वजन त्यौहार कब मनाया जाता है | CG Mahila Supervisor GK

CG Mahila Supervisor GK 2024 exam छत्तीसगढ़ महिला पर्यवेक्षक में वजन त्यौहार से सम्बंधित 2 प्रश्न पूछे जाते है | Mahila Supervisor exam में पूरा नंबर पाने के लिए पूरा आर्टिकल जररू पढ़े

छत्तीसगढ़ 2023 वजन त्यौहार कब मनाया गया था – 1 अगस्त से 13 अगस्त 2023 तक

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‘वजन त्यौहार’ कब मनाया जाता है? – 7 जुलाई से 16 जुलाई तक

वजन त्यौहार कब से कब मनाया जाता है Mahila Supervisor GK 2024

छत्तीसगढ़ में अगस्त माह में वजन त्यौहार का आयोजन किया गया था।

वजन त्यौहार मनाने का कार्यक्रम शरू हुआ था

‘वजन त्यौहार’ कब मनाया जाता है? 2021 में

7 जुलाई से 16 जुलाई तक

‘वजन त्यौहार’ 2022 में कब मनाया गया ?

1 से 13 अगस्त तक

वजन त्यौहार मनाने का कार्यक्रम शरू हुआ था

इसे पूरा पढ़े जवाब मिल जायगा

वर्ष 2012 में वजन त्यौहार मनाने का कार्यक्रम शरू हुआ था 5 वर्ष से कम आयु के बच्चो पोषण स्तर के आकलन के लिए सभी आंगनवाडी केन्द्रों में हर साल वजन त्यौहार का आयोजन किया जाता है |

छत्तीसगढ़ राज्य में बच्चों में कुपोषण दर के आंकलन हेतु हर साल वजन त्यौहार का आयोजन किया जाता है। वजन त्यौहार के दौरान प्रदेश के आंगनबाड़ियों में अभियान चलाकर बच्चों का वजन, ऊंचाई मापकर उनकी उम्र के आधार पर कुपोषण का आंकलन किया जाता है। इस दौरान बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाता है। संग्रहित आंकड़ों की ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में एंट्री कर पारदर्शी प्रक्रिया अपनायी जाती है। इस वर्ष प्रदेश में अगस्त माह में वजन त्यौहार का आयोजन किया गया था। इस दौरान प्रदेश के 33 जिलो के 23 लाख 79 हजार 29 बच्चों का वजन लिया गया। इनमें 19 लाख 56 हजार 616 बच्चे सामान्य पाए गए, जबकि 04 लाख 22 हजार 413 बच्चों में कुपोषण की स्थिति देखी गई। इनमें 86 हजार 751 बच्चे गंभीर कुपोषण और 03 लाख 35 हजार 662 बच्चे मध्यम कुपोषित मिले। इसी प्रकार बच्चों की ऊंचाई के आधार पर बौने बच्चों का भी आंकलन किया गया है। इन आंकड़ों को जिलेवार, परियोजनावार, पंचायत और आंगनबाड़ीवार पृथक-पृथक संकलित किया गया है, जिससे आंकड़ों का विश्लेषण कर उचित कार्ययोजना के साथ सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ा जा सके।

