, भौतिक एवं रासायनिक गुण एवं उपयोग। गोबर गैस-संगठन, निर्माण-संयंत्र का रखरखाव, उपयोग जैसे-प्रकाश एवं ईधन में।

(iii) आयतनात्मक विश्लेषण-परिभाषा, विलयन की शक्ति, प्रतिशतता ज्ञात करना। नार्मलता, नार्मल एवं मानक विलयन बनाना, आंकिक प्रश्न।

(iv) किण्वन, ऐल्कोहॉल, यूरिया-किण्वन की परिभाषा, अनुकूल परिस्थितियाँ, उपयोग एवं उत्पाद । एल्कोहॉल का वर्गीकरण, एथिल ऐल्कोहॉल बनाने की प्रयोगशाला तथा व्यापारिक विधि, भौतिक व रासायनिक गुण। यूरिया बनाने की विधि, निर्माण, परीक्षण, उपयोग तथा मृदा पर प्रभाव।

(v)जैव रसायन-परिचय, परिभाषा, महत्व। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन्स एवं एन्जाइम्स का वर्गीकरण, गुण, महत्व व उपयोग। एमीनो अम्ल

3.कषि गणित

(i) क्षेत्रमिति-परिभाषा, सभी प्रकार के त्रिभुज व चतुर्भज, वर्ग, आयत एवं वृत्त का क्षेत्रफल ज्ञात करना।

(ii) सांख्यिकी-परिभाषा, महत्व, समंकों का सारणीयन, आलेखन, बिन्दु रेखीय प्रदर्शन, दण्ड एवं पाई आरेख, हिस्टोग्राम। माध्य, मध्यिका, बहुलक-परिभाषा, महत्व, गुण एवं मान ज्ञात करना। विक्षेपण-माध्य विचलन एवं मानक विचलन की परिभाषा, गुण एवं उपयोगिता तथा मान ज्ञात करना।

4. कृषि वनस्पति विज्ञान-

(i) अनुवांशिकी एवं विभिन्नता-मेंडल के वंशागति के नियम, मेंडल के प्रयोग, एकल एवं द्वि-संकरण, टेस्ट क्रास, बैक क्रॉस, मेण्डलवाद का महत्व, सहलग्नता एवं जीन विनियम-सहलग्नता, पुनर्संयोजन एवं विनिमय, जीन विनिमय की विशेषताएँ। विभिन्नता-परिभाषा एवं प्रकार । संकर ओज।

(iii) पादप प्रजनन-पादप प्रजनन में अनुवांशिकी की भूमिका, पादप प्रजनन की परिभाषा, उद्देश्य, महत्व एवं सिद्धान्त। फसलों के प्रजनन की विधियाँ-वरण, संकरण, बहुगुणिता, उत्परिवर्तन, ऊत्तक संवर्धन, अनुवांशिक अभियांत्रिकी।

(ii) पादप कार्यिकी-श्वसन एवं प्रकाश संश्लेषण की परिभाषा, महत्व, विधियाँ व प्रभावित करने वाले कारक। जैव-तकनीक-परिभाषा एवं क्षेत्र, फसल उत्पादन के संदर्भ में पादप हार्मोन-अर्थ, प्रकार, उपयोग एवं महत्व।

(iv) पादप कुलों का वर्णन- लैग्युमिनेसी (उपकुल पैपीलिओनेटी), सोलेनेसी, मालवेसी, क्रसीफेरी कुलों का वर्णन एवं आर्थिक महत्व।

5. कृषि जन्तु विज्ञान-

(i) वर्ग इन्सेक्टा-वर्गीकरण (केवल गणों तक), कृषि महत्व के गणों के उदाहरण।

(ii) आर्थिक महत्व के कीट-हानिकारक एवं लाभदायक कीटों का सामान्य परिचय।

(iii) लाभदायक कीट- मधुमक्खी, रेशम कीट एवं लक्ष कीट का आर्थिक महत्व, जीवन चक्र एवं सामान्य परिचय। 

2. पशुपालन, दुग्ध प्रौद्योगिकी, मत्स्यपालन एवं कुक्कुटपालन

1. पशु-पालन

(i) प्रारंभिक अध्ययन-पशु पालन का परिचय, कृषि उद्योग एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था में पशुपालन का योगदान।

