छत्तीसगढ़ में जल संसाधन सामान्य ज्ञान Water Resources in Chhattisgarh Gk

(प्रमुख नदियां, उद्गम, अपवाह, क्षेत्र, सहायक नदियाँ, जलाशय एवं प्रमुख सिंचाई विकास परियोजनाएँ)

  1. छत्तीसगढ़ में जल संसाधन विभाग का मुख्यालय रायपुर में है।
  2. मार्च 2011तक छ.ग. राज्य की सिंचाई क्षमता 31.32 प्रतिशत तक थी।
  3. धमतरी जिला उच्च सिंचित क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
  4. प्रदेश का सर्वाधिक ऊँचा बांगो बाँध (87 मीटर) है।
  5. मिनीमाता बांगो बहुउद्देशीय परियोजना हसदेव नदी पर है।
  6. छत्तीसगढ़ राज्य में सिंचाई की सबसे बड़ी परियोजना महानदी परियोजना है।
  7. छ.ग. की प्रथम परियोजना तांदला नदी पर बनायी गई थी।
  8. छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे कम सिंचित जिला नारायणपुर है।
  9. छत्तीसगढ़ के प्रमुख सिंचाई साधन नहर से लगभग 70 प्रतिशत सिचाई होती है।
  10. छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में सिंचाई का प्रतिशत सर्वाधिक है।
  11. राज्य में सिंचाई का सर्वप्रमुख साधन नहरें है।
  12. ‘छत्तीसगढ़ की गंगा’ महानदी की सम्पूर्ण लम्बाई 858 किमी. है।
  13. महानदी छ.ग. में 286 किमी. प्रवाहित होती है।
  14. महानदी राज्य की प्रमुख नदी हैं जो कि लगभग 59% क्षेत्र का जल संग्रहण करती है।
  15. महानदी का प्राचीन नाम- चित्रोत्पला, कनकनंदिनी है।
  16. महानदी का प्रवाह दक्षिण से उत्तर होकर पूर्व की ओर है।
  17. महानदी बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
  18. छत्तीसगढ़ राज्य का प्रसिद्ध स्थल सिरपुर महानदी के किनारे बसा है।
  19. छत्तीसगढ़ क्षेत्र की सबसे लम्बी एवं बड़ी नहर प्रणाली का उद्गम रूद्री पिकअप वियर (महानदी) का निर्माण सर्वप्रथम सन् 1915 में किया गया।
  20. प्रसिद्ध रविशंकर जलाशय (महानदी) धमतरी जिले में स्थित हैं।
  21. माडमसिल्ली बांध (महानदी) की स्थापना सन् 1923 में हुई थी।
  22. रविशंकर सागर जलाशय (गंगरेल बांध) जिसकी जल क्षमता 32 टी.एम.सी. है।
  23. दुधावा जलाशय (महानदी पर) का निर्माण 1962 में किया गया है।
  24. छत्तीसगढ़ में बहने वाली सबसे लम्बी नदी शिवनाथ है, जो कि महानदी की सबसे प्रमुख सहायक नदी भी है मगर इस नदी की सम्पूर्ण लम्बाई 290 किमी. है।
  25. शिवनाथ नदी का उद्गम स्थल पानाबरस पहाड़ी (राजनांदगाँव जिला) है।
  26. छत्तीसगढ़ राज्य की दूसरी बड़ी नदी शिवनाथ हैं।
  27. छत्तीसगढ़ राज्य की सबसे लम्बी सहायक नदी शिवनाथ है।
  28. ‘सरगुजा की जीवनरेखा’ रिहन्द नदी कहलाती है
  29. इन्द्रावती को बस्तर की जीवन रेखा कहा जाता है।
  30. बस्तर संभाग को दो भागों में विभक्त करने वाली नदी इन्द्रावती है।
  31. इंद्रावती नदी पश्चिम की ओर बहती है।
  32. नर्मदा प्रवाह प्रणाली का छत्तीसगढ़ राज्य में सबसे कम अपवाह तंत्र है।
  33. इन्द्रावती नदी उड़ीसा के कालाहांडी पठार से उद्गमित होती है।
  34. हसदेव नदी पर छत्तीसगढ़ का सबसे ऊँचा बांध निर्मित है।
  35. मनियारी नदी का उद्गम लोरमी पठार से हुआ है।
  36. कैमूर पहाड़ी में हसदो नदी का उद्गम स्थल है।
