छत्तीसगढ़ साहित्यकार सामान्य ज्ञान | CG Writer GK CGPSC AND VYAPAM

Chhattisgarh Writer General Knowledge

छत्तीसगढ़ का सम्पूर्ण सामान्य ज्ञान Cg Mcq Question Answer in Hindi: Click Now

  1. पं० केदारनाथ ठाकुर (1870-1940) : जन्म : रायपुर । प्रमुख कृतियाँ : बस्तर भूषण, भाषा पद्यमय सत्यनारायण, वसन्त विनोद, बस्तर विनोद, विपिन विज्ञान।
  2. पं० रामदयाल तिवारी (1892-1942) : जन्म : रायपुर । प्रमुख कृतियाँ : गाँधी मीमांसा, गाँधी एक्सरेड (अंग्रेजी में), हमारे नेता, स्वराज्य प्रश्नोत्तरी।
  3. पं० लोचन प्रसाद पाण्डेय (1886-1959) : जन्म : बालापुर गाँव, बिलासपुर जिला। ये पं० मुकुटधर पाण्डेय के ज्येष्ठ भ्राता तथा प्रसिद्ध साहित्यकार व इतिहासकार थे। इनकी गणना द्विवेदीयुगीन खड़ी बोली के प्रमुख कवियों में होती है। इन्होंने 1921 ई० में छत्तीसगढ़ गौरव प्रचारक मण्डली की स्थापना की जो बाद में महाकौशल इतिहास परिषद् के नाम से प्रसिद्ध हुई।
  4. पं० सुन्दर लाल शर्मा (1881-1940): 21 दिसम्बर, 1881 को महानदी के तट पर बने ग्राम चन्द्रसूर में जन्मे पण्डित सुन्दर लाल शर्मा ने छत्तीसगढ़ में राजनीतिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक और सामाजिक चेतना की जागृति के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया है। उनका साहित्यिक अवदान भी उल्लेखनीय है। अपने जीवनकाल में उन्होंने काव्य ग्रंथ, नाटक, जीवनी और उपन्यास की रचना की। इन्हें छत्तीसगढ़ का युग प्रवर्तक कवि माना जाता है। उनकी ‘दानलीला’ छत्तीसगढ़ी काव्य की एक प्रवर्तक काव्य-कृति है।
  5. पं० मुकुटधर पाण्डेय (जन्म : 1895, मृत्यु : 6 नवम्बर, 1989): बालपुर (पूर्ववर्ती बिलासपुर जिला) में जन्मे पद्मश्री पं० पाण्डेय ने 1909 से 1983 तक अनवरत साहित्य सेवा की। 1918 में उनका काव्यसंग्रह ‘झरना’ छायावादी कविताओं का प्रथम संग्रह था। उनका रचना फलक व्यापक है। हिन्दी साहित्य के युगान्तकारी काव्य आन्दोलन के प्रारम्भकर्ता पं० मुकुटधर छत्तीसगढ़ के ऐसे पहले विभूति हैं जिन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
  1. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी (जन्म : 1894 ई०, मृत्यु : 1971 ई०) : हिन्दी आलोचना के एक महत्वपूर्ण हस्ताक्षर पदुमलाल बख्शी का जन्म 1894 में खैरागढ़ में हुआ था। वे एक सफल आलोचक, निबन्धकार, कवि और कहानीकार थे। हिन्दी साहित्य में उनका एक उच्च स्थान है।
  2. श्रीकान्त वर्मा (जन्म : 18 सितम्बर, 1931, मृत्यु : 25 मई, 1986) : इनका जन्म छत्तीसगढ़ अंचल (तत्कालीन मध्य प्रदेश) के बिलासपुर में हुआ था। उन्हें कई राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले, उनमें 1973 में मध्य प्रदेश शासन का ‘तुलसी सम्मान’, मध्य प्रदेश शासन का शिखर सम्मान, 1983 में आचार्य नन्दुलारे वाजपेयी पुरस्कार, 1984 में केरल का ‘कुमार आशान’ सम्मान, संयुक्त राष्ट्र संघ युवा परिषद का राष्ट्रीय पुरस्कार, दिल्ली प्रशासन का साहित्य कला परिषद पुरस्कार तथा इन्दिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार उल्लेखनीय हैं। _
  3. पारितोष चक्रवर्ती : कवि, कथाकार एवं उपन्यासकार श्री चक्रवर्ती के हिन्दी साहित्य की अनेकानेक विधाओं में अनेक संकलन प्रकाशित हो चुके हैं। वर्तमान में वे साहित्य सजन के साथ ही बिलासपुर के एक प्रतिष्ठित कोयला संस्थान में उच्चाधिकारी हैं।

