विश्व का इतिहास सामान्य ज्ञान World History Gk in Hindi

vishv ka itihas gk in hindi

  1. पुनर्जागरण

  • पुनर्जागरण का अर्थ होता है- फिर से जागना। नये युग के अवतरण की सूचना देने वाले पुनर्जागरण आंदोलन का आरंभ 15वीं शताब्दी में हुआ।पुनर्जागरण का प्रारंभ इटली के फ्लोरेंस नगर से माना जाता है।
  • इटली के महान कवि दाँते (1260-1321 ई.) को पुनर्जागरण का अग्रदूत माना जाता है। दांते | का जन्म फ्लोरेंस नगर में हुआ था।
  • दांते के उपरांत पुनर्जागरण की भावना का प्रसार करने वाला दूसरा व्यक्ति पेट्रॉक (1304-1367
  • ई.) था। मानवतावाद का संस्थापक पेट्रॉक भी इटली का निवासी था।
  • इटालियन गद्य का जनक बोकेशियो (1313-1375 ई.) को माना जाता है। डेकामेरॉन (Decameron) कहानीकार बोकेशियो की एक प्रसिद्ध रचना है।
  • आधुनिक राजनीतिक दर्शन का जनक मैकियावेली को माना जाता है। उसे आधुनिक विश्व का प्रथम राजनीतिक चिन्तक माना जाता है। फ्लोरेंस निवासी मैकियावेली की रचना प्रिन्स राज्य का एक नवीन चित्र प्रस्तुत करती है।
  • पुनर्जागरण की भावना की पूर्ण अभिव्यक्ति इटली के तीन कलाकारों की कृतियों में मिलती है। ये कलाकार थे- लियोनार्दो द विंची, माइकेल एंजलो और राफेल।
  • लियोनार्दो द विंची एक बहुमुखी प्रतिभा का व्यक्ति था। वह चित्रकार के साथ-साथ मूर्तिकार, इंजीनियर, वैज्ञानिक, दार्शनिक, कवि और गायक भी था। द लास्ट सपर और मोनालिसा विंची के अमर चित्र हैं। ये दो चित्र उसके प्रसिद्धि के कारण हैं।
  • माइकल एंजलो भी एक प्रमुख मूर्तिकार एवं चित्रकार थे। द लास्ट जजमेंट एवं द फाल ऑफ मैन माइकल एंजलों की कृतियाँ हैं।
  • राफेल भी इटली का एक चित्रकार था, इसकी सर्वश्रेष्ठ कृति जीसस क्राइस्ट की माता मैडोना का चित्र है।
  • पुनर्जागरण काल में चित्रकला का जनक जियाटो को माना जाता है। पुनर्जागरण काल का सर्वश्रेष्ठ निबंधकार इंग्लैण्ड का फ्रांसीसी बेकन था।
  • हालैंड निवासी इरासमस ने अपनी पुस्तक द प्रेज ऑफ फौली में व्यंग्यात्मक ढंग से पादरियों | के अनैतिक जीवन एवं ईसाई धर्म की कुरीतियों पर प्रहार किया है।
  • इस काल में मार्टिन लूथर ने बाइबिल का अनुवाद जर्मन भाषा में किया।  
  • शेक्सपीयर (इंग्लैण्ड) की अमर कृति रोमियो एण्ड जुलिएट इसी काल की रचना है।
  • इंग्लैण्ड निवासी रोजर बेकन को आधुनिक प्रयोगात्मक विज्ञान का जन्मदाता माना जाता है।
  • टामस मूर ने अपनी पुस्तक यूटोपिया में आदर्श समाज का चित्र प्रस्तुत किया है। वह इंग्लैण्ड का रहने वाला था।
  • पोलैण्ड निवासी कोपरनिकस ने सर्वप्रथम इस बात का खण्डन किया कि पृथ्वी सौरमण्डल का केन्द्र है। कोपरनिकस के सिद्धान्त का समर्थन गैलीलियो (1560-1642 ई.) ने भी किया।
  • जर्मनी निवासी और प्रसिद्ध वैज्ञानिक केपलर/केपला (1571-1630 ई.) ने गणित की सहायता से यह बतलाया कि ग्रह सूर्य के चारों ओर किस प्रकार परिक्रमा करते हैं।
  • न्यूटन (1642-1726 ई.) ने गुरुत्वाकर्षण के नियम का पता लगाया।
  1. धर्म-सुधार आंदोलन

  • धर्म-सुधार आंदोलन की शुरुआत 16वीं सदी में हुई। इस आंदोलन का प्रवर्तक जर्मनी निवासी मार्टिन लूथर था।
  • धर्म-सुधार आंदोलन की शुरुआत इंग्लैण्ड में हुई।
  • जॉन विकलिफ को धर्म-सुधार आंदोलन का प्रात:कालीन तारा कहा जाता है। इसके अनुयायी | लोलार्डस कहलाते थे।
  • धर्म-सुधार आंदोलन ने कैथेलिक चर्च की बुराईयों को उजागर करते हुए एक नये सम्प्रदाय, प्रोटेस्टेन्ट को जन्म दिया और तब कैथोलिक चर्च ने आत्म-निरीक्षण के क्रम में प्रति-सुधार आंदोलन चलाया।  
  • धर्म-सुधार आंदोलन में धर्म के मूल स्वरूप के लिए कोई चुनौती नहीं थी, विरोध केवल व्यवहार एवं कार्यान्वन का था- किसी ने ईसा मसीह, बाइबिल आदि में अनास्था प्रकट नहीं की थी।
  • अमरीका की खोज क्रिस्टोफर कोलम्बस ने की थी।
  • अमेरिगो बेस्पुसी (इटली) के नाम पर अमेरिका का नाम अमेरिका पड़ा।
  • प्रशांत महासागर का नामकरण स्पेन के निवासी मैगलन ने किया था। सम्पूर्ण विश्व का समुद्री मार्ग से चक्कर लगाने वाला प्रथम व्यक्ति मैगलन था।
  1. इंग्लैण्ड की गौरवपूर्ण क्रान्ति

