मध्यप्रदेश पाषाण एवं ताम्रकाल सामान्य ज्ञान MP History Gk in Hindi

MPGK/MPGK in hindi/MPPSC/MPSI/MP CONSTABLE

सम्यता का दूसरा चरण पाषण एवं ताम्रकाल के रूप में विकसित हुआ है। नर्मदा की सुरम्य घाटी में ईसा से 2000 वर्ष पूर्व यह सभ्यता फली फूली थी। यह मोहनजोदड़ो और हड़प्पा के समकालीन थी। महेश्वर, नावड़ा, टोड़ी, कायथा, नागदा, बरखेड़ा, एरण आदि इसके केन्द्र थे। इन क्षेत्रों की खुदाई से प्राप्त पुरावशेषों से इस सभ्यता के बारे में जानकारी मिलती है। उत्खनन में मृदभण्ड, धातु के बर्तन एवं औजार आदि मिले हैं।

मध्यप्रदेश सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी Madhya Pradesh Objective Question Answer Click NOW

बालाघाट एवं जबलपुर जिलों के कुछ भागों में ताम्रकालीन औजार मिले हैं। इनके अध्ययन से ज्ञात होता है कि विश्व एवं देश के अन्य क्षेत्रों के समाप मध्यप्रदेश के कई भागों में खासकर नर्मदा, चंबल, बेतवा आदि नदियों के किनारों पर सभ्यता का विकास हुआ था। 

कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के एक दल ने सन् 1932 में इस सभ्यता के चिन्ह प्रदेश के जबलपुर और बालाघट जिलों से प्राप्त किए थे। डा. एच.डी. सांकलिया ने नर्मदा घाटी के महेश्वर, नावड़ा, टोड़ी, चोली और डॉ.बी.एस. वाकणकर ने नागदा-कायथा में इसे खोजा था। इसका काल निर्धारण ईसा पूर्व 2000 से लेकर 800 ईसा पूर्व के मध्य किया गया है।

इस काल में यह सभ्यता आदिम नहीं रह गई थी। घुमक्कड़ जीवन अब समाप्त हो गया था। खेती की जाने लागी थी। अनाजों और दालों का उत्पादन होने लगा था। कृषि उपकरण धातु के बनते थे। मिट्टी और धातु के बर्तनों का उपयोग होता था। इन पर चित्रकारी होती थी। पशुओं में प्रमुख रूप से गाय,बकरी,कुत्ता आदि पाले जाते थे। 

Leave a Comment