छत्तीसगढ़ में सिंचाई परियोजना सामान्य ज्ञान CGPSC AND CG VYAPAM

छत्तीसगढ़ में सिंचाई परियोजना 

छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान राज्य है, लेकिन यहाँ सिंचाई का सम्यक विकास नहीं हो पाया है। राज्य की कुल कृषि क्षेत्र का लगभग 32% सिंचाई के अन्तर्गत आता है। राज्य की कृषि भूमि का बड़ा हिस्सा सिंचाई के लिए मुख्यतः वर्षा पर अवलम्बित है। राज्य में नहरें सिंचाई का प्रमुख साधन है। राज्य के कुल सिंचित क्षेत्रों का 70% हिस्सा नहरों के अन्तर्गत आता है। सिंचाई की दृष्टि से द्वितीय स्थान तालाब व कुओं का है।
छत्तीसगढ़ सामान्य ज्ञान राज्य की कुछ प्रमुख सिंचाई परियोजनाएँ निम्नलिखित हैं
1. हसदो-बांगो परियोजना : यह परियोजना कोरबा जिले में हसदो नदी पर बनाया गया है। इस परियोजना से कोरबा, जांजगीर-चांपा तथा रायगढ़ जिले सिंचित होते हैं।
2. पैरी परियोजना : यह परियोजना गरियाबंद जिले में पैरी नदी पर बनाया गया है। इस परियोजना से गरियाबंद जिला लाभान्वित होता है।
3. महानदी परियोजना : यह छत्तीसगढ़ राज्य की सबसे महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजना है। यह परियोजना महानदी नदी पर अवस्थित है। इस परियोजना से धमतरी, रायपुर एवं दुर्ग जिलों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होती है।
4.कोडार परियोजना : यह परियोजना महासमुन्द जिले में कोडार नदी पर स्थित है। इस परियोजना से महासमुन्द जिले को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होती है।
5. मनियारी परियोजना : यह परियोजना मुंगेली जिले के लेरमी तहसील में मनियारी नदी पर बना है। इस परियोजना से मुख्यतः बिलासपुर जिले को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होती है।
6. अरप्पा परियोजना इसका निर्माण बिलासपुर जिले की कोटा तहसील के भैंसाझार गाँव के समीप किया गया है।
7. बोधघाट परियोजना : यह परियोजना बस्तर जिले में इन्द्रावती नदी पर प्रस्तावित है।
8. खारंद परियोजना : यह रतनपुर के समीप खूटाघाट बांध पर खारंद नदी पर स्थित
9. घोंघा परियोजना : यह परियोजना बिलासपुर जिले में घोंघा नाले पर स्थित है।
10. जोंक परियोजना : यह महानदी की सहायक नदी जोंक पर बलौदा बाजार जिले में स्थित है।
11. तान्दुला काम्पलेक्स परियोजना : यह परियोजना बालोद जिले में तान्दुल नदी पर स्थित है।
सिंचाई के साधन : राज्य में मुख्य रूप से चार प्रकार से कृषि क्षेत्रों की सिंचाई होती है। ये हैं : नहरें, तालाब, कुएँ और नलकूप
(a) नहरें: छत्तीसगढ़ में सिंचाई के साधनों में नहरें प्रमुख हैं। वर्ष 2000-01 में 984162 हेक्टेयर शुद्ध सिंचित क्षेत्र का लगभग 69 प्रतिशत नहरों से किया जाता था। यहाँ की नहरों में महानदी एवं तेन्दुला नहरें प्रमुख हैं। इनसे रायपुर, धमतरी, बलैदाबाजार, दुर्ग तथा बालेद तहसीलों में सिंचाई होती है। जशपुर का सामरी-पाट प्रक्षेत्र भी नहरों से सिंचित हैं।
(b) तालाब : प्राचीन काल में छत्तीसगढ़ में तालाब सिंचाई का मुख्य साधन था। वर्तमान समय में छत्तीसगढ़ के कुल कृषि क्षेत्र में मात्र 6 प्रतिशत भाग में तालाब के माध्यम से सिंचाई होती है। छत्तीसगढ़ में तालाबों की संख्या अधिक है। प्रायः प्रत्येक गाँव में तालाब पाए जाते हैं। अनेक गाँवों में एक से अधिक तालाब भी देखने को मिलते हैं।
(c) कुआँ : छत्तीसगढ़ के कुल कृषि क्षेत्र के लगभग 4 प्रतिशत हिस्से में कुओं के माध्यम से सिंचाई की जाती है। कुओं से पानी खींचने के लिए वर्तमान में विघुत चालित यंत्र तथा डीजल पम्पों का प्रयोग हो रहा है। राज्य में सब्जियों की बढ़ती मांग के कारण सिंचाई हेतु कुओं के उपयोग में तेजी आयी है।
(d) नलकूप : छत्तीसगढ़ के कुल कृषि क्षेत्र के लगभग 21 प्रतिशत हिस्से में नलकूप एवं अन्य साधनों के द्वारा सिंचाई होती है।

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