छत्तीसगढ़ी अव्यय
“ऐसे शब्द जिनमें लिंग, वचन, पुरूष, कारक आदि के आधार पर किसी प्रकार से विकार (परिवर्तन) नहीं होता है उसे अव्यय कहते हैं।”
अव्यय के भेद
- क्रिया विशेषण
- सम्बन्ध बोधक
- समुच्चय बोधक वा
- विस्मयादि बोधक
(A) क्रिया विशेषण CG PSC (Pre) 2012
“जो शब्द क्रिया की विशेषता बताते हैं, उन्हें क्रिया विशेषण कहते हैं।
” जैसे – अतका, अतकी, अइसन, वइसन इहाँ, उहाँ, आज, कालि, खाल्हे, तभे, एती, तुरते आदि
हिन्दी की तरह छत्तीसगढ़ी में भी क्रिया विशेषण के चार भेद हैं –
(i) कालवाचक क्रिया विशेषण
(ii) स्थानवाचक क्रिया विशेषण
(iii) रीतिवाचक क्रिया विशेषण
(iv) परिमाणवाचक क्रिया विशेषण
(i) कालवाचक क्रिया विशेषण
जिस क्रिया से समय या काल का बोध होता है, उसे कालवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं।
जैसे – कालि, संजहा, साँझे, मंझनिया, पहाती, पऊर, परियार, कभू-कभू, तइहा, परोनदिन, आज, काली, हरबार, कईबार, हरदिन आदि।
उदा. –
- मोर कका काली आए रिहिस। (मेरे चाचा कल आये थे)
- मैहर रथिया आए हौं। (मैं रात में आया हूँ)
- ओहर अभी अवइया हे। (वह अभी आने वाला है)
(ii) स्थानवाचक क्रिया विशेषण
जिस शब्द से क्रिया के स्थान या दिशा का बोध होता हो, उसे स्थानवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं। जैसे:- इहाँ, उहाँ, अंते, जिहाँ, एती, ओती, जेती, केती, तेती, आग, पाछ, दुरिहा, अंते-तंते, एकोती, उहिडाहन, ओकोती, एमेर, ओमेर, जेवनी (दायें), डेरी (बायें) आदि।
उदा. –
- इहाँ बहुत अंजोर हे।
- जिहाँ तैं जाबे, उहाँ मैं आहूँ।
- टूरा हर कति चल दिस।
- नोनी एति आ तो।
(iii) रीतिवाचक क्रिया विशेषण
जिन शब्दों से क्रिया सम्पन्न होने की रीति का बोध होता है, उन्हें रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं। जैसे – ऐसन, ऐसेन, वैसन, जैसन, कैसन, निचट, झन, एकर सेती, एकर बर, ठउका, कलेचुप, हबले, अइसन, तइसन, जइसन, सिरिफ, जथाशक्ति, घलो, हहो, जी, चुपेचाप आदि। [CG PSC(Pre) 2018]
उदा. –
- ओहा मोर गोठ ला कलेचुप सुनत रिहिस।
- केरा ला हबस खा डारिस।
- रामचरण हर निचट करिया हे।
- राधा हर ठउका हांसत हावे।
- में हर परीक्षा में जइसन-तइसन कर के पास होंय।
(iv) परिमाणवाचक क्रिया विशेषण
जो शब्द क्रिया का परिमाण (नाप-तौल) बताता हो, उन्हें परिमाण वाचक क्रिया विशेषण कहते हैं। जैसे – अतका, अतकी, अतके, अतेक, ओतका, ओतकी, ओतके, वोतकी, जतका, जतकी, जतेक, ततका, ततकी, बिक्कट अक्कन, बहुते, थोरकुन, रंचकन, जादा, थोर-थोर, तिल-तिल, बारी-बारी, थोरिक।
उदा. –
- तैहा बिक्कट गोठियाथस गा।
- ओतकी खा जतका पचा सकस।
- अतकि चाउर मा सबला नी होय।
- मोला कतकी भात दे देहे।
- रंचकुन नुन दे तो गोई।
(B) संबंध बोधक
जो अव्यय किसी संज्ञा के बाद आकर उस संज्ञा का संबंध वाक्य के दूसरे शब्द से दिखाते हैं, उसे संबंध बोधक अव्यय कहते हैं।
