head राजस्थानी लोक गीत सामान्य ज्ञान Rajasthan Lokgeet GK Question Answer
WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

राजस्थानी लोक गीत सामान्य ज्ञान Rajasthan Lokgeet GK Question Answer

राजस्थान: लोक गीत जीके

  • जैसलमेर क्षेत्र का लोकप्रिय गीत जो पत्नी अपने पति के वियोग में गाती है. झोरावा गीत
  • उत्तरी मेवाड़ में भील जाति की स्त्रियाँ पति. वियोग में यह गीत गाती है. सुवटीया
  • मारवाड़ बीकानेर तथा शेखावटी क्षेत्र में वर्षा ऋतु के समय स्त्रियों द्वारा गया जाने वाला गीत है. पीपली गीत
  • यह एक विवाह गीत है जो अच्छे वर की कामना हेतु महीलाओं द्वारा गया जाता है. सेंजा गीत
  • लोकप्रिय गीत जो कुरजां पक्षी को संबोधित करते हुए विरहानियो यों द्वारा अपने प्रियतम की याद में गाती है. कुरजा गीत  
  • पीरों की प्रशंसा में गाए जाने वाले गीत जकडीया गीत कहलाते है. जकड़ीया गीत
  • पक्षी को संबोधित करते हुए गया गया गीत है। जिसमे  प्रेमिका अपने प्रेमी को उपवन में आकर कमलने की प्राथाना करती है.  पपीहा गीत  
  • लोकप्रिय श्रृंगाररक गीत है. कांगसियों
  • भील स्त्री तथा पुरूष दोनों द्वारा संम्मिलित  रूप से मांगकलक अवसरों पर गाया जाने वाला गीत है. हमसीढो
  • भप्ति गीत है जो भगवान राम व श्रीकृष्ण की भप्ति में गया जाता है. हरजस
  • मेवात क्षेत्र अथवा अलवर क्षेत्र का लोकप्रिय  गीत है. हिचकी गीत
  • विवाह के समय वधु पक्ष की स्त्रियाँ जब वर की बारात का डेरा देखने आती है तब यह गीत गाती है. जलो और जलाल
  • विवाह के समय दुल्हे की सालियों द्वारा गया जाने वाला गीत है. दुप्पटा गीत
  • वर को जादू टोन से बचाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में स्त्रियों द्वारा गाया जाने वाला गीत है. कामण
  • विवाह के पश्चात् दामाद के ससुराल जाने पर भोजन के समय अथवा भोजन के उपरान्त स्त्रियों द्वारा गया जाने वाला गीत है.  पावणा
  • गाली गीत जो विवाह के समय स्त्रियाँ हंसी.मजाक के उददेश्य से गाती है. सिठणें
  • इस लोकगीत में ऐसी बालिका की व्यथा हैए जिसका संबंध तो तय हो चुका है लेकिन विवाह में देरी है. मोरिया गीत 
  • जालौर क्षेत्र का लोकप्रिय गीत है। इस गीत में स्त्री अपने पति से जीरा न बोने की विनती करती है. जीरो
  • हाडौती क्षेत्र का लोकप्रिय गीत जिसमे  एक स्त्री जिसे  बिच्छु ने काट लिया है और वह मरने वाली हैए वह पति को दू सरा विवाह   करने का संदेश देती है. कबच्छुड़ो  
  • हाडौती तथा ढूढाड़ क्षेत्र का लोकप्रिय गीत जो त्यौहारों तथा मेलों के समय गाया जाता है. पंछीडा गीत
  • ब्रजए भरतपुर व धौलपुर क्षेत्रों में गाया जाने वाला गीत है. रसिया गीत
  • स्त्रियों द्वारा गणगौर अथवा तीज त्यौहारों पर घुमर नृत्य के साथ गाया जाने वाला गीत हैए जिसके माध्यम से बालिका श्रृंगारिक  साधनों की मांग करती है. धुमर
  • बेटी की विदाई के समय गाया जाने वाला गीत है. औल्यूंगीत
  • करौली की कै ला देवी की अराधना में गाये जाने वाले भप्तिगीत लांगुररया कहलाते है. लांगुररया
  • गोरबंधए ऊंट के गले का आभूषण है। मारवाड़ तथा शेखावटी क्षेत्र में इस आभूषण पर गीत गाया जाता है. गोरबंध
  • चिरमी के पौधे को संबोधित कर बाल ग्राम वधू द्वारा अपने भाई व कपता की प्रतिक्षा के समय की मनोदशा का वर्णन है चिरमी
  • इस लोकगीत में राजस्थानी का पति व्रता धर्म पर अटल रहना बताया गया है. पानिहारी
  • पानी भरने जाते समय स्त्रियों द्वारा गाया जाने वाला गीत है. – इडुणी
  • यह एक प्रकार का विरह युक्त रजवाड़ी गीत है जिसे स्त्री विदेश गये हुए अपने पति की याद में गाती है. के केसरिया बालम
  • मारवाड़ क्षेत्र का लोकप्रिय गीत हैए जो स्त्रियों  द्वारा घुड़ला पर्व  पर गाया जाता है. धुडला गीत
  • लावणी से अभिप्राय बुलावे से है। नायक द्वारा नाकयका को बुलाने के सन्दभा में – धुडला गीत
  • जैसलमेर क्षेत्र का लोकप्रिय गीत जिसमे  लोद्रवा की राजकुमारी मूमल का सौन्दया वर्णन किया  गया है। यह एक श्रृंगारिक गीत है. मूमल  
  • सरोही क्षेत्र का लोकप्रिय गीत जो ढोला.मारू के प्रेम.प्रसंग पर आधाररत हैए तथा इसे ढाढ़ी गाते है. – ढोला.मारू
  • श्रावण मास में राजस्थानी स्त्रियाँ झुला झुलते समय यह गीत गाती है. कहण्डोल्या गीत
  • बालक के जन्म के अवसर पर गाया जाने वाला गीत है इसे होलरगीत भी कहते है. जच्चा गीत

Leave a Comment