टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 GK 2024 UPDATE

टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम-2005 छत्तीसगढ़ शासन द्वारा महिलाओं को टोनही के रूप में चिन्हित कर उन्हें उत्पीड़न किये जाने की घटनाओं को रोकने एवं इस सामाजिक बुराई के उन्मूलन हेतु छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 प्रदेश में दिनांक 30 सितम्बर 2005 से लागू किया गया है। टोनही से आशय व्यक्ति जिसे किसी व्यक्ति अथवा व्यक्तियों द्वारा उपदर्शित किया जाये कि वह किसी अन्य व्यक्ति अथवा व्यक्तियों अथवा समाज अथवा पशु अथवा जीवित वस्तुओं को काला जादू, बुरी नजर या किसी अन्य रीति से हानि पहुंचायेगा अथवा हानि पहुंचाने की शक्ति रखता है अथवा इस तरह वह हानि पहुंचाने का आशय रखता है, चाहे वह डायन, टोनहा अथवा किसी अन्य नाम से जाना जाता हो। इस अधिनियम के तहत निम्नानुसार दण्ड के प्रावधान है:

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* टोनही की पहचान के लिए दण्ड- जो कोई, किसी व्यक्ति की किसी भी माध्यम से टोनही के रूप में पहचान कराता है, दोषसिद्ध होने पर तीन वर्ष तक का कठोर कारावास एवं जुर्माने का प्रावधान है।

* प्रताड़ना के लिए दण्ड- जो कोई, स्वयं या अन्य किसी व्यक्ति द्वारा टोनही के रूप में पहचान किये गए व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक रूप से प्रताड़ित करता है या नुकसान पहुंचाता है, दोषसिद्ध होने पर पाँच वर्ष तक का कठोर कारावास एवं जुर्माने का प्रावधान है। अभिकथित उपचार के लिए दण्ड- जो कोई व्यक्ति टोनही के पहचान करने, तंत्रमंत्र करने, उपचार करने या नियंत्रण करने या काला जादू, बुरी नजर या अन्य किसी रीति से क्षति पहुंचाने का दावा करता है, प्रचारित करता है या भ्रमित करता है, दोषसिद्ध होने पर पाँच वर्ष तक का कठोर कारावास एवं जुर्माने का प्रावधान है।

अभिकथित उपचार के लिए दण्ड- जो कोई व्यक्ति टोनही के पहचान करने, तंत्रमंत्र करने, उपचार करने या नियंत्रण करने या काला जादू, बुरी नजर या अन्य किसी रीति से क्षति पहुंचाने का दावा करता है, प्रचारित करता है या भ्रमित करता है, दोषसिद्ध होने पर पाँच वर्ष तक का कठोर कारावास एवं जुर्माने का प्रावधान है। टोनही होने का दावा करने के लिए दण्ड – जो कोई इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय कोई अपराध कारित करने का प्रयास करेगा या ऐसे अपराध कारित होने का कारण बनेगा और ऐसा प्रयास में अपराध कारित करने की दिशा में कोई कार्य करेगा, उसे ऐसे अपराध के लिए उपबंधित दंड से दंडित किया जायेगा ।

* अपराध कारित करने के प्रयास हेतु दण्ड- जो कोई इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय कोई अपराध कारित करने का प्रयास करेगा या ऐसे अपराध कारित होने का कारण बनेगा और ऐसे प्रयास में अपराध कारित करने की दिशा में कोई कार्य करेगा, उसे ऐसे अपराध के लिए उपबंधित दंड से दंडित किया जायेगा

इस अधिनियम के अंतर्गत जब कोई महिला जुर्माने का दंड अधिरोपित करता है, तब न्यायालय निर्णय पारित करते समय वसूल किया गया जुर्माना पूरा या आंशिक, पीड़ित को मुआवजे के रूप में भुगतान का आदेश दे सकेगा ।

इस अधिनियम के तहत् समस्त अपराध प्रथम श्रेणी न्यायिक दण्डाधिकारी के न्यायालय में विचारणीय होंगे, तथा दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी समस्त अपराध संज्ञेय और अजामनतीय होगा । टोनही प्रकरण से संबंधित घटना होने पर इसकी सूचना नजदीक के थाने में दिया जावे।

टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 MCQ GK

प्रश्न -.छत्तीसगढ़  टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 को राज्यपाल द्वारा कब स्वीकृति प्रदान की गई? 26 सितंबर 2005 को

प्रश्न – छत्तीसगढ़  टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 को सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में कब से लागू किया गया है? 30 सितंबर 2005 से

प्रश्न – इस अधिनियम की किस धारा में टोनही को परिभाषित किया गया है? धारा 2 में 

प्रश्न – छत्तीसगढ़  टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति किसी भी माध्यम से टोनही के रूप में किसी की पहचान करता है, तो उस व्यक्ति को कितने वर्ष का कारावास दिए जाने का प्रावधान है?  3 वर्ष का कठोर कारावास

प्रश्न – छत्तीसगढ़  टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 के अंतर्गत किये गए सभी अपराध होंगे. संज्ञेय और अजमानतीय

प्रश्न -छत्तीसगढ़  टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 के अंतर्गत समस्त अपराध विचारणीय होंगे – प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी द्वारा

प्रश्न –  छ०ग० टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 के अंतर्गत नियम बनाने की शक्ति है? राज्य सरकार को 

प्रश्न – छत्तीसगढ़  टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 में कुल कितने धाराएँ है?  16 

प्रश्न –  छ० ग० टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 के अंतर्गत यदि को व्यक्ति टोनही होने का दावा करता है, तो उसे कितने वर्ष का कारावास हो सकता है? 