(ii) पशु शरीरिकी- गाय, भैंस, भेड़, बकरी तथा शूकर के बाह्य अंगों की जानकारी।

(iii) पशु कार्यिकी- गौ पशुओं के विभिन्न आंतरिक अंगों एवं संस्थानों की जानकारी जैसे- पाचन तंत्र, प्रजनन तंत्र एवं दुग्ध क्षरण तंत्र।

(iv) पशु प्रजनन- परिभाषा, प्रकार, महत्व एवं उदाहरण।

(v) कृत्रिम गर्भाधान- अर्थ, महत्व, क्रियाविधि एवं सावधानियाँ।

(vi) पशुओं की उन्नत नस्लें- बकरी, भेड़ एवं शूकर की देशी-विदेशी तथा उन्नत तथा संकर नस्लों का वर्णन।

(vii) पशुओं की जाँच-गुणांकन पत्र द्वारा पशुओं की जाँच करना। पशुओं की आयु तथा भार ज्ञात करना।

(viii) पशु प्रबंध- स्वस्थ्य तथा बीमार पशु के लक्षण। पशु आवास व्यवस्था- दुधारू गाय, भैंस, सांड, बैल, बछड़े एवं गर्भवती गाय। पशुओं का सींगरोधन, बधियाकरण, चिन्हित करना एवं वश में करन की सामान्य विधियाँ उनके गुण-दोष एवं महत्व।

2. दुग्ध प्रौद्योगिकी

(i) इतिहास, वर्तमान स्थिति एवं विकास की संभावनाएँ। डेयरी विकास से संबंधित प्रमुख योजनाओं की जानकारी। श्वेत क्रांति- प्रमुख चरण, प्राप्त लक्ष्य।

(ii) दुग्ध सहकारिता- इतिहास, अर्थ एवं आधारभूत सिद्धान्त। अमूल सहकारी संस्था की सामान्य जानकारी।

iii) दुग्ध उत्पादन- दुग्ध व्यवसाय की आधारभूत आवश्यकताएँ- भूमि, पूँजी, श्रम, संगठन, साहस, प्रबंध तथा प्रबंधक के कार्य । दुग्ध दोहन की विभिन्न विधियाँ, दूध की मात्रा एवं गुणों को प्रभावित करने वाले कारक।

(iv) दुग्ध संसाधन- दुग्ध पाश्चुरीकरण- परिभाषा, महत्व, विभिन्न विधियों का अध्ययन, दुग्ध निर्जीकरण- परिभाषा, महत्व एवं विधियाँ। दुग्ध समांगीकरण एवं मानकीकरण- परिभाषा, महत्व एवं विधियाँ।

3. दुग्ध प्रौद्योगिकी-II

(i) दुग्ध की विभिन्न परिभाषाएँ, शुद्ध दूध एवं स्वच्छ दूध, दूध का संगठन, भौतिक व रासायनिक गुण एवं पोषक मान, विभिन्न पशुओं के दुग्ध के पोषक मान का तुलनात्मक अध्ययन।  खीस- परिभाषा, संगठन एवं महत्व।

(ii) दुग्ध पदार्थ- दही, पनीर, खोआ एवं रबड़ी का मानक संगठन एवं बनाने की विधियाँ, विभिन्न प्रकार के दूध, उनकी परिभाषा तथा मानक- टोण्ड, डबल टोण्ड एवं स्टैण्डर्ड।

(iii) दुग्ध विपणन- दुग्ध उगाही, परिवहन, अवशीतन, भण्डारण एवं मूल्य निर्धारण की नीतियाँ।

(iv) कृत्रिम दूध- अर्थ, परिभाषा, स्वास्थ्य पर प्रभाव। दुग्ध उत्पादन हेतु आक्सीटोसिन हार्मोन के प्रभावों का अध्ययन।

4. मत्स्य पालन-परिभाषा, महत्व, आहार, प्रमुख किस्में, संरक्षण विविधयाँ एवं विपणन।

5. कुक्कुटपालन

(i) मुर्गीपालन- परिचय एवं महत्व, भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान, प्रमुख देशी विदेशी एवं संकर नस्लों के लक्षण एवं विशेषताएँ।