  • इंग्लैण्ड में गृह-युद्ध चार्ल्स प्रथम के शासनकाल में 1642 ई. में हुआ था। यह सात वर्षो (1642-1649 ई.) तक चला। गृह-युद्ध के बाद चार्ल्स प्रथम को फाँसी दे दी गयी। इंग्लैण्ड में गौरवपूर्ण क्रान्ति 1688 ई. में हुई थी। उस समय इंग्लैण्ड का शासक जेम्स द्वितीय था।
  • इंग्लैण्ड के 1688 के क्रान्ति को रक्तहीन क्रान्ति अथवा वैभवपूर्ण क्रान्ति भी कहा जाता है, क्योंकि इस क्रान्ति में एक बूंद भी रक्त धरती पर नहीं गिरा।
  • इस क्रान्ति के बाद इंग्लैण्ड में संसद की सर्वोच्चता की स्थापना हुई।
  • सौ वर्षीय युद्ध इंग्लैण्ड एवं फ्रांस के मध्य हुआ था।
  • गुलाबों का युद्ध इंग्लैण्ड में हुआ था।
  • ट्यूडर वंश के शक्तिशाली राजाओं के शासनकाल में संसद उनके हाथों की कठपुतली बनी रही।  
  • एलिजाबेथ प्रथम का सम्बन्ध ट्यूडर वंश से था।
  • गृह-युद्ध के दौरान राजा के समर्थकों को कैवेलियर कहा गया जबकि संसद के समर्थकों को राउंडहेड्स कहा गया।
  1. औद्योगिक क्रान्ति

  • औद्योगिक क्रान्ति की शुरुआत इंग्लैण्ड से हुई, क्योंकि इंग्लैण्ड के पास अधिक उपनिवेशों के | कारण पर्याप्त कच्चे माल और पूँजी की अधिकता थी।
  • इंग्लैण्ड में सर्वप्रथम औद्योगिक क्रान्ति की शुरुआत सूती वस्त्र उद्योग से हुई।
  • उत्पादन के क्षेत्रों में मशीनों और वाष्प की शक्ति के उपयोग से जो व्यापक परिवर्तन हुए और इन परिवर्तनों के फलस्वरूप लोगों की जीवन पद्धति और उनके विचारों में जो मौलिक परिवर्तन हुए, उसे ही इतिहास में औद्योगिक क्रान्ति कहा जाता है।
  • 1814 ई. में स्टीफेंसन ने रेल के द्वारा खानों से बंदरगाहों तक कोयला ले जाने के लिए भाप के इंजन का प्रयोग किया।
  • स्कॉटलैण्ड के मैकेडम ने सर्वप्रथम पक्की सड़कें बनाने की विधि निकाली।
  • टाउनशैड ने हेर-फेर (Rotation) करके फसलों के बोने की पद्धति निकाली।
  • औद्योगिक क्रान्ति के दौड़ में जर्मनी इंग्लैण्ड का प्रतिद्वन्द्वी था।
  • एशिया के देशों में जापान में आधुनिक उद्योगों का विकास सर्वप्रथम हुआ।

5. अमेरिका का स्वतन्त्रता संग्राम

  • 15वीं शताब्दी के अंत में क्रिस्टोफर कोलम्बस ने अमेरिका का पता लगाया था।
  • अमेरिका में ब्रिटिश औपनिवेशिक साम्राज्य की नींव जेम्स प्रथम के शासनकाल में डाली गयी।
  • अमेरिका के मूल निवासी रेड इंडियन (Red Indian) कहे जाते थे।
  • अमेरिका में 13 अंग्रेज बस्तियाँ (उपनिवेश) थीं।
  • ब्रिटिश सरकार के शोषण का विरोध करने के लिए उपनिवेशवासियों ने स्वाधीनता के पुत्र तथा स्वाधीनता की पुत्रियाँ आदि संस्थाएँ स्थापित की।
  • अमेरिका स्वतन्त्रता संग्राम का तात्कालिक कारण बोस्टन टी-पार्टी की घटना थी, जो 16 दिसंबर, 1773 को हुई थी। इस घटना से अमेरिका का स्वतन्त्रता संग्राम प्रारंभ हुआ। इस घटना का नायक सैम्युल एडम्स था।
  • 1773 ई. में ईस्ट इंडिया कंपनी का चाय से लदा एक जहाज बोस्टन बंदरगाह पहुँचा। बोस्टन के नागरिकों ने जहाज से चाय की पेटियों को 16 दिसंबर, 1773 ई. को समुद्र में फेंक दिया। इस घटना को बोस्टन टी-पार्टी के नाम से जाना जाता है।
  • अमेरिका स्वतन्त्रता संग्राम का नायक जार्ज वाशिंगटन थे, जो बाद में अमेरिका के प्रथम राष्ट्रपति बने।
  • अमेरिका स्वतन्त्रता-संग्राम के दौरान अमेरिका के लोगों का नारा था- प्रतिनिधित्व नहीं तो
  • कर नहीं।
  • सर्वप्रथम प्रजातन्त्र की स्थापना अमेरिका में हुई। अमेरिका को ही आधुनिक गणतन्त्र की जननी कहा जाता है।
  • सर्वप्रथम धर्मनिरपेक्ष राज्य की स्थापना अमेरिका में हुई।
  • विश्व में सर्वप्रथम अमेरिका ने मनुष्यों की समानता तथा उसके मौलिक अधिकारों की घोषणा की।
  • अमेरिका को पूर्ण स्वतन्त्रता 4 जुलाई, 1776 ई. को मिली। ३ 1781 ई. में उपनिवेशी सेना के सम्मुख आत्मसमर्पण करने वाला ब्रिटेन का सेनापति लार्ड कार्नवालिस था।
  • अमेरिका का स्वतन्त्रता युद्ध 1783 ई. में पेरिस की संधि के तहत समाप्त हुआ। इस संधि के अनुसार इंग्लैण्ड ने 13 उपनिवेशों की स्वतन्त्रता स्वीकार कर ली।
  • विश्व में सर्वप्रथम लिखित संविधान संयुक्त राज्य अमेरिका में 1789 ई. में लागू हुआ।
  • 1808 ई. में अमेरिका में दासों के आयात को अवैध घोष्ति किया गया। ३ 1860 ई. में अब्राहम लिंकन अमेरिका के राष्ट्रपति बने।
  • अमेरिका में गृह-युद्ध की शुरुआत 12 अप्रैल, 1861 ई. में दक्षिण एवं उत्तरी राज्यों के बीच हुई।
  • दक्षिणी राज्य दासता के समर्थक एवं उत्तरी राज्य उसके विरोधी थे।
  • अमेरिकी गृह-युद्ध की शुरुआत दक्षिणी कैरोलिना राज्य से हुई, इसी युद्ध के परिणामस्वरूप दास-प्रथा का अंत हुआ।
  • अब्राहम लिंकन ने 1 जनवरी, 1863 को दास-प्रथा का उन्मूलन किया।
  • लोकतन्त्र जनता का, जनता के द्वारा तथा जनता के लिए शासन है- लोकतन्त्र की यह परिभाषा अब्राहम लिंकन ने ही दी थी।
  • जॉन विल्कीज बूथ नामक व्यक्ति ने 4 मार्च, 1865 ई. को अब्राहम लिंकन की हत्या कर दी थी।  
  • अमेरिकी गृह-युद्ध की समाप्ति 26 मई, 1865 ई. को हुई। ३ बेंजामिन फ्रैंकलिन ने अमेरिका फिलोसोफिकल सोसाइटी की स्थापना की थी।
  1. फ्रांस की राज्य क्रान्ति