1 वर्ष का कठोर कारावास

प्रश्न – छत्तीसगढ़  टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति किसी को टोनही कहकर उसे प्रताड़ित करता है तो उसे कितने वर्षों का कारवास हो सकता है? 5 वर्ष

Mahila Supervisor  मॉडल पेपर्स और previous पेपर्स Supervisor परीक्षाओँ के लिए महत्वपूर्ण होते है क्योंकि इन की मदद से आप महिला पर्यवेक्षक परीक्षा के लिए अच्छे से तैयारी जाँच सकते है और आपने आप को अच्छे तरीके से competitive एग्जाम के लिए तैयारी कर सकते हो| परीक्षा से पहले आप अपनी कमजोरियों और ताकत को परख सकते है और किसी भी competitive एग्जाम के लिए त्यार रह सकते है|

इस अधिनियम को छत्तीसगढ़ सरकार ने 30 सितंबर 2005 से पूरे छत्तीसगढ़ में लागू कर दिया है।  

टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 से संबंधित प्रश्नोत्तरी 

1. छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 को राज्यपाल द्वारा कब स्वीकृति प्रदान की गई? 

A. 26 अगस्त 2005 को 

B. 26 सितंबर 2005 को 

C. 16 नवम्बर 2095 को 

D. 26 दिसम्बर 2005 को

उत्तर –  -B. 26 सितंबर 2005 को

2. छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 को सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में कब से लागू किया गया है? 

A. 26 सितंबर 2005 से 

B. 30 सितंबर 2005 से 

C. 16 दिसम्बर 2005 से 

D. इनमें से कोई नही

उत्तर –  – B. 30 सितंबर 2005 से

3. इस अधिनियम की किस धारा में टोनही को परिभाषित किया गया है? 

A. धारा 1 में 

B. धारा 2 में 

C. धारा 3 में 

D. धारा 4 में

उत्तर –  – B. धारा 2 में

4. छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति किसी भी माध्यम से टोनही के रूप में किसी की पहचान करता है, तो उस व्यक्ति को कितने वर्ष का कारावास दिए जाने का प्रावधान है? 

A. 2 वर्ष का कठोर कारावास 

B. 3 वर्ष का कठोर कारावास 

C. 4 वर्ष का कठोर कारावास 

D. 5 वर्ष का कठोर कारावास

उत्तर –  – B. 3 वर्ष का कठोर कारावास

5. छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 के अंतर्गत किये गए सभी अपराध होंगे –  

A. संज्ञेय और अजमानतीय 

B. असंज्ञेय और अजमानतीय

C. संज्ञेय और जमानतीय 

D. असंज्ञेय और जमानतीय

उत्तर –  – A. संज्ञेय और अजमानतीय

6. छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 के अंतर्गत समस्त अपराध विचारणीय होंगे –  

A. प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी द्वारा 

B. जिला न्यायालय द्वारा 

C. कुटुंब न्यायालय द्वारा 

D. किसी भी न्यायालय द्वारा

उत्तर –  – A. प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी द्वारा

7.छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 के अंतर्गत नियम बनाने की शक्ति है? 

A. राज्य सरकार को 

B. जिला न्यायालय को

C. जिला कलेक्टर को 

D. उच्च न्यायालय को

उत्तर –  – A. राज्य सरकार को

8. छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 में कुल कितने धाराएँ है? 

A. 15 

B.  16 

C. 17 

D. 18

उत्तर –  – B. 16

9.छत्तीसगढ़  टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 के अंतर्गत यदि को व्यक्ति टोनही होने का दावा करता है, तो उसे कितने वर्ष का कारावास हो सकता है? 

A. 1 वर्ष का कठोर कारावास 

B. 3 वर्ष का कठोर कारावास 

C. 5 वर्ष का कठोर कारावास 

D. 6 वर्ष का कठोर कारावास

उत्तर –  – A. 1 वर्ष का कठोर कारावास

10. छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति किसी को टोनही कहकर उसे प्रताड़ित करता है तो उसे कितने वर्षों का कारवास हो सकता है? 

A. 3 वर्ष 

B. 5 वर्ष 

C. 6 वर्ष

D. 7 वर्ष

उत्तर – B. 5 वर्ष

11. छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति ओझा होने का दावा करता है तो इसे कितने वर्ष का कारावास हो सकता है? 

A. 3 वर्ष 

B. 5 वर्ष 

C. 6 वर्ष 

D. 7 वर्ष

Answer B. 5 वर्ष

12. छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 के अंतर्गत बनाए गए किसी नियम के अधीन किसी अधिकारी या प्राधिकारी द्वारा निर्णय अथवा पारित आदेश के विरूद्ध कोई वाद –  

A. सिविल न्यायालय ग्रहण नही करेगा 

B. सिविल न्यायालय ग्रहण करेगा 

C. उच्च न्यायालय ग्रहण करेगा 

D. कुटुंब न्यायालय ग्रहण करेगा

उत्तर –  – A. सिविल न्यायालय ग्रहण नही करेगा

13. छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 की किस धारा में पीड़िता को मुआवजा देने का प्रावधान है? 

A. धारा  12 

B. धारा  13 

C. धारा  14 

D. धारा 15

उत्तर –  – B. धारा 13

14. छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 के अंतर्गत ‘हानि’ में शामिल है? 

A. शारिरिक व मानसिक नुकसान 

B. आर्थिक नुकसान 

C. प्रतिष्ठा को नुकसान 

D. उपरोक्त सभी

उत्तर –  – D. उपरोक्त सभी

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