(ii) बटेरपालन- इतिहास, वर्तमान स्थिति, भविष्य, महत्व, प्रमुख प्रजातियाँ, देखरेख एवं प्रबंध ।

6. पशु-पालन

(i) आहार एवं पोषण-पशु आहार – परिभाषा, प्रकार, अवयव, व उनके कार्य, आदर्श आहार व उनकी विशेषताएँ, पशु आहार का वर्गीकरण व संघटन एवं पोषकमान डेयरी पशुओं में पोषण के सिद्धांत, आहार देने की विधियाँ। प्रमुख पशुओं के लिये संतुलित आहार की गणना।

(ii) चारे का संरक्षण-साइलेज-परिभाषा, महत्व, लाभ, प्रकार, संघटन, निर्माण विधि, हे-परिभाषा, महत्त्व, लाभ, संगठन एवं निर्माण विधि।

(iii) चारे का वर्गीकरण- खरीफ एवं रबी के प्रमुख चारे।

(iv) पशु चिकित्सा- पशु चिकित्सा में प्रयुक्त प्रमुख उपकरणों की रचना एवं उपयोग । पशु चिकित्सा में उपयोग की जाने वाली सामान्य औषधियों के नाम एवं गुण।

(v) पशु रोग- वर्गीकरण, बीमार एवं स्वस्थ पशुओं के लक्षण। नाड़ी गति, तापमान एवं श्वसन गति ज्ञात करने की विधि, रोगों से बचाव के सामान्य उपाय। प्रमुख रोग-खुरपका – मुँहपका, पशु-प्लेग, लंगड़ी, गलघोंटू, एन्थ्रेक्स, थनैला (दुग्ध ज्वार) पशु रोगों का अध्ययन।

(vi) पशुओं की नस्लें-गाय की प्रमुख भारतीय, विदेशी एवं संकर नस्लों की विशेषताएँ, भैंस की प्रमुख भारतीय नस्लों की विशेषताएँ।

(vii) पशुओं की जाँच-गुणांकन पत्र द्वारा पशुओं की जाँच करना। पशुओं की आयु तथा भार ज्ञात करना।

(viii) पशु प्रबंध-स्वस्थ्य तथा बीमार पशु के लक्षण। पशु आवास व्यवस्था – दुधारू गाय, भैंस, सांड, बैल, बछड़े, एवं गर्भवती गाय। पशुओं का सींगरोधन, बधियाकरण चिन्हित करना एवं वश में करने की सामान्य विधियाँ तथा उनके गुण-दोष एवं महत्व।

7. दुग्ध प्रौद्योगिकी- : प्रमुख डेयरी उपकरण-लैक्टोमीटर, क्रीम सेपरेटर, बटन चर्नर, बटर वर्कर एवं प्रयुक्त उपकरणों का अध्ययन।

8. दुग्ध प्रौद्योगिकी – II : डेयरी उत्पादों का वर्गीकरण।

(i) उच्च वसीय डेयरी उत्पाद – क्रीम, मक्खन एवं घी – परिभाषा, संगठन, बनाने की विधियाँ एवं भंडारण।

(ii) संघनित डेयरी उत्पाद – संघनित दुग्ध एवं दुग्ध चूर्ण की परिभाषा, संगठन एवं निर्माण विधि का अध्ययन।

(iii) हिमीकृत डेयरी उत्पाद – श्रीखण्ड, आइसक्रीम एवं कुल्फी-परिभाषा, संगठन एवं निर्माण विधि का अध्ययन।

9. मत्स्य पालन-प्रमुख प्रजातियों का सामान्य परिचय, मछलियों का आहार, मछली पालन की तकनीक, मछली-बीज उत्पादन तकनीक, मछली पालन व्यवसाय की प्रमुख समस्याएँ एवं उनका निवारण।

10. कुक्कुट पालन-

(i) कुक्कुट प्रबंध – अण्डे का संगठन एवं आंतरिक संरचना । उद्भवन तथा अंडज उत्पत्ति। इन्क्यूबेटर-अर्थ, प्रकार, एवं कार्यविधि का अध्ययन। ब्रूडर-अर्थ एवं कार्यविधि का अध्ययन।। 