  37. शबरी नदी एक और नाम कोलाब से जानी जाती है।
  38. कोरबा हसदेव नदी के किनारे बसा हुआ है।
  39. ईब नदी का उद्गम स्थल खुरजा पहाड़ी, पंडरापाट है।
  40. इन्द्रावती नदी का उद्गम स्थल छत्तीसगढ़ में नही है।
  41. लीलागर नदी का उद्गम कोरबा जिले की पूर्वी पहाड़ियों से होता है।
  42. मॉड नदी का उद्गम मैनपाट के पठार से होता है।
  43. कोंडागांव नारंगी नदी के तट पर बसा है।
  44. दूध नदी कांकेर नगर के मध्य से प्रवाहित होती है।
  45. सोप नदी बिलासपुर जिले में प्रवाहित होती है।
  46. चांपा नगर हसदो नदी के तट पर स्थित है।
  47. बिलासपुर जिले में प्रवाहित होने वाली अरपा नदी का उद्गम स्थल खौड़ी पहाड़ी है।
  48. जटाशंकरी नदी का उद्गम स्थल लाफागढ़ हैं।
  49. छत्तीसगढ़ राज्य के उत्तरी भाग में बहने वाली गंगा की सहायक नदी सोन हैं।
  50. गुदरा, बोरडिग, नारंगी, शबरी तथा नंदीराज इंद्रावती नदी की सहायक नदियां हैं।
  51. गुप्तेश्वर जलप्रपात शबरी नदी निर्मित करती हैं। मलाजकुण्डम जलप्रपात दूध नदी पर हैं।
  52. गोदावरी नदी की प्रमुख सहायक नदी इंद्रावती हैं।
  53. पैरी नदी का उद्गम भातृगढ़ पहाड़ियां है।
  54. कोरिया जिले के कैमूर पहाड़ियों से हसदो नदी उद्गमित होती है।
  55. रायगढ़ केलो नदी के किनारे बसा है।
  56. छत्तीसगढ़ का एक प्राचीनगढ़ पीथमपुर हसदो नदी के तट पर स्थित है।
  57. तांदुला नदी बालोद नगर के समीप से बहती है।
  58. आगर नदी के तट पर मुंगेली नगर बसा हुआ है।
  59. यह नदी पंडरिया की एक पहाड़ी से निकलती और कुकुसदा ग्राम के समीप मनियारी नदी में जा मिली है।
  60. चन्द्रपुर में महानदी मांडवलात दो नदियों के साथ मिलकर संगम बनाती है।
  61. बिलासपुर व मुंगेली जिले की सीमारेखा मनियारी नदी बनाती है।
  62. शिवनाथ नदी के तट पर बसेरसमड़ा गांव में देश की प्रथम निजी जलप्रदाय योजना आटोमेटिक फ्लड रेगूलेटिंग सिस्टम’ प्रारंभ की गई है।
  63. सुतियापाट सिंचाई परियोजना कवर्धा जिले में स्थित है।
  64. कोसारटेडा सिंचाई परियोजना बस्तर संभाग में अवस्थित है।
  65. खूटाघाट बांध खारंग नदी पर अवस्थित है।
  66. बोधघाट परियोजना इंद्रावती नदी पर प्रस्तावित है।
  67. बोधघाट जल विद्युत परियोजना बीजापुर जिले में निर्माणाधीन है।
  68. श्याम परियोजना (बलरामपुर) घुनघुट्टा नदी पर अवस्थित परियोजना है।
  69. आनन्द सागर जलाशय बिलासपुर जिले में स्थित है।
  70. मोंगरा बैराज परियोजना शिवनाथ नदी पर स्थित हैं।
  71. नारंगी नदी का उद्गम कोंडागाँव जिले के माकड़ी स्थान से होता है।
  72. ‘सिकासार’ जलाशय की स्थापना सन् 1979 में की गई थी।
  73. ‘मरोदा’ तथा खरखरा’ बाँध दुर्ग एवं बालोद जिले में स्थित हैं।
  74. पैरी नदी पर स्थित सिकासार बाँध’ मैनपुर (गरियाबंद जिला) में है।
  75. तान्दुला जलाशय बालोद जिले में स्थित है।
  76. छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध जलाशय खूटाघाट’ बिलासपुर जिले में स्थित है।
  77. छ.ग. की सबसे प्रदूषित नदी शंखनी-डंकनी है।
  78. शबरी नदी लम्बाई के अनुसार छ.ग. में 6 वें क्रम पर है।
  79. तीरथगढ़ जलप्रपात की ऊँचाई 300 फीट है।