9.प्रभाकर चौबे (जन्म : 1 अक्टूबर, 1934) : दैनिक ‘देशबन्धु’ से सम्बद्ध श्री चौबे मूलतः एक व्यंग्यकार हैं। उनकी तीखी टिप्पणियां मानव के अन्तर्मन को झकझोरती हैं। उन्होंने प्रगतिशील लेखक आन्दोलन का नेतृत्व किया है। उनकी अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।

  1. लतीफ घोंघी (जन्म : 28 सितम्बर, 1935) : व्यवसाय से अधिवक्ता, किन्तु एक साहित्यकार एवं व्यंग्यकार के रूप में अत्यधिक लोकप्रिय श्री घोंघी की लगभग 40 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें से अनेक पुस्तकों का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। उनके दूरदर्शन धारावाहिक ‘भैयाजी’ ने उन्हें और भी प्रतिष्ठित किया है। पं० रविशंकर विश्वविद्यालय ने उनके व्यक्तित्व एवं कृत्तित्व पर शोध प्रबंध भी स्वीकृत किया है।

11.लालाजगदलपुरी (जन्म: 17 दिसम्बर, 1920;मृत्यु:2013): मूलतःकविश्रीजगदलपुरी विगत 50 वर्षों से लोक कला, लोक कथा तथा लोक साहित्य पर लेखन कार्य में संलग्न हैं । इनकी लोककथाओं पर 4 तथा लोक कविताओं पर एक संग्रह प्रकाशित हो चुकी है। उनकी कुछ पुस्तकों का ‘हल्बी’ में अनुवाद भी हुआ है।

  1. निरंजन महावर : विगत 35 वर्षों से कविता तथा लेखन क्षेत्र को समर्पित श्री महावर के लोक कला खण्ड संग्रह को अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति मिली है। भारत की आदिवासी कला, छत्तीसगढ़ का विश्वकोश तथा भारत का लोक कला रंगमंच पर प्रकाशित पुस्तकों ने उन्हें राज्य के एक विशिष्ट साहित्यकार के रूप में प्रतिष्ठित किया है।
  2. डॉ. राजेन्द्र मिश्र : हिन्दी के प्रख्यात कवि, लेखक तथा समालोचक डॉ. मिश्र की 4 आलोचना विषयक पुस्तकें, 3 कविता संग्रह तथा 2 सम्पादित संकलन प्रकाशित हो चुके हैं। वे काफी समय से रचना वार्षिकी ‘अक्षर-पर्व’ का भी सम्पादन कर रहे हैं।
  3. त्रिभुवन लाल पाण्डे (जन्म : 21 नवम्बर, 1938) : श्री पाण्डे ने छत्तीसगढ़ में हिन्दी साहित्य के उन्नयन हेतु भगीरथ प्रयास किए हैं। वे अनेकानेक साहित्यिक संस्थाओं के अध्यक्ष तथा महासचिव रहे हैं। उनकी अनेक पुस्तकें, जिनमें ‘झूठ जैसा सच’ तथा ‘पम्पापुर की कथा’ प्रमुख हैं तथा अन्य कहानी संग्रह और उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं।
  4. युसफ करैशी (जन्म : 5 सितम्बर, 1963) : राज्य की सबसे बड़ी वर्ग पहेली के लेखक एवं निर्माता के रूप में लोकप्रिय श्री कुरैशी की अब तक 7 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
  5. विनोद कुमार शुक्ल (जन्म : 1 जनवरी, 1937) : रायपुर स्थित ‘निराला सृजन पीठ’ के अध्यक्ष श्री शुक्ल ने कविता, कहानी तथा उपन्यास क्षेत्र में उल्लेखनीय श्रीवृद्धि की है। इनकी अनेकानेक कविताओं का रूसी, जर्मन तथा अंग्रेजी भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। प्रख्यात फिल्म निर्देशक मणि कौल ने उनके उपन्यास ‘नौकर की कमीज’ को लेकर एक फिल्म भी बनाई है। उन्हें वर्ष 2001 का पं० सुन्दरलाल शर्मा सम्मान तथा अनेकानेक राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक साहित्यिक पुरस्कारों से पुरस्कृत किया जा चुका है।
  6. विनोद शंकर शुक्ल (जन्म : 30 दिसम्बर, 1943) : राज्य के बहुचर्चित लेखक, सम्पादक तथा व्यंग्यकार श्री शुक्ल के अनेकानेक संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी अनेक रचनाओं का आकाशवाणी तथा दूरदर्शन से प्रसारण भी हो चुका है।
  7. हरि ठाकुर (जन्म : 16 अगस्त, 1927): देश के अनेकानेक सामाजिक आन्दोलन से सम्बद्ध रहे श्री ठाकुर के लगभग 150 लेख तथा 20 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्हें लेखन हेतु सम्मानित भी किया गया है।
  8. अशोक वाजपेयी (जन्म : 16 जनवरी, 1941) : भारतीय प्रशासनिक सेवा’ के वरिष्ठ अधिकारी श्री वाजपेयी ने ‘म० प्र० कला परिषद’ के सचिव, ‘राष्ट्रीय संग्रहालय’ के महानिदेशक, ‘इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र’ के न्यास सचिव तथा ‘भारत भवन न्यास’ के अध्यक्ष के रूप में जहाँ साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को संरक्षण दिया है, वहाँ हिन्दी कविता के 13 संकलन, 3 समालोचना ग्रंथ, अंग्रेजी में भारतीय संस्कृति पर 6 पत्रिकाओं तथा 10 पुस्तकों का सम्पादन करके साहित्य के कोष में अभिवृद्धि की है। उन्हें अनेकानेक बार पुरस्कृत एवं सम्मानित किया गया है।