(ii) कुक्कुट आवास – स्थल का चयन, आर्दश कुक्कुट शाला का मॉडल एवं विशेषताएँ, कुक्कुट शाला हेतु आवश्यक उपकरण, आवास की प्रणालियाँ – गहरी विछावन एवं सघन प्रणाली का विस्तृत अध्ययन । 

कुक्कुट आहार – कुक्कुट आहार के अवयव, उनके कार्य प्रमुख स्रोत एवं पोषण मान । स्टार्टर, ग्रोअर, ब्रायलर एवं लेयर हेतु संतुलित आहार की गणना। 

कक्कट रोग एवं चिकित्सा – स्वस्थ एवं रोगी कक्कटों के लक्षण रोगों से बचाव के सामान्य उपाय। 

प्रमुख कुक्कुट रोग – पुलोरम, फाउलपॉक्स, रानी खेत, कॉक्सीडियोसिस, बर्ड फ्लू एवं चिरकालिक श्वसन रोगों का अध्ययन।

 फसल उत्पादन एवं उद्यान शास्त्र 

1. कृषि विज्ञान का प्रारम्भिक अध्ययन-कृषि की परिभाषा, कृषि की प्रणालियाँ, व्यक्तिगत खेती, सामूहिक खेती, सहकारी खेती, सरकारी खेती, पूँजीवादी खेती। राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्व, कृषि विज्ञान की विभिन्न शाखाओं का सामान्य परिचय, कृषि अनुसंधान केन्द्रों तथा कृषि विश्वविद्यालयों की सामान्य जानकारी। 

2. मृदा के भौतिक गुण एवं पोषक तत्व-मृदा की परिभाषा, मृदा संगठन, मृदा विन्यास, मृदा गठन, रन्ध्रावकाश, मृदा जल, मृदा नमी, जल धारण क्षमता, आपेक्षित घनत्व, संशक्ति, आसंजन, मृदा ताप, मृदा का वर्गीकरण छत्तीसगढ़ की मृदाओं का सामान्य परिचय, पोषक तत्वों का वर्गीकरण एवं उनकी प्रतिशत मात्रा, आवश्यक पोषक तत्व, पौधे में कमी के प्रमुख लक्षण, मृदा परीक्षण का सामान्य परिचय। 

3. खाद तथा उर्वरक-परिभाषा एवं वर्गीकरण। जैविक खाद-गोबर की खाद, कम्पोस्ट (नाडेप), हरी खाद एवं वर्मीकम्पोस्ट का संगठन बनाने की विधि, देने का समय व ढंग, जैविक उर्वरक-परिभाषा, महत्व व प्रकार, मृदा के लाभदायक जीवाणु। रासायनिक उर्वरक-एकल एवं मिश्रित उर्वरक का संगठन, देने का समय एवं ढंग, उपयोग में सावधानियाँ, समन्वित पोषक तत्व प्रबंध। 

4. भू-क्षरण एवं भू-संरक्षण-परिभाषा, कारण एवं प्रकार । भू-संरक्षण के उपाय एवं विधियाँ। अम्लीय, क्षारीय तथा लवणीय मृदा की परिभाषा, बनने के कारण एवं उनका सुधार, पौधों पर इन मृदाओं के हानिकारक प्रभाव। 

5. भू-परिष्करण, भू-परिष्करण के यंत्र एवं बीज तथा बोआई-भू-परिष्करण की परिभाषा, प्रकार, उद्देश्य, महत्व तथा आधुनिक अवधारणाएँ, शून्य तथा न्यूनतम भू-परिष्करण। भू-परिष्करण तथा अन्य कृषि उपयोगी आधुनिक यंत्रों की सामान्य जानकारी, परिचय एवं उपयोग। बीज तथा बोआई-बीज के प्रकार, अच्छे बीज के गुण, बीजों की सुसुप्तावस्था समाप्त करने की विधियाँ, बीजोपचार, बोआई का समय, बोने की गहराई, बोने की विधियाँ, दूरी, बीज की मात्रा, अंकुरण प्रतिशत ज्ञात करना। 

