head मध्यप्रदेश शुंग और कुषाण सामान्य ज्ञान MP History GK in Hindi
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मध्यप्रदेश शुंग और कुषाण सामान्य ज्ञान MP History GK in Hindi

 Madhya Pradesh History General Knowledge

मौर्यों के पतन के बाद शुंग मगध के शासन हुए। सम्राट पुष्यमित्र शुंग विदिशा में थे। इनके पूर्वजों को अशोक पाटलिपुत्र ले गए थे। उन्होंने विदिशा को अपनी राजधानी बनाया। अग्निमित्र महाकौशल, मालवा, अनूप (विंध्य से लेकर विदर्भ) का राज्यापाल था सातवाहनों ने भी त्रिपुरी, विदिशा, अनूप आदि अपने अधीन किए। गौतमी पुत्र सातकर्णी की मुद्राएं होशंगाबाद, जबलपुर, रायगढ़ आदि में मिली हैं। सातवाहनों ने ईसा पूर्व की दूसरी सदी से 100 ईसवी तक शासन किया था। इसी दौरान शकों के हमले होने लगे थे। कुषाणों ने भी कुछ समय तक इस क्षेत्र पर शासन किया। कुषाण काल की कुछ प्रतिमाएं जबलपुर से प्राप्त हुई हैं। 

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कर्दन वंश उज्जयिनी और छिंदवाड़ा में राज्यारूढ़ था। शक क्षत्रप रूद्रदमन प्रथम ने सातवाहनों को हराकर दूसरी शताब्दी में पश्चिमी मध्यप्रदेश जीता। उत्तरी मध्य भारत में नागवंश की विभिन्न शाखाओं ने कांतिपुर, पद्मावती और विदिशा में अपने राज्य स्थापित किए। नागवंश नौ शताब्दियों तक विदिशा में शासन करता रहा। शकों से संघर्ष हो जोने के बाद वे विंध्य प्रदेेश चले गये वहां उन्होंने किलकिला राज्य की स्थापना कर नागावध को अपनी राजधानी बनाया।

त्रिपुरी और आसपास के क्षेत्रों में बोधों वंश ने अपना राजय स्थापित किया। आटविक राजाओं ने बैतूल में, व्याघ्रराज ने बस्तर में तथा महेन्द्र ने भी बस्तर में अपने राजय स्थापित किए। ये समुद्र गुप्त के समकालीन थे। चौथी शताब्दी में गुप्तों के उत्कर्ष के पूर्व विंध्य शक्ति के नेतृत्व में वाकाटकों ने मध्यप्रदेश के कुछ भागों पर शासन किया। राजा प्रवरसेन ने बुंदलेखण्ड से लेकर हैदराबाद तक अपना आधिपत्य जमाया। छिंदवाड़ा, बैतूल, बालाघाट आदि में वाकाटकों के कई ताम्र पत्र मिले हैं। 

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