  80. छ.ग. की तृतीय बहुउद्देश्यीय परियोजना बोधघाट परियोजना है।
  81. भैसाझार परियोजना अरपा नदी पर है।
  82. किंकारी परियोजना रायगढ़ में निर्मित है।
  83. श्याम परियोजना बलरामपुर जिले में स्थित है।
  84. जोंक परियोजना बलौदाबाजार जिले में स्थित है।
  85. खम्हार पाकुट परियोजना रायगढ़ में स्थित है।
  86. पवई जल प्रपात सरगुजा जिले में है।
  87. खारंग नदी पर राजीव गाँधी परियोजना बनी हुई है।  
  88. खुड़िया बाँध परियोजना – मनियारी नदी में स्थित है।
  89. शबरी नदी में छ.ग. का एकमात्र नौ परिवहन सुविधा है।
  90. महानदी की दूसरी लम्बी सहायक नदी हसदेव की लम्बाई 176 किमी. है।
  91. राज्य के लगभग 29% भाग पर गोदावरी अपवाह तंत्र का विस्तार है।
  92. छ.ग. राज्य के लगभग 14 प्रतिशत भाग पर गंगा अपवाह तंत्र का विस्तार है।
  93. बिलासपुर शहर के मध्य से बहने वाली अरपा नदी की लम्बाई 100 किमी. है।
  94. रोगदा जलाशय जांजगीर (अकलतरा) जिले में स्थित है।
  95. राजिम में महानदी में विसर्जित होने वाली पैरी नदी की लम्बाई 90 किमी. है।
  96. कुँए एवं तालाबों द्वारा सर्वाधिक सिंचाई बस्तर संभाग में होती है।
  97. सूखानाला बैराज राजनांदगाँव जिले में स्थित है।
  98. ईब नदी की कुल लम्बाई 202 किमी है, किन्तु छ.ग. में इसकी लम्बाई 87 किमी. है।  
  99. मुंगेली एवं बिलासपुर जिले में प्रवाहित होने वाली मनियारी नदी की लम्बाई 134 किमी. है।
  100. केदार एवं पुटका परियोजना रायगढ़ जिले में स्थित है।
  101. छ.ग. में पश्चिम की ओर बहने वाली सबसे लम्बी नदी बंजर है।
  102. मरियामोती एवं धारा परियोजना राजनांदगाँव जिले में स्थित है।
  103. चंद्रपुर के समीप महानदी में विसर्जित होने वाली मांड नदी की लम्बाई 155 किमी. है।
  104. खुरसेल नदी पर स्थित खुरसेल झरना नारायणपुर जिले में है।
  105. शिवरीनारायण में महानदी में विसर्जित होने वाली जोक नदी की लम्बाई 90 किमी. है।
  106. केशवा परियोजना महासमुन्द जिले में स्थित है।
  107. ‘सरगुजा की जीवन रेखा’ कहीं जाने वाली, छुरी मतिरिंगा उदयपुर की पहाड़ियों से उद्गमित एवं सोन नदी में विसर्जित होने वाली रिहंद नदी की लम्बाई 145 किमी. है।
  108. चॅरें-मरें नदी पर स्थित च-म प्रपात कांकेर जिले के अंतागढ़ में स्थित है।
  109. उड़ीसा राज्य केजिला कोरापुटकी पहाड़ियों से निकलनेवाली शबरीनदी की लम्बाई 173 किमी. है।
  110. धुरदेव जलाशय बिलासपुर (मरवाही) जिले में स्थित है।
  111. इन्द्रावती की सबसे लम्बी सहायक नदी कोटरी (135 कि.मी.) है।
  112. कोटरी नदी का उद्गम मोहला तहसील (राजनांदगाँव) है।
  113. कोटरी नदी को ‘परलकोट नदी’ कहते है। |
  114. कंदावानी पहाड़ी (कवर्धा जिला) से निकलने वाली हॉफ नदी की लम्बाई 44 किमी. है।
  115. बिलासपुर व जांजगीर केबीच सीमारेखा बनाने वाली लीलागर नदी की लम्बाई 135 किमी. है।
  116. झुमका परियोजना कोरिया जिले में स्थित है।
  117. पुराणों में महानदी को चित्रोत्पला व ऋषिकुल्या कहा गया है तो वही लीलागर नदी को नीलोत्पला कहा गया है।

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