वजन त्यौहार के अनुसार कुपोषण % मोस्ट important gk topic

छत्तीसगढ़ की आंगनबाड़ियों में बच्चों में पोषण स्तर के आंकलन के लिए उत्साह के साथ वजन त्यौहार मनाया जाता है। विदित हो छत्तीसगढ़ महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रदेश के बच्चों में व्याप्त कुपोषण, शिशु मृत्यु दर एवं मातृ मृत्यु दर में कमी लाने व समुदाय में जागरुकता के लिए समय-समय पर अनेक प्रयास किये गये है । राष्ट्रीय स्तर के सर्वेक्षणों के अलावा वजन त्यौहार के माध्यम से राज्य के सभी 05 वर्ष तक आयु के बच्चों का वजन वर्ष 2012-13 से लिया जा रहा है और ऑनलाइन साप्टवेयर के माध्यम से उसकी प्रविष्टि समस्त राज्य की हो रही है जिससे कुपोषण की स्थिति का आंकलन करने में सफलता प्राप्त हो पा रही है। छत्तीसगढ़ राज्य में वजन त्यौहार का शुभारंभ 06 जून 2012 को हुई थी ।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य में वर्ष 2021 में वजन त्यौहार की शुरुआत 07 जुलाई से 16 जुलाई तक हुई थी एवं सभी जिलों में 05 वर्ष तक के हजारों बच्चों का वजन और ऊंचाई लिया गया. वहीं 11 से 18 वर्ष की सभी किशोरी बालिकाओं का हिमोग्लोबिन टेस्ट भी कराया गया। कई आंगनबाड़ी केन्द्रों को रंग-बिरंगे गुब्बारों से सजाया गया। फल- सब्जियों से बनी रंगोली के माध्यम से सुपोषित आहार अपनाने का संदेश दिया गया. स्वस्थ शिशु प्रतियोगिता और स्वस्थ किशोरी बालिका प्रतियोगिता के आयोजन के साथ ही रेडी-टू-ईट के विभिन्न व्यंजनों और छत्तीसगढ़ की विभिन्न भाजी का भी प्रदर्शन किया गया।

बच्चों के पोषण स्तर के आंकलन के लिए वजन जरूरी वजन त्यौहार में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं और सहायिकाएं कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन कर रही है । पालकों को उनके बच्चों और शिशुवती माताओं को खान-पान में पौष्टिक आहार को शामिल करने कह रही है । स्वास्थ और स्वच्छता संबंधी सलाह भी दे रही हैं। इस कार्य में स्वास्थ्य विभाग भी सहयोग कर रहा है। बच्चों की आयु के अनुसार उनके वजन और ऊंचाई के आधार पर बच्चों के गंभीर कुपोषित, मध्यम कुपोषित या सामान्य होने का आंकलन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से कुपोषित बच्चों का डाटा बेस तैयार हो रहा है।

वजन त्यौहार में बच्चों का वजन लेकर उनका पोषण स्तर ज्ञात कर सॉफ्टवेयर में दर्ज किया जाता है।

विदित हो कि महिलाओं को इस बात के लिए जागरूक किया जाता है कि वजन कराते समय यदि वजन मशीन का कांटा यदि लाल रंग पर आ कर ठहर जाता है तो यह इस बात का संकेत है कि बच्चा गंभीर रूप से कुपोषित है। कुपोषण दूर करने के लिए उसके खान-पान पर विशेष रूप से ध्यान दिए जाने की जरूरत है।

ज्ञातव्य हो कि वजन मशीन में बच्चें का वजन लेने से सुपोषण अथवा कुपोषण के स्तर का पता चलता है। इसके आधार पर बच्चें को चिन्हांकित कर विशेष पोषण आहार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की देखरेख में दिया जाता है । वजन मशीन में वजन लेते समय हरा रंग सुपोषित होने का प्रतीक है, जबकि पीला रंग मध्यम कुपोषण तथा लाल रंग गंभीर कुपोषण का संकेतक है।

वजन त्यौहार के अनुसार राज्य में कुपोषण की स्थिति 0 वजन त्यौहार – (2012-13)- कुपोषण का प्रतिशत – 40.05 0 वजन त्यौहार (2013-14) – कुपोषण का प्रतिशत – 36.89 0 वजन त्यौहार (2014-15) – कुपोषण का प्रतिशत – 32.16 0 वजन त्यौहार- (2015-16) – कुपोषण का प्रतिशत- 29.87 0 वजन त्यौहार- ( 2016 – 17 ) – कुपोषण का प्रतिशत – 30.13 वजन त्यौहार (2017-18) – कुपोषण का प्रतिशत- 26.33 0 वजन त्यौहार- (2018-19)- कुपोषण का प्रतिशत – 23.37 विभाग द्वारा आयोजित वजन त्यौहार के अनुसार कुपोषण 1 के स्तर में 2012-13 में 40.05 प्रतिशत से 2018-19 में 23.07 प्रतिशत दर की स्थिति आयी है।गौरतलब है कि इस आंकड़े के अनुसार बच्चों के कुपोषण दर में गत 7 वर्षो में 16.68 प्रतिशत की कमी आयी है।

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वजन त्यौहार कितने दिनों तक मनाया जाता है ?

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