छत्तीसगढ़ में मेले सामान्य ज्ञान Cg Mela GK CGPSC AND VYAPAM

Chhattisgarh Mela GK

छत्तीसगढ़ का सम्पूर्ण सामान्य ज्ञान Cg Mcq Question Answer in Hindi: Click Now

1. राजिम का मेला : संगम के कारण राजिम तीर्थस्थल के रूप में जाना जाता है। राजिम ‘तीर्थराज प्रयाग’ के नाम से प्रसिद्ध है। गरियाबंद जिले में स्थित इस संगम नगर में शिवरात्रि के अवसर पर मेला लगता है। यह मेला एक माह तक चलता है ।
2. चम्पारण का मेला : वल्लभाचार्य की भूमि चम्पारण पर माघ-पूर्णिमा के अवसर पर यह मेला लगता है।
3. बस्तर का दशहरा मेला : यह विश्वप्रसिद्ध आदिवासी मेला है, जो अक्टूबर माह में आयोजित होता है। इसमें लकड़ी का एक विशाल रथ बनाया जाता है जिसे हजारों आदिवासी श्रद्धापूर्वक खींचते हैं। इसका उत्सव कई महीनों से प्रारम्भ हो जाता है।
4. शिवरीनारायण मेला : यह मेला प्रतिवर्ष शिवरीनारायण में माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक आयोजित होता है। इसमें लाखों तीर्थयात्री भाग लेते हैं।
5. माँ बम्लेश्वरी मेला : इस मेले का आयोजन राजनांदगाँव जिले के डोंगरगढ़ में प्रतिवर्ष दोनों नवरात्रि के अवसर पर होता है। यह मेला डोंगरगढ़ की पहाड़ी पर लगता है। यह अत्यधिक भव्य मेला है। यह मेला माता बम्लेश्वरी के दर्शन के लिए प्रसिद्ध है। डोंगरगढ़ की पहाड़ियों पर स्थित बम्लेश्वरी मंदिर में लाखों की संख्या में ज्योति कलश की स्थापना की जाती है। इस मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं। ये श्रद्धालु बड़ी दूर-दूर से आते हैं।
6. शंकरजी का मेला : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में कनकी नामक स्थान पर अनेक वर्षों से लगने वाला यह मेला अपने चमत्कारिक कहानियों के कारण प्रसिद्ध है। सात दिनों तक चलने वाले इस मेले का प्रारंभ फाल्गुन माह की महाशिवरात्रि के अवसर पर होता है।
7. रतनपुर का मेला : रतनपुर स्थित महामाया देवी के मंदिर में नवरात्रि के अवसर पर इस मेले का आयोजन होता है।
8. बस्तर का मड़ई मेला : यह मेला बस्तर के अनेक ग्रामों में दीपावली के बाद लगता है। यह मेला दिसम्बर से फरवरी तक आयोजित होता है। इसमें मेला स्थल पर आसपास के ग्रामवासी अपने देवी-देवता के साथ आते हैं । इस अवसर पर काफी संख्या में दुकानें लगती है। धार्मिक आयोजन भी होता है। मड़ई के दिनों में रात्रि को नृत्य किया जाता है। नारायणपुर की मड़ई विश्वप्रसिद्ध है।
9. खल्लारी का मेला : यह मेला महासमुन्द जिले में प्रतिवर्ष नवरात्रि के बाद आने वाली पूर्णिमा के अवसर पर प्रारंभ होता है। 1 10. दन्तेश्वरी देवी का मेला : बस्तर की सुरम्य वादियों में दन्तेवाड़ा जिले में स्थित दन्तेश्वरी देवी का मेला प्रतिवर्ष नवरात्रि के शुभ अवसर पर प्रारंभ होता है।
11. नारायणपुर का मेला : यह फरवरी माह में नारायणपुर में लगने वाला आकर्षक मेला है। इस मेले में काफी संख्या में विदेशी पर्यटक भी भाग लेते हैं।
12. सिहावा का श्रृंगी ऋषि का मेला : यह मेला माघ माह में पूर्णिमा के अवसर पर लगता है। सिहावा महानदी का उद्गम स्थल है। अतः इस मेले में हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं।

13. सिरपुर का मेला : इस मेले का आयोजन महासमुन्द जिले के सिरपुर में होता है।

 
छत्तीसगढ़ के मेले क्रम मेले का नाम स्थान क्रम मेले का नाम
स्थान 1. राजिम का मेला राजिम 
2. माँ बम्लेश्वरी का मेला डोंगरगढ़ 
3. दशहरा मेला जगदलपुर 
4. शिवरीनारायण का मेला शिवरीनारायण 
5. चम्पारण का मेला चम्पारण
6. शंकरजी का मेला कनकी 
7. रतनपुर का मेला रतनपुर 
8. मड़ई मेला नारायणपुर 
9. खल्लारी का मेला खल्लारी 
10. दन्तेश्वरी देवी का मेला दन्तेवाड़ा 
11. चंडी मेला बिरकोनी 
12. सिंहावा का श्रृंगी ऋषि का मेला सिहावा 
13. सिरपुर का मेला सिरपुर 
14. कर्णेश्वर मेला देउरपारा बुनेसर 
15. बम्हनी का मेला बम्हनी 
16. नारायणपुर का मेला नारायणपुर 
17. आदिवासी मेला ओरछा 
18. महादेव घाट का मेला रायपुरा

19. भोरमदेव मेला भोरमदेव 
20. माँ बंजारी धाम का मेला खपरीभट्टी, तिल्दा 
21. नरसिंह मेला रायपुर 
22. बिलाई माता का मेला धमतरी 
23. डोंगापथरा मेला रूद्री 
24. कबीर पंथियों का मेला कुदुरमाल 
25. तुरतुरिया का मेला तुरतुरिया 
26. गिरोधपुरी का मेला गिरोधपुरी 
27. झलमला मेला झलमला

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