  • फ्रांस की राज्यक्रान्ति सम्राट 16वें के शासनकाल में 1789 ई. में हुई। इस समय फ्रांस में सामंती व्यवस्था थी।
  • स्वतन्त्रता, समानता एवं बंधुतव का नारा फ्रांस की राज्यक्रान्ति की देन है।
  • ‘मैं ही राज्य हूँ और मेरे शब्द ही कानून हैं।’ यह कथन लूई 14वें का था।
  • लूई 14वें ने वर्साय को फ्रांस की राजधानी बनाया था। वर्साय के शीशमहल का निर्माण लूई 14वें ने करवाया था। राष्ट्र की समाधि वर्साय का भड़कीला राजदरबार था।
  • लूई 16वाँ 1774 ई. में फ्रांस की गद्दी पर बैठा। उसकी पत्नी एंत्वानेत आस्ट्रिया की राजकुमारी थी।  
  • लूई 16वें को देशद्रोह के अपराध में 21 जनवरी, 1793 ई. को फाँसी दे दी गयी।
  • 14 जुलाई, 1789 ई. को क्रान्तिकारियों ने बास्तील के जेल के फाटक को तोड़ कर बंदियों को मुक्त कर दिया।
  • 14 जुलाई का दिन फ्रांस में राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • फ्रांसीसी क्रान्ति में वाल्टेयर, मांटेस्क्यू एवं रूसो जैसे दार्शनिकों का महत्त्वपूर्ण योगदान था।
  • वाल्टेयर चर्च का विरोधी था।
  • सोशल कांटेक्ट (Social Contract) रूसो की रचना है।
  • रूसो फ्रांस में लोकतन्त्रात्मक शासन-पद्धति का समर्थक था।
  • विधि की आत्मा एवं लेटर्स ऑन इंगलिस वाल्टेयर की रचना है।।
  • ‘सौ चूहों की अपेक्षा एक सिंह का शासन उत्तम है।’ यह वाक्य वाल्टेयर का है।
  • स्टेट्स जनरल के अधिवेशन की शुरुआत 5 मई, 1789 ई. को हुई, इसी दिन फ्रांसीसी क्रान्ति | का श्रीगणेश हुआ।
  • टैले एक प्रकार की भूमि-कर था।
  • माप-तौल की दशमलव प्रणाली फ्रांस की देन है।
  • हर्डर को राष्ट्रीयता का जनक कहा जाता है।
  • नेपोलियन का जन्म 15 अगस्त, 1769 ई. को कोर्सिका द्वीप की राजधानी अजासियो में हुआ था।
  • नेपोलियन के पिता का नाम कार्लो बोनापार्ट था, वह पेशे से वकील थे।
  • नेपोलियन ने ब्रिटेन के सैनिक अकादमी में शिक्षा प्राप्त की थी।
  • 1799 ई. में नेपोलियन ने फ्रांस में डायरेक्टरी के शासन का अंत कर दिया तथा स्वयं प्रथम कॉन्सल बना। इस कॉन्सल ने फ्रांस के नये संविधान की रचना की।
  • 1804 ई. में नेपोलियन ने खुद को फ्रांस का सम्राट घोषित कर दिया।
  • नेपोलियन बोनापार्ट एक अन्य नाम लिट्ल कारपोरल के नाम से भी जाना जाता है। नेपोलियन को आधुनिक फ्रांस का निर्माता माना जाता है।
  • नेपोलियन ने ही सर्वप्रथम इंग्लैण्ड को बनियों का देश कहा था।
  • 1798 ई. में नील नदी के युद्ध में नेपोलियन के जहाजी बेड़े को नेल्सन के नेतृत्व में इंग्लैण्ड के जहाजी बेड़े ने हराया।
  • 1800 ई. में नेपोलियन ने बैंक ऑफ फ्रांस की स्थापना की थी।
  • नेपोलियन ने कानूनों का संग्रह तैयार करवाया जिसे नेपोलियन कोड कहा जाता है।  
  • नेपोलियन ने इंग्लैण्ड को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए महाद्वीप व्यवस्था लागू की थी।
  • 21 अक्टूबर, 1805 ई. में इंग्लैण्ड एवं नेपोलियन के बीच ट्रेफल्गर का युद्ध हुआ था।
  • फल्गर के युद्ध में अंग्रेजी जहाजी बेड़े के नायक नेल्सन के नेतृत्व में मित्र देशों ने फ्रांसीसी जलसेना को बुरी तरह हराया। इस युद्ध के बाद नेपोलियन ने समुद्र पर इंग्लैण्ड से भिड़ने का ख्याल हमेशा के लिए त्याग दिया।
  • यूरोपीय राष्ट्रों ने एकजुट होकर 1813 ई. में लिपजिग के मैदान में नेपोलियन को हराया तथा उसे बंदी बनाकर एल्बा के टापू पर भेज दिया, परन्तु एल्बा से वह भाग निकला और पुनः फ्रांस का सम्राट बना।
  • वाटर लू का युद्ध (18 जून, 1815 ई.) नेपोलियन के जीवनकाल का अंतिम युद्ध था, जिसमें उसे मित्र राष्ट्रों की सेना ने पराजित कर बंदी बना लिया और उसे सेंट हेलना द्वीप भेज दिया, जहाँ 1821 ई. में उसकी मृत्यु हो गयी।
  • नेपोलियन के पतन का कारण था, उसका रूस पर आक्रमण करना।
  • यूरोप में राष्ट्रीय राज्यों के निर्माण का श्रेय नेपोलियन को जाता है।
  • 1815 ई. में वियना कांग्रेस समझौता के तहत यूरोप के राष्ट्रों ने फ्रांस के प्रभुत्व को समाप्त किया।
  1. जर्मनी का एकीकरण

