छत्तीसगढ़ असहयोग आंदोलन CGPSC GK

छत्तीसगढ़ में असहयोग आंदोलन 1920 – 22 ई० :  ब्रिटिश सरकार के अन्याय-रौलट एक्ट, जालियांवाला बाग हत्याकांड, खिलाफत पश्न आदि के विरुद्ध सरकार के साथ असहयोग पर आधारित गांधीजी के नेतृत्व । चलाया गया आंदोलन ‘असहयोग आंदोलन’ कहलाता है।
26 दिसम्बर, 1920 ई० को नागपुर में कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन आरंभ हुआ जो 31 दिसम्बर, 1920 ई० तक चला। इस अधिवेशन की अध्यक्षता विजय राघवाचा ने की। इस अधिवेशन में गांधीजी द्वारा कांग्रेस के विशेष अधिवेशन (सितम्बर, 1920 कलकत्ता) में पारित असहयोग आंदोलन का पुनः समर्थन किया गया। असहयोग आंदोल के प्रमुख कार्यक्रम थे : सरकारी उपाधियों का त्याग, सरकारी करों को न चुकाना, अंग्रेज शिक्षा का बहिष्कार, विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार, न्यायालयों का बहिष्कार, कौंसिल का बहिष्कार, मद्य-निषध का प्रचार आदि ।
छत्तीसगढ़ से इस अधिवेशन में भाग लेने वाल में प्रमुख थे : पं० सुंदर लाल शर्मा, पं० रवि शंकर शुक्ल, वामन राव लाखे, सी० एम ठक्कर, ठाकुर प्यारे लाल सिंह, नारायण राव मेघावाले, नत्थूजी जगताप, बाबू छोटेला नारायण राव दीक्षित, ई० राघवेन्द्र राव, ठाकुर छेदी लाल आदि ।
ये सभी नेता जब अधिवेशन से वापस अपने क्षेत्र में आये तो उन्होंने असहयोग है। तय कार्यक्रमों का बड़ी तीव्रता से प्रचार आरंभ किया।

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