6. सिंचाई तथा जल प्रबंध-सिंचाई की परिभाषा, पौधों के लिए सिंचाई की आवश्यकता, सिंचाई के उद्देश्य तथा महत्व, सिंचाई के लाभ, फसलों की जल माँग, विभिन्न फसलों की क्रांतिक अवस्थाएँ, जल क्षमता, सिंचाई के स्रोत एवं साधनों का सामान्य परिचय। जल प्रबंध (छत्तीसगढ़ के सन्दर्भ में) का सामान्य परिचय। 

7. फसलों का वर्गीकरण तथा प्रमुख फसलों की खेती-फसल की परिभाषा, विभिन्न आधारों पर फसलों का वर्गीकरण, गेहूँ, मक्का, मूंग, अलसी तथा सरसों की उन्नत खेती की विस्तृत कृषि-कार्यमाला। 

8. उद्यान विज्ञान का सामान्य अध्ययन एवं फलोद्यान प्रबंध-उद्यान विज्ञान की परिभाषा, महत्व शाखाएँ, फलोद्यान हेतु स्थल चयन एवं रेखांकन, पौध रोपण, रोपण का समय, रोपण विधि एवं सावधानियाँ, गड्डों का आकार एवं दूरी, गड्ढों की भराई, जलवायु के आधार पर फलों का वर्गीकरण। नवीन रोपित पौधों की देखभाल, वायु अवरोधक, विशेष औद्यानिक क्रियाएँ जैसे-कृन्तन, सधाई, स्टेकिंग, रिंगिंग, डिसबडिंग, अंतराशष्य, पुराने उद्यानों का जीर्णोद्धार, फल तुड़ाई की विधियाँ। 

9. प्रमुख सब्जियों एवं फलों की खेती-मानव आहार में सब्जियों का महत्व, सब्जियों का विभिन्न आधारों पर वर्गीकरण। आलू, टमाटर, बैंगन, गोभी वर्गीय सब्जी तथा कद्दू वर्गीय प्रमुख सब्जियों की खेती की कृषि कार्यमाला, पत्तेदार सब्जियों की खेती की संक्षिप्त कृषि कार्य माला, औषधीय एवं मसालेदार सब्जियों जैसे हल्दी, अदरक तथा लहसुन की खेती की संक्षिप्त जानकारी। मानव आहार में फलों का महत्व। पपीता, केला. नीबू वर्गीय फलों की खेती की कृषि कार्यमाला। 

10. कृषि वित्त एवं सहकारिता-कृषि वित्त की परिभाषा, सीमाएँ, वित्त पूर्ति के प्रमुख स्रोत व उनके गुण तथा दोष, सहकारिता की परिभाषा, महत्व, सहकारिता के प्रमुख सिद्धान्त, सहकारी संगठन का गठन एवं फसल उत्पादन में महत्व, फसल बीमा, किसान बैंक साख पत्र, फसल ऋण योजना। 

11. जल निकास-परिभाषा, महत्व, आवश्यकता, अतिरिक्त जल के कारण, अतिरिक्त जल से हानियाँ, जल निकास की प्रणालियाँ, जल निकास की विधियाँ, जल निकास का मृदा एवं फसलों पर प्रभाव, जल निकास गुणांक। 

12. भू-सर्वेक्षण-परिभाषा, महत्व, सर्वेक्षण के प्रकार, सर्वेक्षण के प्रमुख उपकरण, जरीब सर्वेक्षण के आवश्यक उपकरण, सर्वेक्षण की विधि, क्षेत्र पुस्तिका की लेखन विधि, क्षेत्र का नक्शा तैयार करना और क्षेत्रफल की गणना करना, जरीब-सर्वेक्षण में आनेवाली बाधायें, चेन मापन में होने वाली अशुद्धियाँ, त्रुटि तथा गणना द्वारा त्रुटि सुधार, जरीब द्वारा भू-सर्वेक्षण के गुण तथा दोष, चेन सर्वेक्षण का सिद्धान्त । 