  • जर्मनी के एकीकरण का श्रेय बिस्मार्क को है। बिस्मार्क प्रशा के शासक विलियम प्रथम का प्रधानमन्त्री था।
  • 19वीं सदी में जर्मनी अनेक छोटे-छोटे राज्यों में बँटा था, जिसमें प्रशा सबसे शक्तिशाली राज्य था।  
  • जर्मनी में राष्ट्रीयता की भावना जगाने का श्रेय नेपोलियन को है। नेपोलियन ने छोटे-छोटे राज्यों | को मिलाकर 39 राज्यों का एक संघ बनाया, जिसे राइन संघ कहा जाता था।
  • 1812 ई. में प्रशा ने जर्मनी के 12 राज्यों के सहयोग से एक चुंगी सम्बन्धी समझौता करके जालवरीन नामक आर्थिक संगठन का निर्माण किया।
  • बिस्मार्क जर्मनी का एकीकरण प्रशा के नेतृत्व में चाहता था।
  • जर्मनी में आर्थिक राष्ट्रवाद का पिता फ्रेडरिक लिस्ट को माना जाता है।
  • एकीकृत जर्मन राष्ट्र के निर्माण में राके, बोमर, लसर इत्यादि दार्शनिकों ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • 1815 ई. से 1850 ई. के बीच जर्मन साम्राज्य पर आस्ट्रिया का आधिपत्य था। आस्ट्रिया का चांसलर मेटरनिख था।
  • 23 सितंबर, 1862 को बिस्मार्क प्रशा का चांसलर बना।
  • जर्मनी के एकीकरण के क्रम में प्रशा को डेनमार्क, आस्ट्रिया एवं फ्रांस से युद्ध करना पड़ा।
  • 1864 ई. में शेल्सविग-हाल्सटीन के प्रश्न पर जर्मनी का डेनमार्क से युद्ध हुआ। डेनमार्क पराजित हुआ तथा दोनों के मध्य 1864 में गेस्टीन की संधि हुई।
  • अपनी कूटनीति से बिस्मार्क ने आस्ट्रिया को यूरोप की राजनीति में अकेला कर दिया। दोनों के बीच 1866 में सेडोवा का युद्ध हुआ, जिसमें आस्ट्रिया की पराजय हुई तथा प्राग की संधि के अनुसार आस्ट्रिया ने जर्मनी परिसंघ के विघटन को स्वीकार कर लिया।
  • एकीकरण के अंतिम चरण में प्रशा एवं फ्रांस के बीच 1870 ई. में सेडान का युद्ध हुआ जिसमें फ्रांस की पराजय हुई। दोनों के बीच 10 मई, 1871 ई. को फ्रैंकफर्ट की संधि हुई। बिस्मार्क ने जर्मनी के सम्राट विलियम प्रथम का राज्याभिषेक वर्साय के राजमहल में किया।
  • विलियम प्रथम को कैसर की उपाधि से विभूषित किया गया।
  • बिस्मार्क ने लौह एवं रक्त की नीति का अनुसरण करते हुए जर्मनी का एकीकरण कर दिया।
  • विलियम प्रथम ने बिस्मार्क को बाजीगर कहा था।
  1. इटली का एकीकरण