20.डॉ० धनंजय वर्मा (जन्म : 14 जुलाई, 1935) हिन्दी के स्व-नामधन्य लेखक, सम्पादक तथा साहित्यकार डॉ० वर्मा की विविध विधाओं की 10 से अधिक पुस्तकें तथा 5 सम्पादित पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्हें अनेक बार सम्मानित किया जा चुका है।

  1. डॉ. प्रमोद वर्मा : ‘बख्शी सृजनपीठ’ के अध्यक्ष डॉ. वर्मा के अनेक कविता एवं कहानी संग्रह प्रकाशित होकर उन्हें पुरस्कृत कर चुके हैं।
  2. परदेसी राम वर्मा (जन्म : 18 जुलाई, 1947) : ‘जनवादी लेखक संघ के अध्यक्ष श्री वर्मा के उपन्यास ‘प्रस्थान’, 3 कहानी संग्रह, 2 जीवनी संग्रह तथा काव्य संग्रह ‘हाथों के दिन’ ने उन्हें एक साहित्यकार के रूप में प्रतिष्ठित किया है।
  3. रमेश याज्ञिक (जन्म : 26 मई, 1834) : दैनिक ‘देशबन्धु’ से लगभग 35 वर्षों से एक स्तम्भकार के रूप में सम्बद्ध श्री याज्ञिक के अब तक 4 उपन्यास तथा 150 से अधिक लेखों का अनुवाद हो चुका है। उन्हें ‘गणेश शंकर विद्यार्थी सम्मान’ से सम्मानित किया जा चुका है।
  4. डॉ. निरुपमा शर्मा : राज्य की प्रख्यात कवयित्री एवं साहित्यकार डॉ. शर्मा को साहित्य सेवा हेतु महाकवि कपिलनाथ कश्यप जयन्ती समारोह में ‘साहित्यालंकरण सम्मान’ से सम्मानित किया गया है।
  5. विद्याभूषण मिश्र : श्री मिश्र राज्य के विख्यात कवि एवं साहित्यकार हैं। उनकी ‘छत्तीसगढ़ी गीतमाला’, ‘फूल भरे अंचरा’ बहुचर्चित कृतियाँ हैं।

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