13. पौध संरक्षण-परिभाषा, महत्व, आवश्यकता, एवं आधुनिक अवधारणा। (अ) खरपतवार नियंत्रण-खरपतवार की परिभाषा, अर्थ, महत्व, एवं वर्गीकरण, रबी एवं खरीब ऋतुओं की फसलों के प्रमुख खरपतवार, खरपतवार नियंत्रण की भौतिक, यांत्रिक, कृषिगत, जैविक एवं रासायनिक विधियों का अध्ययन, खरपतवार नाशी रसायनों का वर्गीकरण, प्रमुख खरपतवार नाशी रसायनों का सामान्य परिचय, समन्वित खरपतवार नियंत्रण। (ब) फसलों के हानिकारक कीटों का नियंत्रण-हानिकारक कीटों का सामान्य परिचय, महत्व, एवं वर्गीकरण, कीट नियंत्रण की भौतिक, यांत्रिक कृषिगत, जैविक तथा रासायनिक विधियों का अध्ययन, कीटनाशकों का वर्गीकरण, प्रमुख कीटनाशी रसायनों का परिचय एवं उनकी प्रयोग विधि का अध्ययन, पौधों से प्राप्त होने वाले कीटनाशक, समन्वित कीट नियंत्रण। (स) पादप रोग एवं उनका नियंत्रण-पादप रोगों का परिचय एवं उनका वर्गीकरण, प्रमुख फसलों के रोग, पादप रोग नियंत्रण के सिद्धान्त, पादप रोग नियंत्रण की विधियों का अध्ययन, रासायनिक पीड़क नाशियों (पेस्टीसाइडस) का वर्गीकरण, प्रमुख कवक नाशी रसायनों की प्रारंभिक जानकारी एवं प्रयोग विधि का अध्ययन। 

14. फसल चक्र एवं शस्य क्रम योजना-(अ) फसल चक्र-परिभाषा, सिद्धान्त, महत्व एवं लाभ तथा हानि, फसल चक्र बनाना, अच्छे फसल चक्र की विशेषतायें, फसल चक्र को प्रभावित करने वाले कारकों का अध्ययन, फसल चक्र गहनता। (ब) शस्य क्रम योजना-परिभाषा, महत्व, विशेषतायें, शस्य गहनता ज्ञात करना, शस्य गहनता में वृद्धि करने के उपाय। 

15. खेती की प्रचलित विधियाँ एवं खेती के प्रकार-

(अ) खेती की प्रचलित विधियाँ-मिश्रित फसलों की खेती की परिभाषा, सिद्धान्त, महत्व, आवश्यकता एवं लाभ तथा हानि। 

(1) मिश्रित फसलों की खेती का वर्गीकरण-मिश्रित फसलें, सहचर फसलें, रक्षक फसलें।

(2) सहफसली खेती या अन्तरवर्ती खेती-परिभाषा एवं प्रकार-सामान्तर खेती, सहचर खेती, सिनरजेटिक खेती, बहुमंजिला खेती

(3) संघन खेती

(4) बहुफसली खेती।

(ब) खेती के प्रकार-विशिष्ट खेती, विविध खेती, शुष्क खेती, मिश्रित खेती, सिंचित खेती एवं चारागाह खेती की परिभाषा, गुण दोष एवं विशेषतायें। 

16. फसलों की खेती-

(अ) सामान्य फसलें-धान, अरहर, सोयाबीन, चना, सूरजमुखी, गन्ना तथा बरसीम विस्तृत की खेती की कृषि कार्यमाला।

(ब) औषधीय फसलें-सफेद मूसली, अश्वगंधा, कालमेघ, ग्वारपाठा, तुलसी की खेती की संक्षिप्त कृषि कार्यमाला।

(स) व्यावसायिक फसलें रतनजोत, पोदीना, मशरूम की खेती का संक्षिप्त कृषि कार्यमाला। 

17. कृषि प्रसार सेवायें-परिभाषा, महत्व, सिद्धान्त, संगठन, प्रसार के साधन, कृषि प्रसार सेवा के साधनों का विभिन्न आधारों पर वर्गीकरण, एक आदर्श प्रसार कार्यकर्ता के गुण, कृषि प्रसार एवं ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाओं की संक्षिप्त जानकारी। 