  • 19वीं सदी के प्रारंभ में इटली 13 छोटे-छोटे राज्यों में बँटा था, जिसमें सबसे शक्तिशाली सार्डिनिया पीडमौंट था।
  • इटली में राष्ट्रीयता की भावना जागृत करने का श्रेय नेपोलियन बोनापार्ट को है।
  • इटली के एकीकरण का जनक जोसेफ मेजिनी को कहा जाता है। उसने यंग इटली (1831 ई.) नामक संस्था की स्थापना की।  
  • इटली के एकीकरण के मार्ग में सबसे बड़ा बाधक आस्ट्रिया था।
  • गिबर्टी ने कार्बोनरी सोसायटी नामक गुप्त संस्था की स्थापना की थी।
  • इटली के एकीकरण का श्रेय जोसेफ मेजिनी, काऊंट काबूर और गैरीबाल्डी को दिया जाता है। ३ इटली के एकीकरण का तलवार गैरीबाल्डी को कहा जाता है।
  • 1851 ई. में सार्डिनिया पीडमौंट के शासक विक्टर इमैनुएल ने काऊंट काबूर को अपना प्रधानमन्त्री नियुक्त किया। 1854 ई. में क्रीमिया के युद्ध में भाग लेकर काबूर ने इटली की समस्या को अन्तरराष्ट्रीय समस्या बना दिया था।
  • गैरीबाल्डी ने लाल कुर्ती नाम से सेना का संगठन किया।
  • एकीकरण के प्रथम चरण में काबूर ने फ्रांस की सहायता से 1858 ई. में आस्ट्रिया को पराजित कर लोम्बार्डी का क्षेत्र प्राप्त किया था।
  • आस्ट्रिया के साथ युद्ध के समय ही परमा, टस्कनी, मोडेना आदि राज्यों ने जनमत संग्रह के आधार पर अपने को सार्डिनिया पीडमौंट में मिला लिया। यह एकीकरण का द्वितीय चरण था।
  • एकीकरण के तृतीय चरण का श्रेय गैरीबाल्डी को दिया जाता है। इस चरण में गैरीबाल्डी ने सिसली कोजीत लिया। उसके बाद नेपल्स के राजमहल में विक्टर इमैनुएल को संयुक्त इटली का शासक घोषित किया गया।
  • सार्डिनिया पीडमौंट का नाम बदलकर इटली का राज्य कर दिया गया।
  • 1870 ई. में प्रशा एवं फ्रांस के बीच युद्ध का लाभ उठाकर रोम पर अधिकार करके उसे इटली की राजधानी बनाया (1871) गया। यह एकीकरण का चतुर्थ एवं अंतिम चरण था। जोसेफ मेजिनी का कहना था कि- ‘यदि समाज में क्रान्ति लानी हो तो क्रान्ति का नेतृत्व नवयुवकों के हाथों में दे दो।’
  1. रूसी क्रान्ति

  • सी क्रान्ति 1917 ई. में हुई थी। इस क्रान्ति का तात्कालिक कारण प्रथम विश्व युद्ध में रूस की पराजय थी।
  • रूस के शासक को जार कहा जाता था। क्रान्ति के समय रोमनोव वंश का निकोलस द्वितीय रूस का जार था। उसकी पत्नी जरीना पथभ्रष्ट पादरी रासपुटीन के प्रभाव में थी।
  • जार अलेक्जेंडर द्वितीय ने 1862 ई. में दास प्रथा का अंत कर दिया था, इसलिए उसे जार मुक्तिदाता कहा जाता है।
  • 22 जनवरी, 1905 ई. के दिन जार के पास जा रहे भूखे मजदूरों के समूह पर सेना ने गोलियाँ बरसाई। इसे खूनी रविवार के नाम से जाना जाता है।
  • 7 मार्च, 1917 ई. को रूस में क्रान्ति का प्रथम विस्फोट हुआ। विद्राहियों ने रोटी-रोटी का नारा लगाते हुए सड़कों पर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।
  • जार की सेना ने विद्रोहियों पर गोली चलाने से इनकार कर दिया। ३ 15 मार्च, 1917 ई. को जार निकोलस द्वितीय ने गद्दी त्याग दी। इस प्रकार रूस से निरंकुश जारशाही का अंत हो गया।
  • एक जार, एक चर्च और एक रूस का नारा जार निकोलस द्वितीय ने दिया था।  
  • रूसी साम्यवाद का जनक प्लेखानोव को माना जाता है।
  • सोशल डेमोक्रेटिव दल की स्थापना 1898 ई. में हुई थी। कालांतर में वैचारिक मतभेदों के आधार पर 1903 ई. में यह दल दो भागों में बोल्शेविक तथा मेनशेविक में बँट गया।
  • बहुमत अर्थात् बहुसंख्यक वाला दल बोल्शेविक कहलाया। इसका सर्वप्रमुख नेता लेनिन था।  
  • अल्पमत अर्थात् अल्पसंख्यक वाला दल मेनशेविक कहलाया। इसका सर्वप्रमुख नेता करेंसकी था।  
  • जार के गद्दी त्यागने (15 मार्च, 1917 ई.) के बाद सत्ता मेनशेविकों के हाथ में आयी।
  • करेंसकी प्रधानमन्त्री बना, परन्तु यह सरकार जनसमस्याओं को सुलझाने में असफल रही। इसका विरोध करने पर लेनिन को निर्वासित कर दिया गया।
  • अंतत: बोल्शेविकों ने बल प्रयोग द्वारा सत्ता पलटने की तैयारी शुरू कर दी। 17 नवंबर, 1917 ई. को सभी महत्त्वपूर्ण सरकारी इमारतों पर कब्जा कर लिया गया। करेसको देश छोड़कर भाग गया।
  • 17 नवंबर, 1917 ई. की बोल्शेविक क्रान्ति का नेता लेनिन था।
  • बोल्शेविकों ने एक नई सरकार का गठन किया, जिसका अध्यक्ष लेनिन बना तथा ट्राटस्की को विदेशमन्त्री बनाया गया। ३ विश्व इतिहास में पहली बार शासन सूत्र मजदूर वर्गों के हाथों में आया।  
  • साम्यवादी शासन का पहला प्रयोग रूस में ही हुआ।
  • सर्वप्रथम समाजवाद शब्द का प्रयोग राबर्ट ओवेन ने किया था। वह वेल्स का रहने वाला था।  
  • आदर्शवादी समाजवाद का प्रवक्ता राबर्ट ओवेन को माना जाता है।
  • वैज्ञानिक समाजवाद का संस्थापक कार्ल मार्क्स था। कार्ल मार्क्स जर्मनी का निवासी था।
  • ‘दुनिया के मजदूरों एक हो’ का नारा कार्ल मार्क्स ने दिया।
  • फ्रेडरिक एंजेल्स कार्ल मार्क्स का आजीवन साथी रहा।
  • दास कैपिटल एवं कम्यूनिस्ट मैनीफेस्टो नामक पुस्तकें कार्ल मार्क्स की रचना है।
  • फेबियन सोशलिज्म का नेतृत्व जार्ज बर्नाड शॉ ने किया था।
  • लेनिन ने चेका नामक गुप्त क्रान्तिकारी संस्था की स्थापना की।
  • प्रथम विश्व युद्ध के दौरान लेनिन का नारा था ‘युद्ध का अंत करो।
  • 16 अप्रैल, 1917 ई. में लेनिन ने रूस में क्रान्तिकारी योजना प्रकाशित की, जो अप्रैल थीसिस के नाम से जानी जाती है।
  • लेनिन ने 1921 ई. में रूस में नई आर्थिक नीति (New Econimic Policy-NEP) लागू की।
  • 1924 ई. में लेनिन की मृत्यु हो गयी। ३ लाल सेना (Red Army) नामक संगठन की स्थापना ट्राटस्की ने की। ट्राटस्की स्थायी क्रान्ति के सिद्धान्त का समर्थक था।
  • रूस में सबसे अधिक जनसंख्या स्लाव लोगों की थी।
  • अन्ना कैरेनिना का लेखक लियो टाल्सटॉय था।
  • शून्यवाद का जनक तुर्गनेव को माना जाता है।
  • राइट्स ऑफ मैन का लेखक टॉमस पेन था।
  • मदर की रचना मैक्सिम गोर्की ने की थी। आधुनिक रूस का निर्माता स्टालिन को माना जाता है।
  1. प्रथम विश्व युद्ध

