छत्तीसगढ़ी में कारक रचना सामान्य ज्ञान Cg Vyakaran Karak Rachna

CGPSC PRE & MAINS में पूछे जाने वाले प्रश्नों के साथ 

  1. कर्ता कारक

क्रिया करने वालों को कर्ता कहते हैं, वह विभक्ति जो कर्ता का संबंध वाक्य के अन्य शब्दों से करती है कर्ता कारक की विभक्ति कहलाती है। छत्तीसगढ़ी में इसके लिए ह या हर का प्रयोग होता है।

उदा.-

  1.   राम ह रावण ला मारिस (राम ने रावण को मारा) (ह)
  2.   मैं हर गांव जाहूं (मैं गांव जाऊंगा) (हर)
  3.   आमा टपकिस (आम टपका) (विभक्ति रहित)
  4.   करा गिरिस (ओला गिरा) (विभक्ति रहित)
  1. कर्म कारक

वाक्य में जिस शब्द पर क्रिया का प्रभाव पड़ता है वह कर्म होता है। जैसे- अध्यापक छात्र को पढ़ाते हैं। यहां पढ़ना क्रिया का प्रभाव छात्र पर पड़ रहा है, अतः छात्र कर्म है। कर्म का संबंध वाक्य के अन्य शब्दों से करने वाली विभक्ति कर्म कारक की विभक्ति कहलाती है। छत्तीसगढ़ी में कर्म कारक की विभक्ति ‘ला’ है। उदा.-

  1. सांप बेंगचा ला खा दिस। (सांप, मेंढक को खा गया)
  2.   गुरूजी, लइका ला पीटिस। (शिक्षक ने छात्र को पीटा)
  3.   बिलई, मुसवा ला खा दिस। (बिल्ली, चूहे को खा गई)
  4.   दाई ला ये बात बता देबे। (माँ को यह बात बता देना)
  5. लबरा ला लाज नइ लागे (झूठे को शर्म नहीं आती)
  6. करण कारक

वाक्य में क्रिया के साधन का बोध कराने वाला शब्द करण कारक कहलाता है। करण का शाब्दिक अर्थ है, साधन। जो चिह्न साधन का बोध कराये वही करण कारक का विभक्ति चिह्न होता है। छत्तीसगढ़ी में इसके लिए केवल ‘ले’ का प्रयोग किया जाता है।

उदा.-

  1.   अर्जुन ह मछरी ला तीर ल मारिस। (अर्जुन ने मछली को तीर से मारा)
  2.   राम हर रावन ला बान ल मारिस। (राम ने रावण को बाण से मारा)
  3.   मालगाड़ी रायपुर ल आही। (मालगाड़ी रायपुर से आयेगी)

 

4.संप्रदान कारक

जिसके लिए कुछ किया जाए या दिया जाए ऐसी स्थितियों का बोध कराने वाले शब्द को संप्रदान कारक कहते हैं। छत्तीसगढ़ी में इसके लिए ला, सेती, बर का प्रयोग होता है।

उदा.-

  1.   नोनी बर ओनहा ले ले। (लड़की के लिए कपड़ा ले लो)
  2.   तोर सेती आए हौं। (तुम्हारे कारण आया हूँ)
  3.   खाई बर पइसा दे। (खाने के लिए पैसा दो)
  4.   गइया बर काँदी लाने हौं। (गाय के लिये घास लाया हूँ)
  5.   रावन के सेती लंका जरगे। (रावण के कारण लंका जल गई)
  6.   हिमेस ला एकठिन आमा दे देवा। (हिमेश को एक आम दे दो)
  7. अपादान कारक

वह विभक्ति जो अलग होने, डरने, सीखने या तुलना करने के भाव को वाक्य से जोड़ता है उसे अपादान कारक विभक्ति कहते हैं। इस कारक की विभक्ति हिंदी में ‘से’ तथा छत्तीसगढ़ी में ‘ले’ है। उदा. –

  •       अलग होने के भाव में –
  1. रूख ल पाना झरथे। (पेड़ से पत्ता गिरता है)
  2. महानदी सिहावा पर्वत ले निकलथे। (महानदी सिहावा पर्वत से निकलती है)
  3. बादर ल पानी गिरही। (बादल से पानी गिरेगा)
  •       डरने के भाव में –
  •       1. में सांप ला डराथौं। (मैं सांप से डरता हूँ)
  •       2. बिलई मन कुकुर मन ले डरथे। (बिल्लियाँ कुत्तों से डरती है)
  •       सीख के भाव में
  •       हमन गांधीजी ले अहिंसा सीखथन। (हम लोग गांधी जी से अहिंसा सीखते हैं)

 

तुलना करने के भाव में – 1. मनटोरी चंदा सही चमकत हे। (मनटोरी चंद्रमा के समान चमक रही है) 2. सीता ह गीता ले पातर हावय। (सीता गीता से पतली है)

  1. अमली ह आमा ले अम्मठ होथे। (इमली आम से खट्टी होती है)

नोट – करण विभक्ति और अपादान विभक्ति ‘से’ ही होती है। किन्तु इसका प्रयोग अलग-अलग अर्थों में होता है। जैसे –

इस विभक्ति का प्रयोग साधन के रूप में किया जाता है।

  1. करण विभक्ति (से)  -राम बस से स्कूल जाता है।
    1. अपादान विभक्ति (से) – राम बस से गिर गया।