18. अलंकृत उद्यानिकी-अलंकृत उद्यानिकी का अर्थ एवं महत्व। अलंकृत पौधों का वर्गीकरण, उद्यान के प्रकार, अलंकृत उद्यानों की प्रमुख शैलियाँ, अलंकृत उद्यान के प्रमुख अंगों से परिचय-वृक्षावली बाड़ एवं कोर सज्जा, झाड़ियाँ एवं उनकी पट्टियाँ, लतायें एवं बेले, पुष्पों की क्यारियाँ एवं पट्टियाँ, छायागृह, जल उद्यान, शैल उद्यान, कैक्ट्स गार्डन, टोपायारी, बोनसाई, गमलों में पौधे लगाना। हरियाली-परिभाषा, स्थापना, स्थान का चुनाव, भूमि की तैयारी, उपयुक्त घास का चुनाव, लगाने की विधियाँ, कटाई छंटाई, सिंचाई, खाद एवं उर्वरक प्रबंध। फूलों की खेती-मौसमी एवं व्यावसायिक महत्व के फूलों का सामान्य परिचय, गुलाब, गेंदा, गुलदाऊवी (सेवन्ती)डहेलियाँ एवं ग्लेडियोलस की खेती की संक्षिप्त कार्यमाला। गृहवाटिका-गृह वाटिका का सामान्य परिचय। 

19. पौध प्रवर्धन एवं फलों की खेती-

(अ) पौध प्रवर्धन- परिभाषा, अर्थ एवं महत्व, प्रवर्धन की विधियों का वर्गीकरण, कलम, दाबकलम, उपरोपण, कलिकायन एवं विभाजन की विधियों का अध्ययन ।

(ब) फलों की खेती-आम, अमरूद, कटहल, काजू एवं आँवला की खेती की कृषि कार्यमाला (पौध संरक्षण सहित)। 

20. फलों तथा सब्जियों के परीक्षण की तकनीक-

(अ) फल परिरक्षण तकनीक-फल एवं सब्जी परिरक्षण की परिभाषा, महत्व एवं सीमाएँ, फल एवं सब्जी खराब होने के कारण, फल एवं सब्जी परिरक्षण के सिद्धान्त, फल एवं सब्जी परिरक्षण की विधियाँ, निर्जलीकरण तथा सुखाना। डिब्बाबंदी एवं बाटलिंग का अध्ययन, भारत में फल एवं सब्जी परिरक्षण का भविष्य परिरक्षित पदार्थों के व्यापार की भारत में स्थिति एवं भविष्य में विस्तार की संभावनाएँ।

(ब) परिरक्षित उत्पाद एवं उनका विपणन-आचार (आम का, नीबू का एवं मिश्रित आचार) जैम (सेव एवं आम से) जेली (अमरूद से) स्कवेश (नीबू एवं संतरा से) केचप चटनी एवं सॉस (टमाटर से) एवं चिप्स (आलूओं) से तैयार करना। परिरक्षित फल सब्जी पदार्थों के व्यापार की भारत में एवं छत्तीसगढ़ में स्थिति व भविष्य।  

सामान्य हिन्दी 

  • 1. स्वर, व्यंजन, वर्तनी 
  • 2. लिंग, वचन, काल 
  • 3. संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, किया, किया विशेषण, कारक 
  • 4. समास रचना एवं प्रकार 
  • 5. संधि- स्वर, व्यंजन एवं विसर्ग संधि 
  • 6. रस व अलंकार, दोहा, छंद, सोरठा 
  • 7. व्याकरणिक अशुध्दियां 
  • 8. शब्द रचना- उपसर्ग एवं प्रत्यय 
  • 9. शब्द प्रकार, तत्सम, तदभव, देशज, विदेशी 
  • 10. पर्यायवाची, विलोमार्थी, अनेकार्थी शब्द, अनेक शब्दों या वाक्यांश के लिए एक शब्द 
  • 11. मुहावरे व लोकोक्तियां सामान्य अंग्रेजी 

UNIT-1 ENGLISH GRAMMAR 

  • 1. Number, Gender, Articles 
  • 2. Pronoun, Adjectives, Verb, Adverb 
  • 3. Use of some important Conjunctions
  • 4. Use of some important preposition 

UNIT-2 TRANSFORMATION OF SENTENCES 

  • 1. Active/Passive Voice 
  • 2. Direct/Indirect Narration

UNIT -3 VOCABULARY 

  • 1. Synonyms/Antonyms 
  • 2. One word substitution 
  • 3. Speliings 
  • 4. Proverb, Idioms and phrases 