  • प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत 28 जुलाई, 1914 ई. को हुई थी। इस युद्ध का तात्कालिक कारण आस्ट्रिया के राजकुमार फर्डिनेंड की बोस्निया की राजधानी सराजेवो में की गयी हत्या थी।
  • यह युद्ध चार वर्षों अर्थात् 1918 ई. तक चला। इसमें 37 देशों ने भाग लिया।
  • प्रथम विश्व युद्ध में सम्पूर्ण विश्व दो भागों में बँटा था- मित्र राष्ट्र और धरी राष्ट्र।
  • मित्र राष्ट्रों में इंग्लैण्ड, फ्रांस, रूस, जापान तथा संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देश शामिल थे।
  • धुरी राष्ट्रों का नेतृत्व जर्मनी ने किया। इसमें शामिल अन्य देश थे- आस्ट्रिया, हंगरी, तुर्की, इटली आदि।
  • बाद में इटली धुरी राष्ट्रों से अलग होकर मित्र राष्ट्रों के समूह में जा मिला।
  • रूसी क्रान्ति के बाद रूस युद्ध से अलग हो गया।  
  • संयुक्त राज्य अमेरिका आरंभ में तटस्थ था। लेकिन जर्मनी द्वारा ब्रिटेन के लूसीतानिया जहाज तथा अमेरिकी जहाजों को डुबोने के बाद वह मित्र राष्ट्रों की तरफ से युद्ध में शामिल हो गया।
  • लूसीतानिया जहाज के डूबने से मरने वालों में सर्वाधिक संख्या अमेरिकियों की थी।  
  • प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी ने रूस पर 1 अगस्त, 1914 ई. में एवं फ्रांस पर 3 अगस्त, 1914 ई. में आक्रमण किया।
  • 8 अगस्त, 1914 ई. को इंग्लैण्ड प्रथम विश्व युद्ध में शामिल हुआ।
  • 26 अप्रैल, 1915 ई. को इटली मित्र राष्ट्रों की ओर से प्रथम विश्व युद्ध में शामिल हुआ।
  • 6 अप्रैल, 1917 ई. को अमेरिका प्रथम विश्व युद्ध में शामिल हुआ। इस समय अमेरिका का राष्ट्रपति वुडरो विल्सन था।
  • प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति 11 नवंबर, 1918 ई. को हुई थी।
  • 18 जून, 1919 ई. को पेरिस में शान्ति सम्मेलन का आयोजन किया गया। पेरिस शान्ति
  • सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन, ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री लायड जार्ज तथा फ्रांस के प्रधानमन्त्री जार्ज क्लीमेन्शु की महत्त्वपूर्ण भूमिका थी।
  • मित्र राष्ट्रों ने जर्मनी के साथ वर्साय की संधि, आस्ट्रिया के साथ सेण्ट जर्मेन की संधि, बुल्गारिया के साथ न्यूली की संधि, हंगरी के साथ त्रिआनों की संधि तथा तुर्की के साथ सेख्ने (सेवस) की संधि की।
  • मित्र राष्ट्रों ने पराजित जर्मनी के साथ अन्यायपूर्ण वर्साय की संधि (28 जून, 1919) की थी। इस वर्साय की संधि ने ही द्वितीय विश्व युद्ध का बीजारोपण किया।
  • अन्तरराष्ट्रीय क्षेत्र में विश्वयुद्ध का सबसे बड़ा योगदान राष्ट्रसंघ (League of Nations) की स्थापना थी। इसकी स्थापना 1920 ई. में की गयी थी।

