head छत्तीसगढ़ सार्वभौम पीडीएस योजना क्या है | Chhattisgarh Yojana
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छत्तीसगढ़ सार्वभौम पीडीएस योजना क्या है | Chhattisgarh Yojana

छत्तीसगढ़ सार्वभौम पीडीएस

छत्तीसगढ़ में सार्वभौम पीडीएस योजना कब शुरू की गई थी?

वर्ष 2020 से

मलेरिया मुक्त छत्तीयगढ़ / बस्तर अभियान योजना का उद्देश्य क्या है

·         शुरुआत : 2 अक्तूबर 2019 (गांधी जी की 150 वीं जयंती पर)

·         प्रमुख उद्देश्य : प्रदेश के सभी श्रेणी के (एपीएल / बीपीएल) परिवारों को खाद्यान की उपलब्धता सुनिश्चित करना।

योजना के प्रमुख प्रावधान –

·         इस योजना के अंतर्गत राशन कार्डों में खाद्यान पात्रता में वृद्धि के साथ राज्य सरकार द्वारा बीपीएल एवं एपीएल परिवारों को खाद्यान प्रदान किया जा रहा है जिसमें हर कार्डधारक लोगो को इस योजना का लाभ मिल सके।

·         इस योजना के तहत 1 सदस्य परिवार को 10 किलो, 2 सदस्यीय परिवार को 20 किलो, 3 से 5 सदस्यीय परिवार को 35 किलो, तथा 5 से अधिक सदस्यीय परिवारों को 7 किलो प्रतिमाह चावल प्रदान किया जाता हैं।

·         इसके साथ-साथ चना व आयोडीन नमक के वितरण के साथ गरीबी शहरी क्षेत्रों में मिट्टीतेल भी प्रदान किया जाएगा।

·         चना वितरण : राज्य के अनुसूचित और माडा क्षेत्र के 25 लाख अंत्योदय एवं प्राथमिकता परिवारों के भोजन में प्रोटीन की कमी पूरी करने के लिए रियायती दर 5 रूपये प्रति किलो की दर पर प्रतिमाह 2 किलो चना वितरण |·         गुड़ वितरण : बस्तर संभाग में सभी जिलों के अंत्योदय एवं प्राथमिकता वाले राशनकार्डों में शामिल सदस्यों को एनीमिया से बचाने के उद्देश्य से गुड़ वितरण किया जाता हैं। ऐसे परिवारों को प्रति माह 2 किलो गुड़ का वितरण किया जाता हैं। इन परिवारों को 17 रुपये प्रतिकिलो की दर पर गुड़ प्रदाय किया जाता हैं।

प्रमुख बिन्दु –

·         बीपीएल कार्ड के छठवे सदस्य एवं अतिरिक्त सदस्य को 7 किलो अतिरिक्त चावल ।

·         गाँव की तरह शहरी क्षेत्रो में मिटटी तेल योजना की शहरों में उपलब्धता।

·         आदिवासियों को नमक, प्रोटीन युक्त चना एवं 2 किलो गुड़ का वितरण बस्तर के क्षेत्रों में किया जा रहा है।

·         कुपोषण को दूर करने नवम्बर 2020 से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत कोण्डागांव जिले से फोटिफाईड चावल वितरण की योजना लागू ।

अन्य महत्वपूर्ण जानकारी –

·         नवंबर 2021 की स्थिति में शहरी क्षेत्र में उचित मूल्य की दुकानों की संख्या : 1,535

·         नवंबर 2021 की स्थिति में ग्रामीण क्षेत्र में उचित मूल्य की दुकानों की संख्या : 11,709

·         वर्तमान में प्रचलित राशन कार्डो की संख्या : कुल 68.92 लाख राशनकार्ड प्रचलित हैं।

उल्लेखनीय हैं कि प्रदेश के सभी 33 जिलों की 13401 दुकानों में ई-पास मशीन दी गई है। इससे अभी 12554 राशन दुकानों में ऑनलाइन सिस्टम के साथ राशन वितरण किया जा रहा है। बाकी बची 847 उचित मूल्य की दुकानों में ऑफलाइन तरीके से ही राशन का वितरण हो रहा है।

खाद्य विभाग के अकड़ों के अनुसार अक्टूबर 2022 में 71.74 लाख राशन कार्ड धारकों में से 49.48 लाख (69%) ने अभी तक राशन लिया है। इसमें 75 प्रतिशत अंत्योदय राशन कार्ड धारक, 77 प्रतिशत प्राथमिक राशन कार्ड धारक और 34 प्रतिशत APL राशन कार्ड धारक शामिल हैं। एक अनुमान के मुताबिक हर दिन प्रदेश में औसतन पांच लाख राशन कार्ड धारक खाद्यान्न उचित मूल्य की दुकान से ले रहे हैं। 

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