2.मोहन कलम से लिखता है।
2. पेड़ से पत्ते गिरते हैं।

3.राम ने रावण को बाण से मारा।
3. राम ने रावण को मारा तब शरीर से आत्मा निकली।

इस विभक्ति का प्रयोग अलगाव दिखाने में किया जाता है।

  1. संबंध कारक

वाक्य में किसी अन्य शब्द के साथ संज्ञा या सर्वनाम के संबंध को दर्शाने वाले शब्द को संबंध कारक कहते हैं। शार छत्तीसगढ़ी में केवल के, का।

उदा.-

  1.   रमन के गोठ। (रमन की बात)
  2.   काँच के चूरी। (काँच की चूड़ी)
  3.   झिथरू के ददा। (झिथरू के पिताजी)
  4.   सोन के चिरई। (सोने की चिड़िया)
  5.   पथरा के देवता। (पत्थर के भगवान)
  6.   मटरू के छेरी। (मटरू के बकरी)
  7.   गौंटिया के बाड़ा। (ग्राम प्रमुख का मकान)
  8.   काँसा के थारी। (काँसे की थाली)
  9.   गांव के गौंटिया (गांव का प्रमुख व्यक्ति)
  10. अधिकरण कारक

संज्ञा या सर्वनाम को आधार के साथ सूचित करने वाले विभक्ति को अधिकरण कारक विभक्ति कहते हैं। छत्तीसगढ़ी में ‘म, मा’ का प्रयोग किया जाता है।

उदा.-

  1.   गोठ ह मन म हवय। (बात मन में है)
  2.   माला म फूल हवय। (माला में फूल है)
  3.   रूख म बेंदरा हवय। (पेड़ में बंदर है)
  4.   मन म पीरा होइस। (मन में पीड़ा हुआ)
  5.   कुरिया म खटिया माढ़े है। (कमरे में खाट रखी है)
  6.   झोला म गहं हावै। (थैले में गेहूँ है)
  7.   चिरई हर रूख म बइठे हवय। (चिड़िया पेड़ पर बैठी है)
  8.   टूरी घर मा हे। (लड़की घर में है)

 

  1. संबोधन कारक

किसी को पुकारने या संकेत करने वाले शब्द संबोधन कारक कहलाते हैं। छत्तीसगढ़ी में इसके लिए प्रमुख रूप से ए, ऐ, ओ, वो, रे, एगा, अगा, गो, गोई, अवो आदि का प्रयोग होता है।

उदा.-

  1.   ए समारू! कहाँ जात हस? (ऐ समारू! कहाँ जा रहे हो?)
  2.   एवो मनटोरी के दाई! (ओ मनटोरी की माँ)
  3.   ददा गा! गाय ला बाँध दे ना। (पिता जी! गाय को बांध दीजिए)
  4.   अगा बबा! तुमन कहाँ जात हौ? (ओ दादा! आप कहाँ जा रहे हो?)
  5.   रामबाई वो! (ओ रामबाई)
  6. ददा गा! मैं बिलासपुर जावत हौं। (पिता जी! मैं बिलासपुर जा रहा हूँ)

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महत्वपूर्ण CGPSC छत्तीसगढ़ी व्याकरण वस्तुनिष्ट प्रश्न 

  1.   छ.ग. कारकों में कौन-सा शब्द निश्चयार्थक का बोध कराता है

ANS: हर CG PSC(ACF)2016]

२. समारू हर घर जाही” में कारक है
(A) कर्ता
(B) कर्म
(C) करण
(D) संप्रदान
आंसर: a 

3.रूख ले पान झरथे” में कारक है
(A) संप्रदान
(B) अपादान
(c) संबंध
(D) अधिकरण
ans- b

  1. नोनी बर लइका खोजत हे’ में कारक है
    (A) संप्रदान
    (B) अपादान
    c) संबंध
    (D) अधिकरण
    आंसर- A 

5.”ये हर समारू के छेरी आय” में कारक है
(A) संप्रदान
(B) अधिकरण
(C) संबंध
(D) अपादान
ANS – C

 6.संप्रदान कारक है
ANS: बर

 7.अधिकरण कारक है
ANS : म 

  1. ‘कर्ता कारक से संबंधित वाच्य है
    (A) रावन के सेती लंका जरगे
    (B) लबरा ला लाज नई लागे
    (C) किसान के गाय
    (D) आमा टपकिस
    उत्तर-(D)
  2. संबोधन कारक से संबंधित वाच्य है
    (A) अमली हर आमा ले अम्मठ होथे
    (B) ये ओ नोनी के दाई
    (C) मोहन के ददा
    (D) सियान मन घर में हवय
    उत्तर-(B)
  3. “के” शब्द में कारक है
    (A) संबंध
    (B) करण
    (D) कर्म
    (C) कर्ता
    उत्तर-(A)
  4. “ला” कारक है –
    (A) सम्प्रदान का
    (C) कर्ता का
    उत्तर-(D)
    (B) अपादान का
    (D) कर्म का
  5. “मैं हा गांव जाहूं” में विभक्ति का प्रयोग किया गया है –
    (A) कर्ता
    (B) कर्म
    (C) अपादान
    (D) सम्प्रदान
    उत्तर-(A) 

14. “मनटोरी हर बस ले गिर गिस” इसमें “ले” कारक प्रयोग हुआ है –
(A) करण कारक
(B) अपादान कारक
(C) कर्ता कारक
(D) अ और ब दोनों कारक
उत्तर-(B)

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