 कम्प्यूटर संबंधी सामान्य ज्ञान 

  • 1. कम्प्यूटर का उपयोग- कम्प्यूटर का उपयोग कहाँ-कहाँ एवं किस लिए किया जाता है। इसकी सामान्य जानकारी। 
  • 2. कम्प्यूटर के प्रमुख भाग- सी.पी.यू. इनपुट डिवाईस, आउटपुट डिवाइस की सामान्य जानकारी। 
  • 3. प्रिंटर के प्रकार- इंकजेट, लेजरजेट, एवं अन्य प्रकार के प्रिंटर। 
  • 4. आपरेटिंग सिस्टम के नाम- एम.एस. डॉस, कमर्शियल एवं ओपन सोर्स, आपरेटिंग सिस्टम के नाम। 
  • 5. कार्यालय के उपयोग के लायक सामान्य माईक्रोसॉफ्ट ऑफिस के अंतर्गत वर्ड, एक्सेल, एवं पॉवर पाईन्ट की जानकारी। 
  • 6. इंटरनेट के उपयोग- ई-मेल डाक्यूमेंट सचिंग, वेबसाईट सर्किंग विभिन्न सरकारी विभागों के वेबसाईट की सामान्य जानकारी। 
  • 7. एंटीवायरस के उपयोग- कम्प्यूटर वायरस से होने वाले नुकसान एवं कम्प्यूटर वायरस की सामान्य जानकारी। 8. मल्टीमीडिया के उपयोग- ऑडियों, वीडियों एवं टेक्स्ट का उपयोग करने की सामान्य जानकारी। 
  • 9. सी.डी./ डी.व्ही.डी. से संबंधित सामान्य जानकारी।
  • 10. गूगल, अलविस्ता, यू-ट्यूब की सामान्य जानकारी- सर्च इंजिन से वांछित जानकारी कैसे प्राप्त की जाए इसकी सामान्य जानकारी । 

सामान्य ज्ञान 

1. भारतीय राजनैतिक व्यवस्था एवं संविधान – मुख्य संवैधानिक प्रावधान, मौलिक कर्तव्य एवं अधिकार, सूचना का अधिकार, सांस्कृतिक, राष्ट्रीय व्यक्तित्व, लोकतंत्र एवं चुनाव लोकसभा, राज्यसभा। 

2. भारतीय इतिहास एवं राष्ट्रीय आंदोलन- भारतीय सभ्यता एवं सांस्कृतिक, ऐतिहासिक घटनाएं, (छ0ग0 बोर्ड के कक्षा 10वीं तक के पाठ्यक्रम स्तर तक), भारतीय स्वतंत्रता का इतिहास 1857 से 1947 तथा, 1947 के बाद का घटनाक्रम ।

3. भूगोल- छत्तीसगढ़ बोर्ड के कक्षा 10 वीं तक के स्तर तक सामान्य भूगोल, भारत एवं विश्व का भूगोल। 

4. भारतीय अर्थव्यवस्था – सामाजिक एवं आर्थिक विकास, जनसंख्या परिप्रेक्ष्य, सकल राष्ट्रीय उत्पादन और प्रति व्यक्ति आय, पंचवर्षीय योजनाएं, कृषि व ग्रामीण विकास, औद्योगिक विकास, भारतीय अर्थव्यवस्था, बैंक प्रणाली, वर्तमान आर्थिक घटनाक्रम (छ0ग0 बोर्ड के कक्षा 10वीं तक के पाठ्यकम स्तर तक)। 

5. सामान्य विज्ञान- छ0ग0 बोर्ड के कक्षा 10वीं तक के स्तर तक भौतिकी, रसायनशास्त्र एवं जीव तथा वनस्पति विज्ञान से संबंधित मूलभूत जानकारी। 

6. छत्तीसगढ़ की सामान्य जानकारी- छत्तीसगढ़ का इतिहास, भूगोल, राजनैतिक व्यवस्था, अर्थव्यवस्था शासकीय योजनाएं, पुरस्कार-सम्मान, परम्परायें लोकगीत-संगीत, महत्वपूर्ण व्यक्तिव एवं छत्तीसगढ़ से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण विषय।

हिन्दी से संबंधित Exam पुछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर

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