11. इटली में फासीवाद का उदय

  • ‘फासिज्म’ (फासीवाद) इतालवी मूल का शब्द है।
  • इस शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम बेनिटो मुसोलिनी के नेतृत्व में चलाये गये आंदोलन के लिए किया गया था।
  • मुसोलिनी के नेतृत्व फासीवाद/फासिस्टवाद दल की स्थापना मिलान में की गयी थी।
  • फासिस्टवाद कट्टर उग्र-राष्ट्रीयता का ही एक रूप था। यह प्रजातन्त्र का विपरीत अर्थ रखता था। यह एक शासन प्रणाली के रूप में तानाशाही का परिचायक था।
  • मुसोलिनी का जन्म 1883 ई. में रोमाग्ना में हुआ था। 1915 ई. में मुसोलिनी सेना में भर्ती हुआ। 1917 ई. में एक युद्ध में घायल होने के बाद वह सैन्य सेवा से अलग हो गया।
  • प्रथम विश्वयुद्ध के बाद इटली की मित्र राष्ट्रों से असंतुष्टि तथा युद्धोपरांत सैनिकों की छंटनी से उत्पन्न अराजक स्थिति को सुधारने के लिए मुसोलिनी ने भूतपूर्व सैनिकों की मदद में मिलान में एक संगठन बनाया, जिसे फासिस्ट कहा जाता है।
  • सोलिनी ने डियाज को सैन्य अधिकारी नियुक्त किया।
  • मुसोलिनी को उसके सहयोगी ड्यूस कहते थे।
  • फासीवादी दल के स्वयंसेवक काली कमीज पहनते थे।
  • मुसोलिनी की अध्यक्षता में इटली एक शक्तिशाली एवं समृद्धशाली राष्ट्र बन गया।
  • मुसोलिनी ने अक्टूबर 1922 में रोम पर और 1935 ई. में अबीसीनिया पर आक्रमण किया।
  • 1936 ई. में मुसोलिनी ने जापान एवं जर्मनी के साथ मिलकर रोम, बर्लिन, टोकियो धुरी का निर्माण किया।
  • मुसोलिनी ने 10 जून, 1939 ई. को द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान मित्रराष्ट्रों के विरुद्ध युद्ध की घोषण कर दी।
  • द्वितीय विश्वयुद्ध में पराजित होने पर 1945 ई. में मुसोलिनी के सहयोगियों ने उसे पत्नी के साथ गोलियों से भून दिया था।
  • इटली में फासीवाद का अंत 28 अप्रैल, 1945 ई. को माना जाता है।
  1. जर्मनी में नाजीवाद का उदय
  • ‘नाजीवाद’ फासिज्म का जर्मन रूप था।
  • ‘नाजी’ शब्द हिटलर द्वारा 1920 में स्थापित दल ‘नेशनल सोशलिस्ट पार्टी’ के नाम से निकला | है। इसी दल को संक्षेप में नाजी पार्टी कहा जाता था।
  • जर्मनी में नाजी दल का उत्थान हिटलर के नेतृत्व में हुआ था। नाजी दल का प्रचार कार्य गोयबल्स संभालता था।
  • हिटलर का जन्म 20 अप्रैल, 1889 ई. को वॉन में हुआ था।
  • जर्मन वर्ल्स पार्टी की स्थापना हिटलर द्वारा की गयी।
  • प्रथम विश्वयुद्ध के समय हिटलर जर्मनी की सेना में भर्ती हो गया। युद्ध के दौरान असाधारण वीरता के कारण उसे आयरन क्रॉस मिला।
  • 1923 ई. में जर्मनी की गणतान्त्रिक सरकार का तख्ता पलटने के प्रयास में वह पकड़ा गया तथा उसे सजा हो गयी।
  • जेल में ही उसने मेन केम्फ (मेरा संघर्ष) किताब लिखी। यह हिटलर की आत्मकथा है।
  • ‘एक राष्ट्र एक नेता’ का नारा हिटलर ने दिया।
  • हिटलर वर्साय संधि का विरोधी था। अतः जर्मन देश देशभक्त एवं पूर्व सैनिक अफसर नाजी । पार्टी को समर्थन देने लगे।
  • हिटलर के समर्थक उसे फ्यूरर कहते थे।  
  • हिटलर के समर्थक बाँह पर स्वास्तिक का चिह्न लगाते थे।
  • हिटलर ने गुप्तचर पुलिस का गठन किया, जिसे गेस्टापो कहा जाता है।
  • हिटलर के लिए शामी विरोधी नीति का अर्थ था- यहूदी विरोधी नीति। इसका तात्पर्य है हिटलर यहूदियों से घृणा करता था।
  • राष्ट्रपति हिंडेनबर्ग ने 1933 ई. में हिटलर को अपना चांसलर (प्रधानमन्त्री) नियुक्त किया।
  • 1934 ई. में हिटलर जर्मनी का तानाशाह बन बैठा। ३ 16 मार्च, 1935 ई. को हिटलर ने पुनः शस्त्रीकरण की घोषणा की।  
  • हिटलर की विस्तारवादी नीति का पहला शिकार आस्ट्रिया हुआ।
  • 1 सितंबर, 1939 ई. को हिटलर की सेना ने पोलैंड पर आक्रमण किया। फलतः द्वितीय विश्वयुद्ध की शुरुआत हो गयी।
  • द्वितीय विश्वयुद्ध में पराजय के कारण हिटलर ने 1945 में आत्महत्या कर ली।
  1. जापानी साम्राज्यवाद