जैसे – आगू पाछु में, भितरी, बहिरी, पछोत, के तरी, के खाल्हे, के बरोबर, के सुद्धा, के संग, के इंहा, भर, आसपास आदि।
उदा. – 1. कालि राम ह भितरी कोति गे रहिस।
- मोर घर के आग में बमरी के बड़खाकून रूख हे।
- मछरी पानी के बिना जिन्दा नइ रह सकय।
(C) समुच्चय बोधक
वह अव्यय जो एक वाक्य को दूसरे वाक्य से जोड़ता हो, उसे समुच्चय बोधक अव्यय कहते हैं। जैसे – अउ, अउर, पुव, के, कि, की, तभो, तो, एकरेबर
उदा. – 1. पारबती अउ लक्ष्मी दूनो बहिनी ए।
- मनटोरी हर कतको बला डारही तभा में ओकर घर नइ जांव।
(D) विस्मयादि बोधक अव्यय
जिस अव्यय से शोक, हर्ष, घृणा आदि भाव का पता चलता हो वहाँ विस्मयादि बोधक अव्यय होता है। जैसे :1. छी दाई! अइसन नी देखे रेहेन। 2 ए दाई वो! नी बांचव।
- घृणा बोधक छी, थू, छी बबा, छी दाई।
- शोक बोधक – हाय, ए बबा रे, ए दाई वो, हाय ददा, हाय दाई, आह।
- आशीर्वाद बोधक – जुग जुग जियो, जय हो।
- हर्ष बोधक – वाह, वा, जय हो, धन हे, शाबास।
- आश्चर्य बोधक – बापरे, अरे ददारे, ओहो, हैं, ऐं।
- स्वीकृति बोधक हहो, हौ, हां, हवजी, हं, हूँ, हव। [CG PSC(Pre) 2017]
निपात
निपात वह सहायक शब्द है जिसका प्रयोग श्रव्य भावार्थ प्रदान करने के लिए किया जाता है। निपात शब्दों का भी कोई लिंग वचन नहीं होता है। निपात आठ प्रकार के हो सकते हैं –
- प्रश्नवाचक – का (क्या)
- स्वीकृतिबोधक – हव (हाँ), जी, हाहो, हव जी (जी हाँ)
- आदरबोधक – जी, हजी
- नकारात्मक – नहीं, नहीं जी
- निषेधात्मक – झन (मत)
- तुलनाबोधक – सा (के समान)
- अवधारणा बोधक – ठीक, करीब, लगभग, तकरीबन, ठीक-ठाक
- विस्मयबोधक – काश
[CG PSC(Pre) 2013+17]
महत्वपूर्ण: छत्तीसगढ़ी व्याकरण [CGPSC (PRE & MAINS) Vyapam में पूछे जाने वाले प्रश्न
- निम्नलिखित में से छत्तीसगढ़ी में क्रिया विशेषण शब्द कौन-सा
(B) अंते-तंते
(D) अजार
(A) उद्बत्ती
(C) अखरना
(E) गुंगवाना
उत्तर- (E) [CG PSC(IWO)2018] - छत्तीसगढ़ी में क्रिया विशेषण नहीं है
(A) खाल्हे
(B) तभे
(C) एती
(D) तुरते
(E) तोर
उत्तर- (E) [CG PSC(Pre)2012]
3.रीतिवाचक क्रिया विशेषण पहचानिए
(A) इहाँ
(B) जेतका
(C) ओतका
(D) लकठा
(E) जैसन
उत्तर-(E) [CG PSC(ADH)2018]
- निम्नलिखित में से छत्तीसगढ़ी क्रिया-विशेषण नहीं है
(A) जिहाँ
(B) तुहर
(C) ततका
(D) अभिच
उत्तर- (B) [CG Vyapam(LOI)2018] - छत्तीसगढ़ी में क्रिया विशेषण शब्द है
(A) चुटरों
(B) चुप्पा
(C) चुपचाप
(D) चुरपुर
उत्तर- © [CG PSC(Pre)2018] - निषेधात्मक शब्द है –
(A) पार
(B) डार
(D) झन
(C) बर
(E) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- (D)
[CG PSC(Pre) 2013]
- “ओ ह दिन भर काम करत रहिस” में “दिन भर’ है:
(A) क्रियाविशेषण
(B) संबंधबोधक
(C) समुच्चयबोधक
(D) विस्मयादिबोधक
उत्तर- (A) क्रियाविशेषण [CGPSC(Pre.)2019]
Chhattisgarhi Grammar छत्तीसगढ़ का सम्पूर्ण व्याकरण Click Now
Notes ke liye tq sir ji🙏