  • जापान के साम्राज्यवाद का सबसे पहला शिकार चीन हुआ। ३ 1853 ई. में एक अमेरिकी नाविक कमोडोर पेरी ने बल प्रयोग कर जापान का द्वार अमेरिकी व्यापार के लिए खोला।।
  • 1867 ई. में सम्राट मुत्सुहितो गद्दी पर बैठा और उसने मेईजी की उपाधि धारण की।
  • 1868 ई. में शोगून (एक प्रकार का सामंत वर्ग) ने त्यागपत्र देकर वास्तविक शक्ति जापानी सम्राट को सौंप दी। इस प्रकार सम्राट के शासन की ही एक प्रकार से पुनस्र्थापना हुई, इसलिए इसे मेईजी पुनस्र्थापना भी कहते हैं।
  • मेईजी युग (सम्राट मुत्सुहितो) के साथ ही जापान में आधुनिकीकरण के युग की शुरुआत हुई।
  • 1872 ई. में जापान में सैनिक सेवा अनिवार्य कर दी गयी।
  • 1905 ई. में जापान ने रूस को पराजित किया।
  • जापान-रूस युद्ध की समाप्ति 5 सितंबर, 1905 को पासमाऊथ की संधि के द्वारा हुई।
  • अपनी साम्राज्यवादी आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए जापान ने 1931 ई. में मंचूरिया पर आक्रमण किया।
  • 20 मार्च, 1933 को जापान ने राष्ट्रसंघ की सदस्यता त्याग दी।
  • जापान को पीत आतंक से संबोधित किया जाता था।
  • द्वितीय विश्वयुद्ध में जापान ने धुरी राष्ट्रों का साथ दिया।
  • अमेरिका ने जापान पर पहला अणु बम 6 अगस्त, 1945 ई. को हिरोशिमा पर गिराया तथा दूसरा अणु बम 9 अगस्त, 1945 ई. को नागासाकी पर गिराया।
  • हिरोशिमा और नागासाकी पर अणु बम गिराये जाने के कारण जापान ने द्वितीय विश्वयुद्ध में 14 अगस्त, 1945 ई. को आत्मसमर्पण कर दिया।
  1. द्वितीय विश्वयुद्ध

  • द्वितीय विश्वयुद्ध की शुरुआत 1 सितंबर, 1939 ई. को हुई।
  • इस युद्ध का तात्कालिक कारण जर्मनी द्वारा पोलैंड पर आक्रमण था।।
  • यह युद्ध 6 वर्षों तक चला। 14 अगस्त, 1945 ई. को जापान के आत्मसमर्पण के बाद यह युद्ध बंद हुआ। इस युद्ध में 61 देशों ने भाग लिया।
  • इस युद्ध में एक ओर सोवियत रूस, इंग्लैण्ड, फ्रांस, अमेरिका, चीन तथा अन्य राष्ट्र थे। इन्हें मित्र राष्ट्र कहा जाता था। दूसरी ओर जर्मनी, जापान तथा इटली थे, जिन्हें धुरी राष्ट्र कहा जाता था।
  • द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जर्मन जनरल रोम्मेल का नाम डेजर्ट फॉक्स रखा गया था।
  • वर्साय की संधि को आरोपित संधि के नाम से जाना जाता है। जर्मनी ने वर्साय की संधि का उल्लंघन 1935 ई. में किया।
  • स्पेन में गृह-युद्ध 1936 ई. में शुरू हुआ था।
  • द्वितीय विश्वयुद्ध के समय इंग्लैण्ड के प्रधानमन्त्री विंस्टन चर्चिल एवं अमेरिका के राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट थे।
  • द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान प्रारंभ में अमेरिका तटस्थ था, लेकिन जापान द्वारा 7 दिसंबर, 1941 ई. को अमेरिका के पर्ल हार्बर नामक नौसेनिक अड्डे पर आक्रमण किये जाने के बाद वह मित्र राष्ट्रों की तरफ से युद्ध में शामिल हो गया।
  • इस युद्ध में संयुक्त रूप से इटली एवं जर्मनी का पहला शिकार स्पेन हुआ।
  • जर्मनी द्वारा सोवियत संघ पर आक्रमण करने की योजना को ऑपरेशन बारबोसा कहा गया।
  • 10 जून, 1940 ई. को इटली ने जर्मनी की ओर से द्वितीय विश्वयुद्ध में प्रवेश किया।
  • 23 अगस्त, 1939 ई. को जर्मनी-रूस आक्रमण समझौते पर हस्ताक्षर हुए। जर्मनी ने रूस पर समझौता उल्लंघन का आरोप लगारकर उस पर जून 1941 ई. में आक्रमण कर दिया।
  • 8 अगस्त, 1941 ई. को अमेरिका का द्वितीय विश्वयुद्ध में प्रवेश हुआ। , इंग्लैण्ड की शानदार अलगाववाद की नीति का विचारक सेलिसेवरी था।
  • द्वितीय विश्वयुद्ध में जर्मनी की पराजय का श्रेय रूस को दिया जाता है।
  • द्वितीय विश्वयुद्ध में अमेरिका ने 6 अगस्त, 1945 ई. को जापान के शहर हिरोशिमा पर लिट्ल बॉय (यूरेनियम-235) नामक अणु बम (Atom Bomb) गिराया।
  • इस विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिका ने जापान के एक और शहर नागासाकी पर 9 अगस्त, 1945 ई. को फैटमैन (प्लोटेनियम-293) नामक अणु बम (Atom Bomb) गिराया। यह बम 100 MW का था।
  • इस युद्ध में मित्र राष्ट्रों से पराजित होने वाला अंतिम देश जापान था।
  • अन्तरराष्ट्रीय क्षेत्र में द्वितीय विश्वयुद्ध का सबसे बड़ा योगदान संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) की स्थापना है। इस संस्था की स्थापना 24 अक्टूबर, 1945 ई. को हुई।

आधुनिक भारत का इतिहास IAS आईएएस प्री परीक्षा हल प्रश्न-पत्र (1995-2018) तक

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